पलामूः लोकसभा चुनाव को लेकर पलामू जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. इस बार वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. पलामू लोकसभा क्षेत्र में इस बार किसी भी मतदान केंद्र पर हेलीकॉप्टर से कर्मियों को नही भेजा जाएगा. पिछले दो दशक से नक्सल इलाके में मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से भेजा जाता था.
बूढा पहाड़ का आधा से अधिक इलाका पलामू लोकसभा क्षेत्र में है. नक्सल संगठनों के कमजोर होने के बाद प्रशासन ने इस तरह का कदम उठाया है. बूढा पहाड़ और बिहार की सीमा से सटे इलाकों में हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मियों को भेजा जाता था. पलामू लोकसभा क्षेत्र की सीमा बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है. पलामू जिला प्रशासन ने मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना तैयार किया है. मतददाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा.
पालमू लोकसभा में 67 हजार बढ़ी है मतददाताओं की संख्याः
पलामू लोकसभा क्षेत्र में 26 लाख 13 हजार 735 की आबादी है, इसमें 16 लाख 97 हजार 215 मतदाता हैं. एक हजार की आबादी पर पलामू लोकसभा क्षेत्र में 645 मतदाता हैं. 2023-24 में मतदाता पुनरीक्षण में लोकसभा क्षेत्र में 66 हजार मतदाता बढ़े हैं जबकि 43 हजार वोटरों के नाम को काट दिया गया है. 5 हजार 182 लोगों के आवेदन को रद्द किया गया है. पलामू में मतदाताओं में जेंडर रेशियो 930 है. पलामू के नक्सल इलाकों में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. प्रति हजार आबादी पर 645 वोटर का होना भी अच्छा माना जाता है.
पलामू डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी शशिरंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए स्वीप के तहत योजना तैयार किया गया है. लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही है. कई तरह की गतिविधियों को संचालित किया जाएगा. डॉक्टर, वकील, मीडिया कर्मी, किसान समेत अन्य कर्मियों की सहायता ली जाएगी. वोटरों का उत्साह बढ़ाने के लिए वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा.
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