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11 साल बाद भारत की मिली नागरिकता तो पाक शरणार्थियों के छलके आंसू, जानें क्या कहा... - Pak Refugee indian citizenship - PAK REFUGEE INDIAN CITIZENSHIP

Citizenship Under CAA Rule: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के तहत 14 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई. सीएए से नागरिकता पाए लोगों ने खुशी जताई.

CAA से नागरिकता पाए लोगों ने खुशी जताई.
CAA से नागरिकता पाए लोगों ने खुशी जताई. (Etv Bharat PIB X हैंडल)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 16, 2024, 6:04 PM IST

Updated : May 16, 2024, 6:28 PM IST

नई दिल्ली: नागरिकता (संशोधन) नियम-2019 के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपी. ये शरणार्थी पिछले कई साल से भारत की नागरिकता पाने की जद्दोजहद में लगे थे. पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आए भरत कुमार का भारतीय नागरिकता पाने के लिए चला लंबा संघर्ष 11 साल के इंतजार के बाद समाप्त हो गया. वह बुधवार को सीएए के जरिये नागरिकता पाने वाले उन 14 लोगों में से एक हैं. इसमें से कुछ लोग राजधानी दिल्ली में रहते हैं. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

भरत कुमार ने नागरिकता प्रमाणपत्र मिलने के बाद कहा, 'भारतीय होना एक शानदार एहसास है. इसने एक नया जीवन दिया है.' वहीं, पाकिस्तानी शरणार्थी शीतल दास ने कहा, "हम 5 अक्टूबर 2013 को पाकिस्तान से दिल्ली आए. जब सीएए का बिल पास हुआ तो हम बहुत खुश हुए. उसके बाद हमने नागरिकता पाने की कोशिश की ताकि हम भी कुछ काम शुरू कर सकें. हमने इसके लिए आवेदन किया. नागरिकता एक महीने पहले और हमें 15 मई को मिली. अब, हमारा भविष्य भी उज्ज्वल होगा. हम भारत सरकार के आभारी हैं.''

"हम 2013 में यहां आए थे. हमें पानी और बिजली को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अब हमारे पास नागरिकता है. हमारा नहीं, लेकिन हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा. हमने नागरिकता के लिए बहुत संघर्ष किया. हम खुश हैं और पीएम मोदी के आभारी हैं. हमारे बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह शिक्षित होंगे और उनका भविष्य बेहतर होगा. हमें पाकिस्तानी कहा जाता था, अब कोई हमें भारतीय नहीं कहेगा." यशोदा, पाकिस्तानी शरणार्थी

"जब हम 2013 में आए थे, तब न तो स्कूल थे और न ही बिजली. अब हमारे पास ये दोनों हैं. अब हमे उचित शिक्षा मिलेगी और हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा. मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं. हम नागरिकता पाकर बहुत खुश हैं.''-अमृता, पाकिस्तानी शरणार्थी

भारत की नागरिकता मिलने के बाद पाकिस्तान की हिंदू शरणार्थी भावना कहती हैं " पाकिस्तान में बहुत कठिनाइयां थी. लड़कियां वहां पढ़ नहीं सकती थी. अपने घरों से बाहर नहीं जा सकती थी. मुसलमान हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लेते हैं और उन्हें जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर देते हैं."

भावना आगे कहती हैं, ''जब मैं वहां था तो मैं बहुत छोटा था, मुझे अपने घर के अलावा और कुछ याद नहीं है, क्योंकि हम घर से बाहर बहुत कम निकलते थे. हमारे परिवार के बहुत से सदस्य अभी भी वहां हैं जो भारत आना चाहते हैं. लेकिन वे वीजा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हम अपने देश में आकर बहुत खुश हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने हमारी बहुत मदद की है. हम पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद देते हैं. मैं एक शिक्षक बनना और शिक्षा देना चाहता हूं इस क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं".

नई दिल्ली: नागरिकता (संशोधन) नियम-2019 के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपी. ये शरणार्थी पिछले कई साल से भारत की नागरिकता पाने की जद्दोजहद में लगे थे. पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आए भरत कुमार का भारतीय नागरिकता पाने के लिए चला लंबा संघर्ष 11 साल के इंतजार के बाद समाप्त हो गया. वह बुधवार को सीएए के जरिये नागरिकता पाने वाले उन 14 लोगों में से एक हैं. इसमें से कुछ लोग राजधानी दिल्ली में रहते हैं. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

भरत कुमार ने नागरिकता प्रमाणपत्र मिलने के बाद कहा, 'भारतीय होना एक शानदार एहसास है. इसने एक नया जीवन दिया है.' वहीं, पाकिस्तानी शरणार्थी शीतल दास ने कहा, "हम 5 अक्टूबर 2013 को पाकिस्तान से दिल्ली आए. जब सीएए का बिल पास हुआ तो हम बहुत खुश हुए. उसके बाद हमने नागरिकता पाने की कोशिश की ताकि हम भी कुछ काम शुरू कर सकें. हमने इसके लिए आवेदन किया. नागरिकता एक महीने पहले और हमें 15 मई को मिली. अब, हमारा भविष्य भी उज्ज्वल होगा. हम भारत सरकार के आभारी हैं.''

"हम 2013 में यहां आए थे. हमें पानी और बिजली को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अब हमारे पास नागरिकता है. हमारा नहीं, लेकिन हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा. हमने नागरिकता के लिए बहुत संघर्ष किया. हम खुश हैं और पीएम मोदी के आभारी हैं. हमारे बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह शिक्षित होंगे और उनका भविष्य बेहतर होगा. हमें पाकिस्तानी कहा जाता था, अब कोई हमें भारतीय नहीं कहेगा." यशोदा, पाकिस्तानी शरणार्थी

"जब हम 2013 में आए थे, तब न तो स्कूल थे और न ही बिजली. अब हमारे पास ये दोनों हैं. अब हमे उचित शिक्षा मिलेगी और हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा. मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं. हम नागरिकता पाकर बहुत खुश हैं.''-अमृता, पाकिस्तानी शरणार्थी

भारत की नागरिकता मिलने के बाद पाकिस्तान की हिंदू शरणार्थी भावना कहती हैं " पाकिस्तान में बहुत कठिनाइयां थी. लड़कियां वहां पढ़ नहीं सकती थी. अपने घरों से बाहर नहीं जा सकती थी. मुसलमान हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लेते हैं और उन्हें जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर देते हैं."

भावना आगे कहती हैं, ''जब मैं वहां था तो मैं बहुत छोटा था, मुझे अपने घर के अलावा और कुछ याद नहीं है, क्योंकि हम घर से बाहर बहुत कम निकलते थे. हमारे परिवार के बहुत से सदस्य अभी भी वहां हैं जो भारत आना चाहते हैं. लेकिन वे वीजा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. हम अपने देश में आकर बहुत खुश हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने हमारी बहुत मदद की है. हम पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद देते हैं. मैं एक शिक्षक बनना और शिक्षा देना चाहता हूं इस क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं".

Last Updated : May 16, 2024, 6:28 PM IST
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