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813वां उर्स : ख्वाजा के दर पर वापस आने की ख्वाहिश लेकर वतन को लौटे पाकिस्तानी जायरीन - KWAJA URS IN AJMER

अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आए जायरीन शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस पाकिस्तान लौट गए.

Kwaja Urs in Ajmer
अपने वतन लौटे पाकिस्तानी जायरीन (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2025, 7:29 PM IST

अजमेर: दोबारा फिर ख्वाजा की नगरी में आने की ख्वाइश के साथ शुक्रवार को पाकिस्तानी जायरीन अपने वतन को लौट गए. पाकिस्तानी जायरीन चार दिन पहले ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में हाजिरी लगाने के लिए आए थे. अजमेर से शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से दो कोच में पाक जायरीन को कड़ी सुरक्षा में दिल्ली भेजा गया. दिल्ली से पाक जायरीन वाघा बॉर्डर से अपने वतन को लौटेंगे.

यहां आए पाकिस्तानी जायरीन लौटते हुए अजमेर की कई यादें अपने साथ लेकर गए हैं. वे यहां की मेहमाननवाजी से खुश नजर आए. पाक जायरीन ने अजमेर का स्वाद कढ़ी, कचौड़ी और सोहन हलवा भी चखा. वहीं, यहां के नॉनवेज खाने का आनंद भी लिया. पाक जायरीन को हमेशा की तरह चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ही ठहराया गया था. जहां उनके रहने खाने पीने क्या इंतजाम किए गए थे. वहीं उनकी सुरक्षा भी कड़ी की गई थी.

पाकिस्तानी जायरीन (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें: बड़े कुल की रस्म के साथ उर्स मेला सम्पन्न, जुम्मे की नमाज में उमड़े लाखों अकीदतमंद

परिवार और रिश्तेदारों के लिए खरीदे तौफे: जियारत के बाद जायरीन ने जमकर खरीदारी की. उन्होंने अजमेर का प्रसिद्ध सोहन हलवा खरीदा. वहीं, अजमेर से कपड़े व पान समेत कई तौफे और समान भी खरीदे. पाक जायरीन की कम संख्या दोनों मुल्कों के बीच के हालातों को बयान करती है. गत वर्ष 230 पाक जायरीन अजमेर आए थे. जबकि इस बार महज 89 पाक जायरीन ही अजमेर आए. पूर्व एडीएम सिटी सुरेश सिंधी बताते है कि पाक जायरीन का कम आना दोनों मुल्कों के बीच के हालातों पर निर्भर करता है. सिंधी ने बताया कि दोनों मुल्कों के बीच संधि है कि 500 ही श्रद्धालु एक साथ इधर उधर जा सकते है. उस संधि के तहत ही पाक जायरीन अजमेर आते है.

सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से बसों में लाए रेलवे स्टेशन:पाकिस्तानी जरीन को अजमेर में चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में रखा गया था. जहां से पाक जायरीन को कड़ी सुरक्षा के साथ रोडवेज बसों से रेलवे स्टेशन लाया गया. सुरक्षा एजेंसियों ने प्लेटफार्म नंबर 1 को खाली करवा लिया गया. जांच पड़ताल के बाद पाकिस्तानी जायरीन को ट्रेनों में चढ़ने दिया गया. ट्रेन में चढ़ने और ट्रेन के रवाना होने के बाद चार दिन तक पाकिस्तानी जायरीन की व्यवस्थाओं और सुरक्षा में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों ने राहत की सांस ली.

अजमेर: दोबारा फिर ख्वाजा की नगरी में आने की ख्वाइश के साथ शुक्रवार को पाकिस्तानी जायरीन अपने वतन को लौट गए. पाकिस्तानी जायरीन चार दिन पहले ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में हाजिरी लगाने के लिए आए थे. अजमेर से शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से दो कोच में पाक जायरीन को कड़ी सुरक्षा में दिल्ली भेजा गया. दिल्ली से पाक जायरीन वाघा बॉर्डर से अपने वतन को लौटेंगे.

यहां आए पाकिस्तानी जायरीन लौटते हुए अजमेर की कई यादें अपने साथ लेकर गए हैं. वे यहां की मेहमाननवाजी से खुश नजर आए. पाक जायरीन ने अजमेर का स्वाद कढ़ी, कचौड़ी और सोहन हलवा भी चखा. वहीं, यहां के नॉनवेज खाने का आनंद भी लिया. पाक जायरीन को हमेशा की तरह चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ही ठहराया गया था. जहां उनके रहने खाने पीने क्या इंतजाम किए गए थे. वहीं उनकी सुरक्षा भी कड़ी की गई थी.

पाकिस्तानी जायरीन (ETV Bharat Ajmer)

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परिवार और रिश्तेदारों के लिए खरीदे तौफे: जियारत के बाद जायरीन ने जमकर खरीदारी की. उन्होंने अजमेर का प्रसिद्ध सोहन हलवा खरीदा. वहीं, अजमेर से कपड़े व पान समेत कई तौफे और समान भी खरीदे. पाक जायरीन की कम संख्या दोनों मुल्कों के बीच के हालातों को बयान करती है. गत वर्ष 230 पाक जायरीन अजमेर आए थे. जबकि इस बार महज 89 पाक जायरीन ही अजमेर आए. पूर्व एडीएम सिटी सुरेश सिंधी बताते है कि पाक जायरीन का कम आना दोनों मुल्कों के बीच के हालातों पर निर्भर करता है. सिंधी ने बताया कि दोनों मुल्कों के बीच संधि है कि 500 ही श्रद्धालु एक साथ इधर उधर जा सकते है. उस संधि के तहत ही पाक जायरीन अजमेर आते है.

सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से बसों में लाए रेलवे स्टेशन:पाकिस्तानी जरीन को अजमेर में चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में रखा गया था. जहां से पाक जायरीन को कड़ी सुरक्षा के साथ रोडवेज बसों से रेलवे स्टेशन लाया गया. सुरक्षा एजेंसियों ने प्लेटफार्म नंबर 1 को खाली करवा लिया गया. जांच पड़ताल के बाद पाकिस्तानी जायरीन को ट्रेनों में चढ़ने दिया गया. ट्रेन में चढ़ने और ट्रेन के रवाना होने के बाद चार दिन तक पाकिस्तानी जायरीन की व्यवस्थाओं और सुरक्षा में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों ने राहत की सांस ली.

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