रायपुर : 2 जुलाई को राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ई तिहार का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से स्कूली बच्चों की माताओं को ये बताया गया कि घर पर बच्चों को कैसे पढ़ाई करवाना है. किस ढंग से उन्हें लिखना सीखाना है.कई बार नव प्रवेशी बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं और पढ़ाई नहीं करते. ऐसे में समग्र शिक्षा के माध्यम से बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए प्राथमिक स्कूलों में पढ़ई तिहार का आयोजन किया जाता है.
पहली बार स्कूल आने वाले बच्चों के लिए सेशन : पढ़ई तिहार की नोडल अधिकारी बरखा शर्मा ने बताया कि "सभी छोटे बच्चे जो की पहली बार स्कूल में भर्ती होते हैं. उनके लिए पढ़ई तिहार का आयोजन किया गया है. पढ़ाई को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूल में पढ़ई तिहार आयोजित किया गया. छोटे बच्चे जिनका पहली बार एडमिशन हुआ है. वो कई बार स्कूल आने से डरते हैं और स्कूल आना पसंद नहीं करते. ऐसी स्थिति को देखते हुए शिक्षा से माता और बच्चों को जोड़ने के लिए और शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के लिए पढ़ई तिहार आयोजित किया गया है.''
''यह आयोजन समग्र शिक्षा के अंतर्गत आता है. स्वप्रेरित टीचरों के माध्यम से कोरोना काल के पहले भी शुरू हुआ था. अब इसका आयोजन बड़े रूप में किया जा रहा है. एक रंग एक वेशभूषा की थीम पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम से बच्चों की माताएं स्कूल की मुख्य धारा से जुड़कर घर में बच्चों को पढ़ाई की तैयारी कैसे करा सकती है. इसकी जानकारी दी जा रही है."- बरखा शर्मा, नोडल अफसर