गढ़वा: जिले में धान अधिप्राप्ति के बाद अब मिलर के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. धान का उठाव नहीं होने के कारण पैक्स के बाहर धान पड़ा हुआ है, जिससे धान खराब होने का डर सहकारिता विभाग को सता रहा है, वहीं दो लाख क्विंटल धान की अधिप्राप्ति करने के लक्ष्य में रुकावट आ रही है.
अबतक जिले में एक लाख क्विंटल से अधिक खरीदा गया है धान
गढ़वा जिले में 47 पैक्स एवं 5 एफपीओ केंद्रों पर धान क्रय केंद्र खोला गया है. जिले में कुल 1245 किसानों को रजिस्टर्ड किया गया है, जिससे आपूर्ति विभाग ने धान क्रय किया है. सरकार ने गढ़वा जिले से दो लाख क्विंटल का लक्ष्य रखा है, इसके विरुद्ध विभाग ने अबतक एक लाख 6 हजार 428 क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. लेकिन मिलर की लापरवाही से पैक्स मे धान पड़ा हुआ है, जिसके चलते अब धान खराब होने की स्थिति में आ गया है.
गढ़वा जिला में धान मिलिंग के लिए मिली है तीन मिलर को स्वीकृति
विभाग ने जिले मे धान उठाव के लिए तीन मिलर का चयन किया है, जिसमे दो पलामू के जबकि एक रांची का है. नियम है कि मिलर को पैक्स से धान उठाने के पहले उसका 68 प्रतिशत चावल जमा करना पड़ता है, जिसे सीएमआर कहते हैं. अगर देखा जाय तो जिस रेसियो से धान का उठाव होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से धान अधिप्राप्ति करने के लक्ष्य से लगभग 50 प्रतिशत पीछे है.
अबतक 37 हजार क्विंटल धान का उठाव मिलर द्वारा किया गया है
गढ़वा में देखा जाय तो मिलर द्वारा अब तक 37 हजार क्विंटल धान का उठाव किया गया है, जबकि 24 हजार क्विंटल चावल जमा किया गया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धान का उठाव कितना प्रतिशत कम हुआ है और जब तक पूरा धान का उठाव नहीं हो जाता तब तक धान खरीदी का दूसरा लॉट शुरू नहीं होगा.
धान उठाव के अभाव में बाहर रखे गए हैं धान खराब होने की है संभावना
मिलर की लापरवाही से खरीदे गए पैक्स के धान का उठाव नहीं होने की वजह से कई जगहों पर धान बाहर खुले में रखा गया है, जो धीरे धीरे अब खराब होने की स्थिति मे आ गया है. पैक्स के अध्यक्ष भी कहते हैं कि मिलर समय से धान नहीं उठाएगा तो हमलोगों को काफी घाटा हो जाएगा और ये मिलर की लापरवाही के कारण हो रहा है.
धान का नुकसान हुआ तो उसका भरपाई सहकारिता विभाग को करना पड़ेगा
धान खराब होने को लेकर सहकारिता विभाग काफी चिंतित है. उनका मानना है कि जितना लेट होगा, धान का वजन उतना ही घटेगा और खराब भी होगा. मिलर समय से न तो सीएमआर जमा कर रहा है और न ही धान का उठाव कर रहा है. जिसके चलते धान की खरीदारी रुकी हुई है और किसान परेशान हैं.
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