ETV Bharat / state

मशरूम की खेती में युवाओं की दिलचस्पी बढ़ी, कम लागत में लाखों कमा रहा बेतिया का युवा किसान

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 10, 2024, 12:39 PM IST

Updated : Mar 10, 2024, 2:24 PM IST

Oyster Mushroom Farming: बेतिया का युवा किसान अपने झोपड़ी नुमा घर से लाखों की कमाई कर रहा है. इसने अपने घर में मशरूम की फसल लगाई है, जिससे लाखों की कमाई हो रही है.

मशरूम की खेती
मशरूम की खेती
देखें वीडियो

बेतिया: आधुनिक तरीकों की वजह से युवाओं का रुझान खेती की तरफ बढ़ने लगा है. आज के युवा नौकरी के पीछे भागना छोड़कर स्वावलंबी बन रहे हैं, वहीं दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. मशरूम की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का एक जरिया बन गया है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है. बेतिया के युवा किसान भी इसकी खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे है.

ऑयस्टर मशरूम की खेती
ऑयस्टर मशरूम की खेती

मशरूम की खेती से लाखों की कमाई: जिले के मझौलिया प्रखंड के करमवा के रहने वाले युवा किसान आर्यन मशरूम की खेती कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं. आर्यन अपने एक झोपड़ी नुमा घर में ऑयस्टर मशरूम की खेती कर काफी खुश है. उन्होंने बताया कि कम समय, कम जगह और कम लागत में अच्छी कमाई मिल रही है.

5 हजार की लागत से लाखों की कमाई: आर्यन ने बताया कि मशहूर की खेती के लिए उन्होंने मात्र पांच हजार रुपए खर्च किए, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिला. उन्होंने मशरूम की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण भी लिया हैं. जब उन्हें सफलता मिली तो दूसरे भी उनसे खेती के तरीके की जानकारी लेने आने लगे ताकि वे भी आधुनिक खेती कर आत्मनिर्भर बन सकें. वहीं इसे तैयार करने में कम जगह की ही आवश्यकता होती है.

झोपड़ी में किसान उपजा रहा मशरूम
झोपड़ी में किसान उपजा रहा मशरूम

"हजार की लागत लगाकर लाखों की कमाई की जा रही है. बाजार में मशरूम का अच्छा दम भी मिल रहा है. इसकी डिमांड भी बाजारों में है. यही देखकर झोपड़ी नुमा घर में ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू कर दी. आज उस मशरूम की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं."- आर्यन, युवा किसान

मशरूम की खेती का तरीका: युवा किसान आर्यन ने बताया कि ऑयस्टर मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 20-30 डिग्री होनी चाहिए. ऑयस्टर मशरूम को उगाने के लिए गेहूं व धान के भूसे और दानों का इस्तेमाल किया जाता है. यह मशरूम 2.5 से 3 महीने में तैयार हो जाता है. मशरूम की अलग-अलग प्रजाति के लिए अलग-अलग तापमान की आवश्यकता होती है. उन्होंने दिसंबर में अपनी फसल लगाई थी, जो फरवरी तक तैयार हो गई.

ऑयस्टर मशरूम
ऑयस्टर मशरूम से लाखों की कमाई

लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा: आर्यन ने बताया कि "यह नए युग की नई फसल है. इसकी खेती परिवार का कोई भी सदस्य आसानी से कर सकता है. बाजार में ऑयस्टर मशरूम 180 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिक जाता है. लागत मूल्य से कई गुना ज्यादा मुनाफा देता है." बता दें कि मुनाफा को देखते हुए महिलाएं भी इसकी खेती की तरफ आर्कषित हैं, और इसे उपजा कर अच्छी कमाई कर रही हैं.

मशरूम के प्रकार: बता दें कि मशरूम की कई किस्में होती हैं. इसमें सफेद बटन मशरूम, ढींगरी यानी ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम और शिटाके मशरूम काफी फेमस हैं. इन्हें उगाने के लिये खाद्य-मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि एक छोटे से कमरे में भी सिर्फ कंपोस्ट और धान-गेहूं के अवशेषों से ही अच्छी उत्पाद हो जाती है. ढिंगरी मशरूम की खेती के लिये बड़े पॉलीबैग में या मिट्टी के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 'मन की बात' का असर, छपरा में युवक ने लगाया मशरूम प्लांट, 40 लोगों को दिया रोजगार

मसौढ़ी के सीताराम बदल रहे दर्जनों परिवारों की जंदगी, महिलाओं को दे रहे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण

कटिहार के किंकर दास ने खुद बनाई स्वाबलंबन की राह, अब दूसरों की बना रहे हैं राह आसान

देखें वीडियो

बेतिया: आधुनिक तरीकों की वजह से युवाओं का रुझान खेती की तरफ बढ़ने लगा है. आज के युवा नौकरी के पीछे भागना छोड़कर स्वावलंबी बन रहे हैं, वहीं दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. मशरूम की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का एक जरिया बन गया है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है. बेतिया के युवा किसान भी इसकी खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे है.

ऑयस्टर मशरूम की खेती
ऑयस्टर मशरूम की खेती

मशरूम की खेती से लाखों की कमाई: जिले के मझौलिया प्रखंड के करमवा के रहने वाले युवा किसान आर्यन मशरूम की खेती कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं. आर्यन अपने एक झोपड़ी नुमा घर में ऑयस्टर मशरूम की खेती कर काफी खुश है. उन्होंने बताया कि कम समय, कम जगह और कम लागत में अच्छी कमाई मिल रही है.

5 हजार की लागत से लाखों की कमाई: आर्यन ने बताया कि मशहूर की खेती के लिए उन्होंने मात्र पांच हजार रुपए खर्च किए, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिला. उन्होंने मशरूम की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण भी लिया हैं. जब उन्हें सफलता मिली तो दूसरे भी उनसे खेती के तरीके की जानकारी लेने आने लगे ताकि वे भी आधुनिक खेती कर आत्मनिर्भर बन सकें. वहीं इसे तैयार करने में कम जगह की ही आवश्यकता होती है.

झोपड़ी में किसान उपजा रहा मशरूम
झोपड़ी में किसान उपजा रहा मशरूम

"हजार की लागत लगाकर लाखों की कमाई की जा रही है. बाजार में मशरूम का अच्छा दम भी मिल रहा है. इसकी डिमांड भी बाजारों में है. यही देखकर झोपड़ी नुमा घर में ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू कर दी. आज उस मशरूम की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं."- आर्यन, युवा किसान

मशरूम की खेती का तरीका: युवा किसान आर्यन ने बताया कि ऑयस्टर मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 20-30 डिग्री होनी चाहिए. ऑयस्टर मशरूम को उगाने के लिए गेहूं व धान के भूसे और दानों का इस्तेमाल किया जाता है. यह मशरूम 2.5 से 3 महीने में तैयार हो जाता है. मशरूम की अलग-अलग प्रजाति के लिए अलग-अलग तापमान की आवश्यकता होती है. उन्होंने दिसंबर में अपनी फसल लगाई थी, जो फरवरी तक तैयार हो गई.

ऑयस्टर मशरूम
ऑयस्टर मशरूम से लाखों की कमाई

लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा: आर्यन ने बताया कि "यह नए युग की नई फसल है. इसकी खेती परिवार का कोई भी सदस्य आसानी से कर सकता है. बाजार में ऑयस्टर मशरूम 180 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिक जाता है. लागत मूल्य से कई गुना ज्यादा मुनाफा देता है." बता दें कि मुनाफा को देखते हुए महिलाएं भी इसकी खेती की तरफ आर्कषित हैं, और इसे उपजा कर अच्छी कमाई कर रही हैं.

मशरूम के प्रकार: बता दें कि मशरूम की कई किस्में होती हैं. इसमें सफेद बटन मशरूम, ढींगरी यानी ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम और शिटाके मशरूम काफी फेमस हैं. इन्हें उगाने के लिये खाद्य-मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि एक छोटे से कमरे में भी सिर्फ कंपोस्ट और धान-गेहूं के अवशेषों से ही अच्छी उत्पाद हो जाती है. ढिंगरी मशरूम की खेती के लिये बड़े पॉलीबैग में या मिट्टी के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 'मन की बात' का असर, छपरा में युवक ने लगाया मशरूम प्लांट, 40 लोगों को दिया रोजगार

मसौढ़ी के सीताराम बदल रहे दर्जनों परिवारों की जंदगी, महिलाओं को दे रहे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण

कटिहार के किंकर दास ने खुद बनाई स्वाबलंबन की राह, अब दूसरों की बना रहे हैं राह आसान

Last Updated : Mar 10, 2024, 2:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.