रांची: चंपई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए बुलाए गये दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन सत्ता पक्ष के निशाने पर रहे, जबकि विपक्ष ने उनका बचाव किया. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरु होते ही भाजपा विधायकों ने कहा कि कल राज्यपाल से यह सरकार झूठी उपलब्धियां गिनवा रही थी. उस वक्त तीन मंत्रियों को छोड़कर सत्ता पक्ष के सभी विधायक हूटिंग कर रहे थे. ऐसा किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में झामुमो के वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी ने कहा कि ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर उनके व्यक्तित्व को साजिश के तहत कलंकित किया. उनकी अरेस्टिंग राजभवन में हुई. उनको राजभवन के बाहर भी अरेस्ट किया जा सकता था. सारा तंत्र इस सरकार के खिलाफ लगा हुआ था.
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि कल संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया. जब वे सरकार की उपलब्धि पढ़ रहे थे, तब उनकी भाषा बिल्कुल गलत थी. ऐसा आचरण आजतक किसी भी राज्यपाल ने नहीं किया. कहा जाता है कि जब आप सूरज की तरफ मुंह करके थूकते हैं तो वह आपके ऊपर गिरता है. कल भाजपा विधायकों की नजरें शर्मिंदगी से झुकी हुई थी. भाजपा को कॉर्पोरेट दलाल निशिकांत दूबे चला रहा है. इनके विधायक रणधीर सिंह ने हकीकत को सदन के बाहर कहा. उन्होंने कहा कि निशिकांत दूबे पार्टी से बड़ा नहीं हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने दलितों के मसले पर ऐसी बात कहीं जिसे प्रोसिडिंग से हटा दिया गया. मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हुआ तो स्मृति इरानी के मुंह पर टेप लग गया. अंकिता भंडारी का मामला किस वीआईपी की वजह से जांच से रुका हुआ है.
दलितों के खिलाफ दीपिका पांडेय सिंह के कथन को असंसदीय करार देते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने उसे प्रोसिडिंग से बाहर करने की मांग की. उन्होंने कहा कि उनकी भाषा भारतीय नारी की भाषा हो ही नहीं सकती. उनको माफी मांगनी चाहिए. बाबा साहेब को दिल्ली में दफनाने के लिए कांग्रेस ने दो गज जमीन नहीं दी. कांग्रेस के लोग कैसे दलितों के हित की बात कर सकते हैं. इसपर स्पीकर ने असंसदीय शब्द को एक्सपंज कर दिया. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी राजभवन पर निशाना साधा. 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने के बाद जब विधायकों ने नहीं खरीद पाए तो राजभवन को आगे कर दिया.
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि पूर्ववर्ती हेमंत सरकार ने प्रकृति और संस्कृति के साथ अन्याय किया. दस-दस नोटिस भेजना पड़ा ईडी को. पहली नोटिस पर क्यों नहीं आ गये. ये लोग आदिवासियों और मूलवासियों को बेवकूफ समझते हैं. यहां आदिवासियों को ईसाई बनाया जा रहा है. मुस्लिम वर्ग के लोग शादी करके यहां की डेमोग्राफी बदल रहे हैं. पिछले दिनों असली आदिवासी मोरहाबादी में इकट्ठा हुए थे. क्योंकि साहिबगंज से सिमडेगा तक आदिवासियों को बहला फुलसाकर अन्याय हो रहा है. उनके साथ बलात्कार हो रहे हैं. टुकड़ों में काटा जा रहा है. एके-47 के साथ पकड़े गये प्रेम प्रकाश पर कोई एफआईआर नहीं. पूजा सिंघल पर कोई एफआईआर नहीं. साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव पर कोई एफआईआर नहीं. साइकिल में कोयला ढोने वालों के साथ राहुल गांधी ने तस्वीर खिंचवाई. क्या यह सरकार राहुल गांधी पर प्राथमिकी दर्ज करने की हिम्मत रखती है. चार साल बाद नियुक्ति निकली तो पेपर लीक हो गया. अगर सीएम में हिम्मत है तो पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच हो.
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध नहीं किया. हमने आग्रह किया कि आप केंद्र को संदेश भेजे कि राज्य के कामकाज में ईडी और सीबीआई बाधक ना बने. चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव में जो धांधली हुई, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की, उसे पूरे देश ने देखा. अब देश को गुजरात एंड कंपनी चलाना चाह रही है.
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने साफ किया कि यह कहना कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी राजभवन में हुई थी, यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने खुद ईडी के दस्तावेज पर अपने हाथों से लिखा है कि उनको गिरफ्तार करने की जानकारी शाम 5 बजे ही दे दी गई थी. राजभवन में इस्तीफा के बाद रात 10 बजे उनको ईडी ने गिरफ्तार किया और अपने साथ कार्यालय लेकर चली गई.
राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से सीएम चंपई सोरेन की जगह मंत्री आलमगीर आलम ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही शिबू सोरेन को कोयला मंत्री बनाया था. राहुल गांधी उलाहातू जाने वाले थे लेकिन उनके परिवार वाले ही मिलने आ गये. कल से भाजपा के लोग सिर्फ कांग्रेस के बारे में बोल रहे हैं. आने वाले समय में यह देश कांग्रेसमय होगा. यही पार्टी संविधान और लोकतंत्र को सुरक्षित रख सकती है. आज पार्ट-2 की चर्चा हो रही है. 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को बहुमत मिला था. लेकिन सरकार को हमेशा गिराने की साजिश की गई. यह सरकार सभी अधूरे काम को पूरा करेगी. इसी वजह से सीएम चंपई सोरेन ने कहा है कि हम पार्ट-2 हैं. मंत्री आलमगीर आलम ने पेंशन योजना, अबुआ आवास योजना का जिक्र किया. खास बात है कि सरकार के जवाब के दौरान भाजपा और आजसू के अलावा निर्दलीय विधायक अमित यादव ने सदन से वॉक आउट कर दिया. धन्यवाद प्रस्ताव पर संशोधन बहुमत के साथ खारिज हो गये.
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सदन में हेमंत सोरेन का नाम लिए बगैर यह कहते नजर आए कि एक शख्स थे जो खुद को शेर का बच्चा कहते थे लेकिन पिंजरा में चले गए. इतना ही नहीं सदन में एक बार तो स्थिति ऐसी बन गई की भानु प्रताप शाही के संबोधन के वक्त इरफान अंसारी जैसे ही टोका टोकी करने लगे तो भानु ने इरफान को कहा कि बहुत बड़ा रंगबाज बना है बैठो इस पर हफीजुल खड़े हुए और उंगली दिखाकर ललकारने लगे. भाजपा विधायक भानु प्रताप ने हफीजुल को कहा उंगली नीचे करिए हम डरने वाले नहीं हैं. कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडे दलित महिला उत्पीड़न पर फंसती नजर आई. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी को संबोधित करते हुए कहा कि आप दलितों की बात करते हैं लेकिन इसी देश में दलित महिला के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. अमर बाउरी ने पलटवार करते हुए कहा है कि एक महिला विधायक ने जिस भाषा का प्रयोग किया है वह भारतीय नारी की भाषा के अनुरूप नहीं है यह सदन की मर्यादाओं के खिलाफ है उनको माफी मांगना चाहिए. अमर बाउरी के आग्रह पर दीपिका पांडे सिंह के दलित महिलाओं को लेकर दिए गए बयान को स्पीकर ने कार्यवाही से निकलने का आदेश दिया.
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