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दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना में 1 लाख से अधिक वाहन हुए शामिल, परिवहन मंत्री ने कही ये बात - Delhi Motor Vehicle Aggregator

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 13, 2024, 10:47 PM IST

Delhi Motor Vehicle Aggregator: दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना में अब तक एक लाख से अधिक वाहन शामिल हो चुके हैं. इसपर परिवहन मंत्री कहा है कि यह व्यवसायों के विश्वास को दर्शाता है. आइए जानते हैं उन्होंने आगे क्या कहा..

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना की अधिसूचना के बाद से, अब तक 1 लाख से अधिक वाहन इसमें शामिल हो चुके हैं. अब तक 21 संगठनों ने एग्रीगेटर या डिलीवरी सेवा प्रदाता के रूप में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. इन संगठनों में स्मार्टशिफ्ट लॉजिस्टिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जोमैटो लिमिटेड, ब्लिंक कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड, मोईविंग अर्बन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एलएमईवी लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड,और उबर इंडिया शामिल हैं.

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार से इस स्कीम को अपनाया गया है, वह हमारी सतत् और प्रभावी अर्बन मोबिलिटी के प्रति व्यवसायों के विश्वास को दर्शाता है. यह पहल न केवल हरित गतिशीलता (ग्रीम मोबिलिटी) को बढ़ावा देगी, बल्कि परिवहन क्षेत्र में सेवा गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए उच्च मानक भी स्थापित करेगी.

दिल्ली सरकार ने नवंबर 2023 में दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को अधिसूचित किया था. यह योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है. यह स्कीम वैसे सेवा प्रदाताओं पर लागू होती है, जिनके बेड़े में 25 या उससे अधिक मोटर वाहन (2, 3 और चार पहिया, बसों को छोड़कर) हैं और जो ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल मध्यस्थ का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं.

योजना के तहत सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था. एक बार प्राप्त होने के बाद, लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा. इसके बाद वार्षिक शुल्क लगेगा जो की इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में शून्य है. इसके अतिरिक्त दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है.

एग्रीगेटर विद्युतीकरण का ये है लक्ष्य: दोपहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य की समय सीमा 6 महीने है. वहीं तीनपहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण की समय सीमा 6 महीने में 10 प्रतिशत, 1 वर्ष में 25 प्रतिशत, 2 वर्ष में 50 प्रतिशत, 3 वर्ष में 75 प्रतिशत और 4 वर्ष में 100 प्रतिशत है. इसके अलावा चार पहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण की समय सीमा 6 महीने में 5 प्रतिशत, 1 साल में 15 प्रतिशत, 2 साल में 25 प्रतिशत, 3 साल में 50 प्रतिशत, 4 साल में 75 प्रतिशत और 5 साल में 100 प्रतिशत है.

डिलिवरी सेवा प्रदाता विद्युतीकरण का लक्ष्य: दोपहिया और तीन पहिया माल वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य 6 महीने में 10 प्रतिशत, 1 वर्ष में 25 प्रतिशत, 2 वर्ष में 50 प्रतिष्ठा, 3 वर्ष में 75 प्रतिशत और 4 वर्ष में 100 प्रतिशत है. वहीं चार पहिया वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य 6 महीने में 5 प्रतिशत, 1 साल में 15 प्रतिशत, 2 साल में 25 प्रतिशत, 3 साल में 50 प्रतिशत, 4 साल में 75 प्रतिशत और 5 साल में 100 प्रतिशत है.

एक लाख रुपये तक जुर्माना: इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रावधान है. नियमों का उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपये तक दंड का प्रावधान है. अनुपालन नहीं करने वाले कैब एग्रीगेटर्स को नीति के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: वाहन खरीदारों को आरसी में देरी करने वाले डीलरों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, परिवहन मंत्री ने दिए आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना की अधिसूचना के बाद से, अब तक 1 लाख से अधिक वाहन इसमें शामिल हो चुके हैं. अब तक 21 संगठनों ने एग्रीगेटर या डिलीवरी सेवा प्रदाता के रूप में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. इन संगठनों में स्मार्टशिफ्ट लॉजिस्टिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जोमैटो लिमिटेड, ब्लिंक कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड, मोईविंग अर्बन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एलएमईवी लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड,और उबर इंडिया शामिल हैं.

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार से इस स्कीम को अपनाया गया है, वह हमारी सतत् और प्रभावी अर्बन मोबिलिटी के प्रति व्यवसायों के विश्वास को दर्शाता है. यह पहल न केवल हरित गतिशीलता (ग्रीम मोबिलिटी) को बढ़ावा देगी, बल्कि परिवहन क्षेत्र में सेवा गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए उच्च मानक भी स्थापित करेगी.

दिल्ली सरकार ने नवंबर 2023 में दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को अधिसूचित किया था. यह योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है. यह स्कीम वैसे सेवा प्रदाताओं पर लागू होती है, जिनके बेड़े में 25 या उससे अधिक मोटर वाहन (2, 3 और चार पहिया, बसों को छोड़कर) हैं और जो ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल मध्यस्थ का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं.

योजना के तहत सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था. एक बार प्राप्त होने के बाद, लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा. इसके बाद वार्षिक शुल्क लगेगा जो की इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में शून्य है. इसके अतिरिक्त दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है.

एग्रीगेटर विद्युतीकरण का ये है लक्ष्य: दोपहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य की समय सीमा 6 महीने है. वहीं तीनपहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण की समय सीमा 6 महीने में 10 प्रतिशत, 1 वर्ष में 25 प्रतिशत, 2 वर्ष में 50 प्रतिशत, 3 वर्ष में 75 प्रतिशत और 4 वर्ष में 100 प्रतिशत है. इसके अलावा चार पहिया यात्री वाहनों के लिए विद्युतीकरण की समय सीमा 6 महीने में 5 प्रतिशत, 1 साल में 15 प्रतिशत, 2 साल में 25 प्रतिशत, 3 साल में 50 प्रतिशत, 4 साल में 75 प्रतिशत और 5 साल में 100 प्रतिशत है.

डिलिवरी सेवा प्रदाता विद्युतीकरण का लक्ष्य: दोपहिया और तीन पहिया माल वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य 6 महीने में 10 प्रतिशत, 1 वर्ष में 25 प्रतिशत, 2 वर्ष में 50 प्रतिष्ठा, 3 वर्ष में 75 प्रतिशत और 4 वर्ष में 100 प्रतिशत है. वहीं चार पहिया वाहनों के लिए विद्युतीकरण लक्ष्य 6 महीने में 5 प्रतिशत, 1 साल में 15 प्रतिशत, 2 साल में 25 प्रतिशत, 3 साल में 50 प्रतिशत, 4 साल में 75 प्रतिशत और 5 साल में 100 प्रतिशत है.

एक लाख रुपये तक जुर्माना: इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रावधान है. नियमों का उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपये तक दंड का प्रावधान है. अनुपालन नहीं करने वाले कैब एग्रीगेटर्स को नीति के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

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