रायपुर: महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की तुलना में अंडाशय के कैंसर कम होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अंडाशय के कैंसर के क्या लक्षण हैं. इसके बचाव और क्या उपाय हैं, जिससे अंडाशय के कैंसर से बचा जा सके. महिलाओं के अंडाशय में होने वाले कैंसर के बारे में आप क्या जानते हैं. इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने विस्तार से जानकारी दी है.
इन महिलाओं को होती है ओवेरियन कैंसर : स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बताया, "ओवेरियन कैंसर या अंडाशय का कैंसर महिलाओं के अंडाशय में होने वाले कैंसर को कहा जाता है. सामान्य तौर पर अंडाशय का कैंसर महिलाओं में 50 से 70 वर्ष की उम्र के बीच में होता है. कुछ अंडाशय का कैंसर यंग जनरेशन में भी देखने को मिलता है. जिसकी उम्र 20 वर्ष से कम भी हो सकती है, लेकिन ऐसे काफी रेयर होते हैं."
"ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की तुलना में अंडाशय का कैंसर कम होता है. इसे साइलेंट किलर कहा गया है. अंडाशय के कैंसर को साइलेंट किलर इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसके लक्षण साधारण तौर पर होते हैं, जिसे पकड़ पाना कई बार काफी मुश्किल भी होता है." - डॉक्टर सावेरी सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ
ओवेरियन कैंसर के लक्षण : अंडाशय के कैंसर के लक्षणों के बारे में डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बताया, "पेट फूलना, कब्जियत होना, पेट में हल्का-हल्का दर्द होना, गैस की समस्या होने पर पेट फूलने जैसी दिक्कत आना, पाचन क्रिया का सही ढंग से ना होना. इस तरह के लक्षण अंडाशय के कैंसर में देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही वजन का कम होना भी एक प्रमुख कारण है."
लक्षण दिखने पर चिकित्सक से करें संपर्क : महिलाओं में अगर इस तरह का कोई भी लक्षण दिखाई पड़े तो सीधे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, ताकि उसका सही और अच्छा इलाज हो सके. ऐसे में महिलाओं को साल में एक बार जो रूटीन में एनुअल चेकअप होते हैं उसे महिलाओं को जरूर करवाने चाहिए.
ओवेरियन कैंसर की कैसे कराएं टेस्ट : महिला चिकित्सक से संपर्क और जांच करवाने के बाद जरूरत पड़ने पर सोनोग्राफी भी करवाई जानी चाहिए. ऐसा करने से कुछ हद तक अंडाशय में होने वाले कैंसर जैसी बीमारी को जल्द पकड़ा जा सकता है. 80% महिलाओं में ऐसा देखा गया है कि अंडाशय का कैंसर स्टेज 3 और स्टेज 4 तक पहुंच जाता है. ऐसी स्थिति में अंडाशय के कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी के माध्यम से करने के साथ ही ऑपरेशन भी किया जाता है. अंडाशय का कैंसर होने पर शुरुआती दिनों में इस पर इलाज आसानी से संभव है.
क्या अनुवांशिक होता है ओवेरियन कैंसर? : अंडाशय का कैंसर अगर स्टेज 3 या 4 में होता है, तो ऐसी स्थिति में पहले बायोप्सी की जाती है. जिसके बाद ऑपरेशन संभव न हो तो कीमोथेरेपी भी की जा सकती है. अंडाशय का कैंसर आनुवांशिक नहीं होता, केवल 10 फीसदी अंडाशय का कैंसर अनुवांशिक होता है. परिवार के दो या तीन सदस्य को अंडाशय या ब्रेस्ट कैंसर होता है, तो यह अनुवांशिक माना जाता है.