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झारखंड में पहली बार मिला उड़ने वाला सांप, रांची में दवा के कार्टून से किया गया रेस्क्यू, क्या है इसकी खासियत

झारखंड में पहली बार उड़ने वाला सांप मिला है. इस सांप को तक्षक नाग भी कहते हैं.

Ornate flying snake
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

रांची: झारखंड में पहली बार एक अनूठा सांप मिला है. यह ऐसा सांप है जो खूबसूरत आभूषण की तरह दिखता है. इसको ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है. बोलचाल की भाषा में उड़ने वाला सांप या तक्षक नाग भी कहा जाता है. रांची के नामकुम स्थित आरसीएच के दफ्तर से इस सांप को रेस्क्यू किया गया है.

1 दिसंबर यानी रविवार की दोपहर इस सांप को रेंगता देख आरसीएच में हड़कंप मच गया. सभी कर्मचारी डरकर दफ्तर से बाहर निकल गये. आनन-फानन में इसकी सूचना स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो को दी गयी. खबर मिलते ही रमेश कुमार महतो आरसीएच पहुंचे और ऑरनेट स्नैक को दवा के एक कार्टन से रेस्क्यू किया. कर्मचारियों ने तब राहत की सांस ली जब स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो उस सांप के साथ खेलने लगे. यह सांप इतना खूबसूरत दिख रहा था कि आरसीएच के कर्मी इसका वीडियों बनाने लगे.

झारखंड में मिला उड़ने वाला सांप (Etv Bharat)

ऑरनेट स्नैक की खासियत

स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो ने फोन पर ईटीवी भारत की टीम को इस सांप की खासियत बताई. उन्होंने कहा कि झारखंड में पहली बार ऑरनेट स्नैक को रेस्क्यू किया गया है. इस सांप में हल्का जहर होता है जिसका इस्तेमाल वह शिकार पकड़ने के लिए करता है. यह सांप मुख्य रूप से छोटी छिपकली खाना पसंद करता है. इसको बोलचाल की भाषा में तक्षक नाग भी कहा जाता है.

रमेश कुमार महतो ने कहा कि रेस्क्यू किया गया सांप मादा है. इसकी लंबाई तीन फीट से थोड़ा ज्यादा है. यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाकर अपना शिकार करता है. अनुमान के मुताबिक यह 50 से 100 फीट तक छलांग लगा लेता है. इसकी आयु अधिकतम 12 साल होती है.

आपको बता दें कि रमेश कुमार महतो रांची के पिठौरिया में रहते हैं. उन्होंने अर्थशास्त्र से एम.ए. की पढ़ाई की है. इनको जीव-जंतू से बेहत लगाव है. इनको वाइल्ड लाइफ कंजर्वेसनिस्ट के रूप में जाना जाता है. इन्होंने कई जीव जंतुओं की जान बचाई है. इसके लिए उन्हें वन विभाग, झारखंड से अवार्ड भी मिल चुका है. फिलहाल, इस सांप को रमेश कुमार महतो ने अपने पास ही रखा है. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द इसे बिरसा जैविक उद्यान को सौंप दिया जाएगा.

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रांची: झारखंड में पहली बार एक अनूठा सांप मिला है. यह ऐसा सांप है जो खूबसूरत आभूषण की तरह दिखता है. इसको ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है. बोलचाल की भाषा में उड़ने वाला सांप या तक्षक नाग भी कहा जाता है. रांची के नामकुम स्थित आरसीएच के दफ्तर से इस सांप को रेस्क्यू किया गया है.

1 दिसंबर यानी रविवार की दोपहर इस सांप को रेंगता देख आरसीएच में हड़कंप मच गया. सभी कर्मचारी डरकर दफ्तर से बाहर निकल गये. आनन-फानन में इसकी सूचना स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो को दी गयी. खबर मिलते ही रमेश कुमार महतो आरसीएच पहुंचे और ऑरनेट स्नैक को दवा के एक कार्टन से रेस्क्यू किया. कर्मचारियों ने तब राहत की सांस ली जब स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो उस सांप के साथ खेलने लगे. यह सांप इतना खूबसूरत दिख रहा था कि आरसीएच के कर्मी इसका वीडियों बनाने लगे.

झारखंड में मिला उड़ने वाला सांप (Etv Bharat)

ऑरनेट स्नैक की खासियत

स्नैक कैचर रमेश कुमार महतो ने फोन पर ईटीवी भारत की टीम को इस सांप की खासियत बताई. उन्होंने कहा कि झारखंड में पहली बार ऑरनेट स्नैक को रेस्क्यू किया गया है. इस सांप में हल्का जहर होता है जिसका इस्तेमाल वह शिकार पकड़ने के लिए करता है. यह सांप मुख्य रूप से छोटी छिपकली खाना पसंद करता है. इसको बोलचाल की भाषा में तक्षक नाग भी कहा जाता है.

रमेश कुमार महतो ने कहा कि रेस्क्यू किया गया सांप मादा है. इसकी लंबाई तीन फीट से थोड़ा ज्यादा है. यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाकर अपना शिकार करता है. अनुमान के मुताबिक यह 50 से 100 फीट तक छलांग लगा लेता है. इसकी आयु अधिकतम 12 साल होती है.

आपको बता दें कि रमेश कुमार महतो रांची के पिठौरिया में रहते हैं. उन्होंने अर्थशास्त्र से एम.ए. की पढ़ाई की है. इनको जीव-जंतू से बेहत लगाव है. इनको वाइल्ड लाइफ कंजर्वेसनिस्ट के रूप में जाना जाता है. इन्होंने कई जीव जंतुओं की जान बचाई है. इसके लिए उन्हें वन विभाग, झारखंड से अवार्ड भी मिल चुका है. फिलहाल, इस सांप को रमेश कुमार महतो ने अपने पास ही रखा है. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द इसे बिरसा जैविक उद्यान को सौंप दिया जाएगा.

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