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ब्रेन डेड छात्र ने दिया तीन लोगों को नया जीवन, किडनी, लीवर का जोधपुर में हुआ ट्रांसप्लांट - Organs of brain dead youth donated

जोधपुर में एक 19 साल के छात्र विक्रम कुमार को एक एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिजनों ने उसके अंग डोनेट करने की बात कही. विक्रम की दोनों किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट किया गया है.

Organs of brain dead youth donated
ब्रेन डेड छात्र ने दिया दो लोगों को नया जीवन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 20, 2024, 6:10 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 7:41 PM IST

ब्रेन डेड छात्र की किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट

जोधपुर. 19 साल का विक्रम कुमार आचू जोधपुर ही नहीं पश्चिमी राजस्थान का पहला ब्रेन डेड डोनर बन गया, जिसने इस दुनिया से जाते-जाते तीन लोगों को नई जिंदगी दे दी. सोमवार रात को एम्स में ब्रेन डेड घोषित होने के बाद हार्ट और लंग्स भी डोनेट होने थे. इसके लिए जयपुर और मेदांता कि टीमें जोधपुर आ गई थीं. लेकिन दोनों ऑर्गन की स्थिति को देखते हुए इनका डोनेशन टाल दिया गया.

जोधपुर एम्स के अधीक्षक डॉ दीपक कुमार झा ने विक्रम के माता-पिता और परिजनों की तारीफ करते हुए कहा कि 19 साल का बेटा जाने के बाद यह फैसला लेना बहुत बड़ी बात होती है. लेकिन उन्होंने स्वयं हमें ऑर्गन डोनेशन के लिए एप्रोच किया. उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान का यह पहला मामला है. एक किडनी और लीवर हमने यहां पर ट्रांसप्लांट कर दिया है. जबकि एक किडनी एसएमएस जयपुर भेजी गई है. ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एम्स प्रबंधन ने विक्रम का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. इस दौरान जयपुर किडनी भेजने के लिए पुलिस ने इसके लिए ग्रीन कोरिडोर भी बनाया.

पढ़ें: ब्रेन डेड छात्र की किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन शुरू, हार्ट और किडनी जाएंगे जयपुर

रिट्रीव और ट्रांसप्लांट साथ-साथ हुआ: डॉ झा ने बताया कि पहले हार्ट और लंग्स भी जाने थे. लेकिन स्थिति और जांच के बाद इसे टाला गया. हमारे यहां एक ही व्यक्ति के विक्रम की किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट हुए हैं. बॉडी से ऑर्गन लेने के साथ ही ट्रांसप्लांट किया गया है. जिसे ये अंग लगाए गए हैं, उनकी स्थिति स्थिर है.

पढ़ें: Kidney Transplant In Jodhpur : भूरिया ने मनीष को दी नई जिंदगी, जोधपुर AIIMS में 5 घंटे चला ऑपरेशन

परीक्षा देकर आते समय हुआ था एक्सीडेंट: 12वीं कक्षा का छात्र विक्रम सोमवार को परीक्षा देकर वापस आ रहा था. दोपहर 12 बोरानाडा में हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री के सामने डिवाइडर पर बने कट से एक अन्य बाइक से टकराने से वह सड़क पर उछल कर गिरा. इस दौरान दूसरी तरफ से ट्रक ने उसे कुचल दिया था. सोमवार रात को ही उसे एम्स में ब्रेन डेड डिक्लेयर कर दिया गया. मंगलवार को उसके परिजनों ने अंग डोनेट करने के लिए सहमति दे दी.

पढ़ें: एमबी अस्पताल में ऑर्गन डोनेशन का पहला उदाहरण आया सामने, ग्रीन कॉरिडोर बना जयपुर भेजे अंग

बिना हेलमेट के चला रहा था बाइक: सीसीटीवी में नजर आया कि विक्रम बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था. अगर उसने हेलमेट लगाया होता, तो शायद उसकी ब्रेन इंजरी नहीं होती. डॉ झा के अनुसार दुर्घटना के मामलों में अगर हेलमेट लगा होता है, तो 70 फीसदी मामलों में ब्रेन इंजरी नहीं होती है. एम्स की प्रवक्ता डॉ एलिजा मित्तल ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लिए अलग-अलग विभाग की टीमें बनाई गई. इनमें 23 डॉक्टर्स थे, इसके अलावा नर्सिंग ऑफिसर शामिल किए गए.

ब्रेन डेड छात्र की किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट

जोधपुर. 19 साल का विक्रम कुमार आचू जोधपुर ही नहीं पश्चिमी राजस्थान का पहला ब्रेन डेड डोनर बन गया, जिसने इस दुनिया से जाते-जाते तीन लोगों को नई जिंदगी दे दी. सोमवार रात को एम्स में ब्रेन डेड घोषित होने के बाद हार्ट और लंग्स भी डोनेट होने थे. इसके लिए जयपुर और मेदांता कि टीमें जोधपुर आ गई थीं. लेकिन दोनों ऑर्गन की स्थिति को देखते हुए इनका डोनेशन टाल दिया गया.

जोधपुर एम्स के अधीक्षक डॉ दीपक कुमार झा ने विक्रम के माता-पिता और परिजनों की तारीफ करते हुए कहा कि 19 साल का बेटा जाने के बाद यह फैसला लेना बहुत बड़ी बात होती है. लेकिन उन्होंने स्वयं हमें ऑर्गन डोनेशन के लिए एप्रोच किया. उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान का यह पहला मामला है. एक किडनी और लीवर हमने यहां पर ट्रांसप्लांट कर दिया है. जबकि एक किडनी एसएमएस जयपुर भेजी गई है. ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एम्स प्रबंधन ने विक्रम का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. इस दौरान जयपुर किडनी भेजने के लिए पुलिस ने इसके लिए ग्रीन कोरिडोर भी बनाया.

पढ़ें: ब्रेन डेड छात्र की किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन शुरू, हार्ट और किडनी जाएंगे जयपुर

रिट्रीव और ट्रांसप्लांट साथ-साथ हुआ: डॉ झा ने बताया कि पहले हार्ट और लंग्स भी जाने थे. लेकिन स्थिति और जांच के बाद इसे टाला गया. हमारे यहां एक ही व्यक्ति के विक्रम की किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट हुए हैं. बॉडी से ऑर्गन लेने के साथ ही ट्रांसप्लांट किया गया है. जिसे ये अंग लगाए गए हैं, उनकी स्थिति स्थिर है.

पढ़ें: Kidney Transplant In Jodhpur : भूरिया ने मनीष को दी नई जिंदगी, जोधपुर AIIMS में 5 घंटे चला ऑपरेशन

परीक्षा देकर आते समय हुआ था एक्सीडेंट: 12वीं कक्षा का छात्र विक्रम सोमवार को परीक्षा देकर वापस आ रहा था. दोपहर 12 बोरानाडा में हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री के सामने डिवाइडर पर बने कट से एक अन्य बाइक से टकराने से वह सड़क पर उछल कर गिरा. इस दौरान दूसरी तरफ से ट्रक ने उसे कुचल दिया था. सोमवार रात को ही उसे एम्स में ब्रेन डेड डिक्लेयर कर दिया गया. मंगलवार को उसके परिजनों ने अंग डोनेट करने के लिए सहमति दे दी.

पढ़ें: एमबी अस्पताल में ऑर्गन डोनेशन का पहला उदाहरण आया सामने, ग्रीन कॉरिडोर बना जयपुर भेजे अंग

बिना हेलमेट के चला रहा था बाइक: सीसीटीवी में नजर आया कि विक्रम बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था. अगर उसने हेलमेट लगाया होता, तो शायद उसकी ब्रेन इंजरी नहीं होती. डॉ झा के अनुसार दुर्घटना के मामलों में अगर हेलमेट लगा होता है, तो 70 फीसदी मामलों में ब्रेन इंजरी नहीं होती है. एम्स की प्रवक्ता डॉ एलिजा मित्तल ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लिए अलग-अलग विभाग की टीमें बनाई गई. इनमें 23 डॉक्टर्स थे, इसके अलावा नर्सिंग ऑफिसर शामिल किए गए.

Last Updated : Mar 20, 2024, 7:41 PM IST
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