रोहतक: हरियाणा के रोहतक में ऑर्गन डोनेशन का दूसरा उदाहरण सामने आया है. रोहतक की एक करीब 60 वर्षीय ब्रेन डेड महिला के परिजनों ने उनके ऑर्गन्स डोनेट किए हैं. देश सेवा से जुड़े परिवार ने ब्रेन डेड हो चुकी महिला के अंगदान का फैसला किया और 2 लोगों को जीवनदान के साथ 2 लोगों की आंखों की रोशनी देकर पूरे प्रदेश में अंगदान की अलख जगा दी. पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने रविवार को महिला के अंतिम संस्कार में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
रोहतक में अंगदान: रोहतक में रह रहे एक रिटायर्ड कर्नल की करीब 60 वर्षीय पत्नी को ब्रेन हेमरेज हो गया था. उसे इलाज के लिए पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ. ईश्वर सिंह की निगरानी में आईसीयू में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की टीम ने महिला को बचाने का काफी प्रयास किया. इलाज के दौरान पाया गया कि मरीज का ब्रेन डेड है. ऐसे में डॉक्टरों ने डेथ सर्टिफिकेट कमेटी को अपना अलर्ट भेजा. इस पर निदेशक डॉ. एसएस लोहचब व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने तुरंत प्रभाव से कमेटी बनाकर मरीज की क्लीनिकल जांच और परीक्षण समेत सभी मेडिकल जांच करने के आदेश दिए.
समाज के लिए परिवार का सराहनीय योगदान: मरीज के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद डॉ. ईश्वर व स्टेट ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) की टीम ने परिवार को अंगदान के बारे में बताया. इस पर महिला के पति, बेटे व बेटी ने अपनी मां की यादों को जिंदा रखने का फैसला किया और किडनी, लीवर, फेफड़े व आंखें दान करने की सहमति प्रदान की. इसके बाद तुरंत प्रभाव से हरियाणा व अन्य राज्यों में अलर्ट भेजा गया. जहां से अलग-अलग अस्पतालों की टीम अंग लेने के लिए पीजीआईएमएस रोहतक पहुंची.
दूसरी बार बना ग्रीन कॉरिडोर: निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने बताया कि PGIMS ने दूसरी बार अंगदान करवाया गया है. ऐसे में बैंगलोर व ILBS नई दिल्ली से टीम अंग लेने के लिए पहुंची थी. उन्होंने बताया कि शरीर से अंग निकालने के बाद उसकी कुछ घंटे की मियाद होती है. जिसके अंदर अंग को किसी अन्य शरीर में लगाना होता है. अन्यथा वह अंग खराब हो जाता है. PGIMS से दिल्ली तक पहुंचने में कई बार करीब 3 से 4 घंटे लग जाते हैं. लेकिन रोहतक पुलिस की मदद से एंबुलेंस, लीवर को लेकर डेढ़ घंटे से भी कम समय में दिल्ली पहुंच गई. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने बताया कि महिला की दोनों किडनी पीजीआईएमएस में चिकित्सकीय कारणों से एक ही मरीज को लगाई गई.
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