निवाड़ी। धार्मिक नगरी ओरछा में भगवान श्री राम राजा सरकार के लिए प्रदेश सरकार भव्य लोक का निर्माण करा रही है. इस दौरान यहां तेजी से काम चल रहा है. कई जेसीबी और दूसरी मशीनों से खुदाई का काम चल रहा है. इस दौरान यहां लगातार पुराने अवशेष निकल रहे हैं. हाल ही में मिले अवशेष 500 साल पुराने बताए जा रहे हैं इसके चलते पुरात्तव विभाग के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और फिलहाल मशीनों से खुदाई बंद करा दी है.
खुदाई में मिले 500 साल पुराने अवशेष
ओरछा में राम राजा लोक निर्माण की खुदाई के दौरान पुराने अवशेष निकले हैं. मौके पर पहुंचे पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने इन अवशेषों को 500 से ज्यादा साल पुराना बताया है. पुराने अवशेष मिलने के बाद से पुरातत्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर पूरे स्थल का मुआयना किया.
500 साल पुराने अवेशष में मिलीं ये धरोहर
पुरातत्व विभाग के मुताबिक ये धरोहरें करीब 500 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी बताई जा रही हैं. ओरछा में नदी किनारे ये धरोहरें मिलीं हैं. इस जगह के एक ओर जहां राजा का राजमहल है तो वहीं दूसरी तरफ राम राजा मंदिर तथा प्राचीन चतुर्भुज मंदिर बना हुआ है. इस दौरान यहां एक मंदिरनुमा आकृति, एक कुआं और पत्थरों का बना बरामदा मिला है.
जेसीबी से रोकी गई खुदाई
राम लोक में पुरानी एतिहासिक इमारतों का रेनॉवेट का कार्य तथा राम राजा मंदिर के नजदीक नवनिर्माण भी किया जाना है. इसी के चलते राज महल के सामने नदी के किनारे बनी पार्किंग के पास राम लोक निर्माण के लिए मशीनों से खुदाई का काम चल रहा है. पुरात्तव विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बॉथम का कहना है कि "खुदाई के दौरान एक छोटे मंदिर नुमा आकृति दिखाई दी. जिसकी जानकारी पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को दी गई थी इसके बाद यहां मशीनों से काम बंद कराकर मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है. जब मजदूरों के द्वारा उसके आसपास और खोदा गया तो एक मंदिर ,कुआं और एक बरामदा मिला है. फिलहाल मशीनों से काम को रोक दिया गया है अब एक्सपर्ट की देखरेख में आगे का काम मशीनों से नहीं हाथ से होगा."
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पहले भी मिल चुके हैं अवशेष
इसके पहले भी राजमहल में रेनोवेशन का काम चल रहा था तब भी वहां एक पूरी बस्ती के अवशेष मिल चुके हैं. इन पुरातात्विक धरोहरों के मिलने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओरछा बहुत पुराना और समृद्ध शहर रहा है. ओरछा नगरी में खुदाई के दौरान मिल रहे इन अवशेषों से ओरछावासी भी हतप्रभ हैं. खुदाई स्थल पर बड़ी संख्या में लोग अवशेषों को देखने पहुंच रहे हैं.