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छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष का साय सरकार पर आरोप, 'धान का कटोरा बना अपराध गढ़'

law and order in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस ने साय सरकार को प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था को लेकर घेरा. विपक्ष स्थगन प्रस्ताव की मांग करता रहा. जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष का आरोप है कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा से अपराध का गढ़ बनता जा रहा है. Chhattisgarh Assembly

law and order in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ विधानसभा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 27, 2024, 5:12 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. बीजेपी की नेतृत्व वाली विष्णुदेव साय सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायकों ने मोर्चा खोला दिया. विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर साय सरकार को घेरने में जुटा रहा. कांग्रेस का आरोप है कि साय सरकार के शासनकाल में कोई भी लोग राज्य में सुरक्षित नहीं है. शून्यकाल में कांग्रेस विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया. जिसके बाद सदन में लगातार हंगामा होता रहा. सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा. कांग्रेस विधायकों को भी सदन के वेल में आने की वजह से निलंबित कर दिया गया.

कांग्रेसी नेताओं ने बोला हमला: साय सरकार पर नेता प्रतिपक्ष और अन्य कांग्रेस विधायकों ने हमला बोला. इन विधायकों में कवासी लखमा, उमेश पटेल और अनिला भेड़िया मुख्य रूप से शामिल है. कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में अपहरण, हत्या और महिला के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी है. कांग्रेस विधायकों ने कहा कि" छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' कहा जाता था. अब यह अपराध गढ़ बन गया है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग भी है. उनके गृह जिले कबीरधाम में हत्या की लगातार तीन घटनाएं हुईं. इसलिए हम स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग करते हैं".

विपक्ष की मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने किया खारिज: कांग्रेस विधायकों की मांग को विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने खारिज कर दिया. जिसके बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा होता रहा. हंगामे के बीच स्पीकर ने कार्यवाही को लगातार दो बार पांच-पांच मिनट के लिए स्थगित किया. उसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. विपक्ष के नेता चरणदास महंत और अन्य विपक्षी सदस्य अपनी मांग उठाते रहे. फिर विपक्षी विधायक सदन के वेल में आ गए जिससे वह खुद ही निलंबित हो गए. बाद में विपक्षी विधायकों का निलंबन रद्द हो गया. इस तरह विधानसभा की कार्यवाही के दौरान साय सरकार पर विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर दिखी.

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