नई दिल्ली/गाजियाबाद: समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा से 'सेंगोल' को हटाने की मांग की है. इस पर कल्कि पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सपा सांसद चौधरी ने इसे 'राजा का डंडा' या लोकतंत्र में राजशाही का एक पुराना प्रतीक बताते हुए कहा कि संसद में सेंगोल की जगह संविधान की एक बड़ी प्रतिकृति होनी चाहिए.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कल्कि पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा इन्हें (विपक्ष) सेंगोल से कोई समस्या नहीं है. इन्हें असली समस्या सनातन से है. कोई भी ऐसा प्रतीक जिसका संबंध सनातन से है, उसका विरोध करना उनकी (विपक्ष) आदत बन गई है. विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा विपक्ष सेंगोल को नहीं हटना चाहता है बल्कि वे सभी लोग सनातन को हटाना चाहते हैं.
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विपक्ष पर निशाना चाहते हुए आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा इनके सहयोगी खुलकर कहते हैं कि हम सनातनी को मिटा देंगे. पहली भी विपक्षी नेता सनातन धर्म की तुलना कीड़े-मकोड़े से कर चुके हैं. कभी रामचरितमानस के पन्ने पढ़ते हैं. सेंगोल भारतीय संस्कृति के साथ-साथ सनातन से संबंधित है. पीएम मोदी भारत की सभ्यता, संस्कृति और सनातन के ध्वजवाहक के रूप में उभरकर सामने आए हैं.
कल्कि पीठाधीश्वर ने कहा कि विपक्ष को मोदी और सनातन से नफरत है. इसलिए इन्हे सेंगोल से नफ़रत है. विपक्ष दुविधा में है. निशाना तो सनातन बहाना सेंगोल है. डीएमके ने साफ कहा था कि हम सनातनी को मिटाना चाहते हैं. विपक्ष को पहले यह फैसला करना होगा कि उनको समस्या सेंगोल से है या फिर सनातन से.
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