जयपुर : शहर में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. दोपहर तकरीबन 12 बजे तक परकोटा सहित जयपुर के सभी प्रमुख बाजार बंद रहे और व्यापारियों में भी डर का माहौल देखने को मिला. भारत बंद के दौरान जयपुर सहित कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद भी रहे. कोचिंग संस्थान भी संचालित नहीं हुए. हालांकि, एससी- एसटी वर्ग की जातियों में शामिल वाल्मीकि समाज ने बुधवार को भारत बंद का विरोध करते हुए इसे बेतुका बताया.
एससी-एसटी संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले वाल्मीकि, नट, बावरी, कालबेलिया, धानका और सपेरा समाज सहित 30 जातियों के प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए बंद का विरोध करने का आह्वान किया था. साथ ही प्रदेश सरकार से इस फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग भी की थी. वहीं, बुधवार को वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोग टोलियां बनाकर मुख्य बाजारों में निकले और व्यापारियों से अपने दुकान- प्रतिष्ठान खोले रखने के लिए आग्रह किया. साथ ही टकराव की स्थिति में व्यापारियों के साथ खड़े रहने का भी ऐलान किया.
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वाल्मीकि समाज से सूरज बिंवाल ने बताया कि संपूर्ण राजस्थान का वाल्मीकि समाज भारत बंद के विरोध में है. पहले से ही लोगों से अपील की गई थी कि कोई बंद नहीं रहेगा. वाल्मीकि समाज पुरजोर कोशिश कर रहा है और जो भी व्यापारी दुकान खोलना चाहता है, उनके साथ खड़े होकर दुकान खुलवा भी रहे हैं. वहीं, परकोटे के व्यापारियों ने सुबह तो बंद रखा, लेकिन वाल्मीकि समाज के समर्थन पर एक-एक कर अपनी दुकान खोलना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि वंचितों को आरक्षण में आगे आने से रोकने के लिए ये बंद कराया जा रहा है, जबकि उन्हें वास्तव में आरक्षण मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश सराहनीय है, ये धरातल पर लागू होनी चाहिए.