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ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की बढ़ी चहलकदमी, अलर्ट मोड पर पुलिस - OPIUM SMUGGLERS

ठंड का मौसम आते ही अफीम तस्करों की हलचल तेज हो जाती है. जिसको लेकर रांची समेत आसपास के जिला की पुलिस एक्टिव है.

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अफीम की खेती नष्ट करते पुलिस पदाधिकारी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 17, 2024, 3:53 PM IST

रांची: अफीम की फसल का समय नजदीक आ चुका है. ऐसे में अफीम तस्करों की चहलकदमी शुरू हो गई है. इसके लिए न सिर्फ राजधानी रांची बल्कि रांची के आसपास के जिलों में भी अफीम तस्करों के नेटर्वक एक्टिव हो गया है.

अफीम के लिए ठंड का मौसम है मुफीद

ठंड मौसम आते ही राजधानी रांची समेत आसपास अफीम तस्करों ने अपनी चहलकदमी बढ़ा दी है. क्योंकि ये मौसम अफीम की खेती के लिए मुफीद मानी जाती है. इसको लेकर अफीम तस्कर बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की सहायता से अफीम की खेती की ताक में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अफीम तस्करों के इस योजना को भी फेल करने जुट गई है. पुलिस की तरफ से लगातार जंगल वाले इलाके में नजर रखी जा रही है. दरअसल, जाड़े के मौसम में ही अफीम की खेती की शुरुआत होती है.

बड़े पैमाने पर होती है खेती

ठंड का सीजन शुरू होते ही अफीम तस्कर अफीम की खेती के लिए सक्रिय हो चुके हैं. पुलिस की मानें तो उनके पास सूचना है कि खूंटी-रांची के वैसे इलाके जहां हर साल बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है, उन इलाकों में अफीम तस्करों के द्वारा बीहड़ों और जंगलों में जमीन चिन्हित किया जा रहा है. गौरतलब है कि जाड़े की सीजन अफीम की खेती के लिए बेहद अनुकूल समय होता है. ऐसे में यूपी और पंजाब के तस्करों की चहलकदमी रांची और खूंटी में बढ़ जाती है.

सूचना के बाद अलर्ट हुई पुलिस

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है. रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि अफीम तस्करों के साजिश पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस की टीम ने तस्करों पर नजर रख रही है. ग्रामीण इलाकों में चौकीदारों को भी एक्टिव किया गया है. रांची के बुंडू, तमाड़, दशम, नामकुम और पिठोरिया इलाके में भी अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. फसल तैयार होने के बाद झारखंड समेत दूसरे राज्यों में अफीम की तस्करी की जाती है.

पुलिस से लेकर चौकीदार तक हुए एक्टिव

ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की चहलकदमी को लेकर पुलिस से लेकर ग्रामीण इलाकों में तैनात चौकीदारों तक को अलर्ट किया गया है. सभी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया कि अफीम की बीज का वितरण कौन कर रहा है. पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को चिहिन्त कर उन पर कार्रवाई करें.

अफीम तस्करी के आरोप में जेल गए तस्करों पर नजर

वहीं जमानत पर जेल से छूटे तस्करों से अब पुलिस थाना हाजिरी लगवाएगी. पुलिस की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर अफीम तस्करों और उसकी खेती करने वाले की अगल-अलग सूची तैयार करें. यह भी निर्देश दिया गया है कि वे जेल से छूटे तस्करों की गतिविधि पर नजर रखें.

सभी थाना प्रभारियों को टास्क दिया गया है कि पता लगाएं जेल से जमानत पर छूटे तस्कर कहां रह रहे हैं और क्या कर रहा है. कहीं वह फिर से अफीम की तस्करी में शामिल तो नहीं है. अगर उसकी संलिप्तता सामने आती है तो ऐसे तस्करों को चिहिन्त कर न सिर्फ जेल भेजें, बल्कि उन पर सीसीए के तहत कार्रवाई करें. डीजी ने सभी एसपी को सख्त निर्देश दिया है कि इस आदेश का पालन अविलंब करें. ताकि अफीम की तस्करी पर रोक लगायी जा सके.

ये भी पढ़ें- तैयार अफीम पर तस्करों की नजर, तस्करी के लिए तैयार कर रहे हैं टीम

गुमला में हो रही थी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती, पुलिस ने फसल को किया नष्ट

खूंटी में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ प्रशासन का अभियान बेअसर, खेतों में लहलहाने लगी अफीम की फसल

रांची: अफीम की फसल का समय नजदीक आ चुका है. ऐसे में अफीम तस्करों की चहलकदमी शुरू हो गई है. इसके लिए न सिर्फ राजधानी रांची बल्कि रांची के आसपास के जिलों में भी अफीम तस्करों के नेटर्वक एक्टिव हो गया है.

अफीम के लिए ठंड का मौसम है मुफीद

ठंड मौसम आते ही राजधानी रांची समेत आसपास अफीम तस्करों ने अपनी चहलकदमी बढ़ा दी है. क्योंकि ये मौसम अफीम की खेती के लिए मुफीद मानी जाती है. इसको लेकर अफीम तस्कर बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की सहायता से अफीम की खेती की ताक में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अफीम तस्करों के इस योजना को भी फेल करने जुट गई है. पुलिस की तरफ से लगातार जंगल वाले इलाके में नजर रखी जा रही है. दरअसल, जाड़े के मौसम में ही अफीम की खेती की शुरुआत होती है.

बड़े पैमाने पर होती है खेती

ठंड का सीजन शुरू होते ही अफीम तस्कर अफीम की खेती के लिए सक्रिय हो चुके हैं. पुलिस की मानें तो उनके पास सूचना है कि खूंटी-रांची के वैसे इलाके जहां हर साल बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है, उन इलाकों में अफीम तस्करों के द्वारा बीहड़ों और जंगलों में जमीन चिन्हित किया जा रहा है. गौरतलब है कि जाड़े की सीजन अफीम की खेती के लिए बेहद अनुकूल समय होता है. ऐसे में यूपी और पंजाब के तस्करों की चहलकदमी रांची और खूंटी में बढ़ जाती है.

सूचना के बाद अलर्ट हुई पुलिस

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है. रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि अफीम तस्करों के साजिश पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस की टीम ने तस्करों पर नजर रख रही है. ग्रामीण इलाकों में चौकीदारों को भी एक्टिव किया गया है. रांची के बुंडू, तमाड़, दशम, नामकुम और पिठोरिया इलाके में भी अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. फसल तैयार होने के बाद झारखंड समेत दूसरे राज्यों में अफीम की तस्करी की जाती है.

पुलिस से लेकर चौकीदार तक हुए एक्टिव

ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की चहलकदमी को लेकर पुलिस से लेकर ग्रामीण इलाकों में तैनात चौकीदारों तक को अलर्ट किया गया है. सभी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया कि अफीम की बीज का वितरण कौन कर रहा है. पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को चिहिन्त कर उन पर कार्रवाई करें.

अफीम तस्करी के आरोप में जेल गए तस्करों पर नजर

वहीं जमानत पर जेल से छूटे तस्करों से अब पुलिस थाना हाजिरी लगवाएगी. पुलिस की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर अफीम तस्करों और उसकी खेती करने वाले की अगल-अलग सूची तैयार करें. यह भी निर्देश दिया गया है कि वे जेल से छूटे तस्करों की गतिविधि पर नजर रखें.

सभी थाना प्रभारियों को टास्क दिया गया है कि पता लगाएं जेल से जमानत पर छूटे तस्कर कहां रह रहे हैं और क्या कर रहा है. कहीं वह फिर से अफीम की तस्करी में शामिल तो नहीं है. अगर उसकी संलिप्तता सामने आती है तो ऐसे तस्करों को चिहिन्त कर न सिर्फ जेल भेजें, बल्कि उन पर सीसीए के तहत कार्रवाई करें. डीजी ने सभी एसपी को सख्त निर्देश दिया है कि इस आदेश का पालन अविलंब करें. ताकि अफीम की तस्करी पर रोक लगायी जा सके.

ये भी पढ़ें- तैयार अफीम पर तस्करों की नजर, तस्करी के लिए तैयार कर रहे हैं टीम

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