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प्रजातंत्र को बचाने के लिए फ्री कल्चर पर रोक लगाना जरूरीः यशवंत सिन्हा

मंईयां सम्मान योजना और गोगो दीदी योजना को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने ऐतराज जताया है.

former MP Bhuvaneshwar Mehta on Maina Samman Yojana and Gogo Didi Yojana
यशवंत सिन्हा और भुवनेश्वर प्रसाद मेहता (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 18, 2024, 2:09 PM IST

हजारीबाग: झारखंड में इन दिनों गोगो दीदी योजना और मंईयां सम्मान योजना काफी सुर्खियों में है. इन दोनों योजना के जरिए पक्ष और विपक्ष महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं.

मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है. जिसके तहत महिलाओं को प्रत्येक माह 1 हजार रूपए मिलता है. इसी योजना की काट में भारतीय जनता पार्टी ने गोगो दीदी योजना लाई है. जिसमें महिलाओं को 21 सौ रूपए देने का वादा किया गया है. झारखंड सरकार ने मंईयां सम्मान योजना में फेर बदल किया और 25 सौ रूपए देने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर दिया. ऐसे में यह एक चुनावी मुद्दा बन गया है.

जानकारी देते हुए ईटीवी संवादाता (ईटीवी भारत)
देश के पूर्व वित्त एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा से जब यह पूछा गया कि इस तरह की योजना का क्या इंपैक्ट पड़ता है. इन्होंने बताया कि फ्री में बांटने का चलन अब समाप्त होना चाहिए. झारखंड में पक्ष विपक्ष दोनों पैसा बांटने में लगी हुई है. इसका असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को सम्मान देना है तो उन्हें पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा. ताकि वह मेहनत करके पैसा कमा लें. उन्होंने यह भी कहा कि फ्री में पैसा मिलने की लालच लोगों में भीख मांगने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है.

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की योजना का खुद और उनकी पार्टी अटल विचार मंच विरोध करती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर फ्री कल्चर लाना ही है तो संविधान में ही संशोधन कर दिया जाए. एक व्यक्ति को फ्री में राशन, आवास और कपड़ा दिया जाएगा. उन्होंने ऐतराज जताते हुए कहा कि झारखंड में एक गलत परिपाटी की शुरुआत हो गई है. यशवंत सिन्हा देश के वित्त मंत्री रहे हैं. जिन्होंने पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता जिन्होंने यशवंत सिन्हा को चुनाव में हराया था. उन्होंने भी इस परिपाटी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए यह ठीक नहीं है कि मुफ्त में पैसा बांटा जाए. अगर सम्मान देना ही है तो पूर्ण आत्मनिर्भर बनकर दिया जाए.

ये भी पढ़ें- चुनावी समर में अटल विचार मंचः हो सकता है हम तीसरा विकल्प बनकर उभरे- यशवंत सिन्हा

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उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की योजना का खुद और उनकी पार्टी अटल विचार मंच विरोध करती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर फ्री कल्चर लाना ही है तो संविधान में ही संशोधन कर दिया जाए. एक व्यक्ति को फ्री में राशन, आवास और कपड़ा दिया जाएगा. उन्होंने ऐतराज जताते हुए कहा कि झारखंड में एक गलत परिपाटी की शुरुआत हो गई है. यशवंत सिन्हा देश के वित्त मंत्री रहे हैं. जिन्होंने पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता जिन्होंने यशवंत सिन्हा को चुनाव में हराया था. उन्होंने भी इस परिपाटी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए यह ठीक नहीं है कि मुफ्त में पैसा बांटा जाए. अगर सम्मान देना ही है तो पूर्ण आत्मनिर्भर बनकर दिया जाए.

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