गिरिडीह: जिले के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. पिछले तीन वर्ष से बंद पड़े सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के ओपन कास्ट माइंस को फिर से चालू होने का रास्ता साफ हो गया है. माइंस शुरू करने के लिए पर्यावरण मंजूरी (एनवायरमेंट क्लीयरेंस) यानी ईसी मिल गई है. इससे जुड़ा पत्र स्टेट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंटअथॉरिटी झारखंड के मेंबर सेक्रेटी ने सीसीएल के एचओडी (एनवायरमेंट) को प्रेषित किया है. इस पत्र से यह जानकारी मिली है कि ओपन कास्ट से 7 लाख टन प्रति वर्ष कोल प्रोडक्शन को लेकर ईसी मिली है. इसकी पुष्टि सीसीएल प्रबंधन ने भी की है.
पिछले तीन सालों से बंद पड़े हैं माइंस
बता दें कि जनवरी 2022 से यह माइंस बंद पड़ा हुआ है. उत्पादन बंद रहने से तीन साल में करोड़ों का कारोबार ठप रहा. ट्रक ऑनर, मजदूर, ड्राइवर-खलासी, स्थानीय लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. ढाई हजार से अधिक असंगठित मजदूर बेरोजगार हो गए. वहीं, हजारों मजदूर पलायन भी कर गए. इधर, प्रबंधन ने बताया कि ईसी मिलने के बाद अब सीटीओ के लिए अप्लाई होगी. दो से तीन माह में ओपन कास्ट परियोजना के चालू होने से क्षेत्र में खुशहाली आएगी.
गिरिडीह विधायक का प्रयास लाया रंग
इस माइंस को आरंभ करने का प्रयास गिरिडीह विधायक सह वर्तमान में झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार लगातार करते रहे. विधानसभा चुनाव से पहले जिला प्रशासन-सीसीएल प्रबंधन की महत्वपूर्ण बैठक करायी गई. बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ सरफराज अहमद, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं. इस बैठक का असर हुआ और कुछ दिनों में ही वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया. इसके बाद ईसी की प्रक्रिया तेज हुई. इसी मेहनत का परिणाम है कि तीन माह के अंदर ईसी मिल गई.
खुश हुए लोग
इधर, पर्यावरण मंजूरी मिलते ही कोयलांचल के लोग खुश दिखे. झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष हरगौरी साहू, सचिव तेजलाल मंडल, झामुमो के अर्जुन रवानी, जगत पासवान, विभूति भूषण के अलावा ट्रक ऑनर एसोसिएशन के साथ-साथ मजदूर नेता ऋषिकेश मिश्रा समेत अन्य ने भी खुशी जाहिर की है.
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