देहरादून: जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार के लिए शुरू से ही एक बड़ी चुनौती रही है. जिसकी मुख्य वजह स्टाफ और संसाधनों की कमी रही है. लेकिन कई जगहों पर बदहाल व्यवस्था का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि पहले पब्लिक हॉलीडे के दौरान अस्पतालों में 12 बजे तक ओपीडी संचालित करने की व्यवस्था थी. लेकिन पिछले कुछ समय से चिकित्सा संघ ने नई परिपाटी शुरू करते हुए पब्लिक होली डे के दिन ओपीडी को संचालित नहीं कर रही है.
उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल सरकार की व्यवस्थाओं से नहीं बल्कि चिकित्सक संघ के अनुसार संचालित होंगे. जिसमें देहरादून जिला अस्पताल में तैनात सीएमएस एसएन तोमर भी हामी भरते नजर आ रहे हैं. वहीं खुद सीएमएस ही छुट्टी की बात कहकर इसे बढ़ावा देते दिखाई दिए. हालांकि, सीएमएस का कहना है कि इमरजेंसी सेवाएं संचालित हो रही हैं. दरअसल, शुरू से ही यह व्यवस्था रही है कि सरकारी छुट्टी के दौरान दोपहर 12 बजे तक डॉक्टर ओपीडी में मरीजों देखते रहे हैं. हालांकि, इसके लिए कोई सरकारी नोटिफिकेशन नहीं है.
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जबकि मरीजों की सुविधा को देखते हुए चिकित्सक संघ ने छुट्टी के दिन मरीजों को ओपीडी का लाभ दिए जाने को लेकर कदम उठाया था. लेकिन वर्तमान समय में यह व्यवस्था खत्म होती जा रही है. अस्पतालों में डॉक्टर्स में अलावा अन्य संवर्ग के कर्मचारी छुट्टी के दौरान भी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन अगर अस्पतालों में डॉक्टर्स ही नहीं होंगे तो अन्य संवर्ग के कर्मचारियों के होने से क्या फायदा मरीजों को होगा. वहीं सीएमएस एसएन तोमर का कहना है कि चिकित्सक संघ ने उत्तर प्रदेश का हवाला देते हुए इस बात को कहा था कि पब्लिक हॉलीडे के दिन यूपी में डॉक्टर्स ओपीडी में नहीं बैठते हैं. लिहाजा चिकित्सक संघ के आह्वान पर यह व्यवस्था बनाई गई है.