भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों का सीजन क्या खत्म हुआ, जिम्मेदारों ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग ही बंद कर दी. पूरे प्रदेश के सभी अभयारण्यों की ऑनलाइन बुकिंग चालू है, लेकिन घना की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा बीते कई सप्ताह से बंद पड़ी है. जिसकी वजह से हर दिन दर्जनों देशी पर्यटक, विद्यार्थी और शोधार्थियों को सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ रहा है. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि तकनीकी खामी की वजह से ऑनलाइन बुकिंग सुविधा बंद है, जिसे जल्द शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा.
ई-मित्र को लाभ, पर्यटकों को नुकसान: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में यदि कोई पर्यटक घूमने आता है, तो उसके लिए विभाग की ओर से बुकिंग खिड़की और ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा से पर्यटकों का समय बचता है और पैसा भी कम लगता है. यदि बुकिंग खिड़की से टिकट बनवाया जाता है, तो देशी पर्यटक को 6 रुपए और विदेशी पर्यटक को 21 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है, जो कि सीधे बुकिंग खिड़की वाले ई-मित्र संचालक के खाते में जाता है.
समय पर नहीं खुलती खिड़की: घना की टिकट खिड़की खुलने का समय गर्मियों में सुबह 6 बजे का निर्धारित है. लेकिन कई बार ई-मित्र संचालक समय से नहीं पहुंचता और पर्यटकों को इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में कई बार शोधार्थी सुबह सूर्योदय से पहले घना में प्रवेश नहीं कर पाते या फिर निर्धारित स्थान पर पहुंचने में लेट हो जाते हैं. इस संबंध में जब डीएफओ मानस सिंह से बात कि तो उन्होंने बताया कि डीओआरटी के सर्वर में करीब एक सप्ताह से खामियां चल रही हैं जिससे ऑनलाइन टिकट बुकिंग में परेशानी आ रही है. इस संबंध में उच्चाधिकारियों को लिखकर दे दिया है. ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी. पहले भी समस्या हुई थी लेकिन बीच में सही हो गई. उसमें कभी कभी दिक्कत आ जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि लगातार नहीं चलता. मुख्यालय स्तर पर इसको लेकर बातचीत चल रही है कि इसको पूर्ण रूप से सुधारा जाए.