लखनऊ: परिवहन आयुक्त मुख्यालय से पिछले एक माह से लगभग सवा लाख ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के पते पर भेज नहीं जा सके हैं. समय पर ड्राइविंग लाइसेंस न मिलने से आवेदक काफी परेशान हो रहे हैं. लगातार मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. अब मुख्यालय की तरफ से लंबित ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के घर भेजे जाएंगे. अधिकारी बताते हैं कि 10 दिन के अंदर सभी ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक के पते पर डिलीवर्ड हो जाएंगे. इससे अब आवेदकों को बड़ी राहत मिलेगी.
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के लिए राहत की खबर है. 31 मई से पहले के लंबित ड्राइविंग लाइसेंस की डिलीवरी दो जुलाई से शुरू होगी. साफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते करीब एक लाख 27 हजार डीएल मुख्यालय पर रखे हैं. जहां की मैनेजमेंट सिस्टम यानी केएमएस में डीएल का ब्यौरा दर्ज नहीं हो रहा था. इसके चलते पिछले एक माह से डीएल आवेदक के पते पर भेजे ही नहीं जा पा रहे थे. इससे ड्राइविंग लाइसेंस के इंतजार में तकरीबन सवा लाख डीएल धारकों को परेशानी हो रही थी. हर रोज आरटीओ कार्यालय से लेकर मुख्यालय तक सैकड़ों आवेदक चक्कर काटने को मजबूर हो रहे थे.
सोमवार को लंबित डीएल का ब्यौरा तलब किया गया. ज्यादा से ज्यादा कर्मियों की ड्यूटी लगाकर केएमएस कराने के निर्देश दिए गए. परिवहन विभाग के आईटी सेल से जुड़े अधिकारी ने बताया कि एनआईसी के जरिए केएमएस साफ्टवेयर में गड़बड़ी खत्म कर ली गई है. डीएल की जो पेंडेंसी है उसे 10 दिनों के अंदर खत्म कर लिया जाएगा. इस संबंध में कार्यदायी संस्था को भी डाक से डीएल की डिलीवरी तेजी से कराने के निर्देश दिए हैं जिससे ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के पते पर एक सप्ताह के अंदर डीएल पहुंच जाएं. इन ड्राइविंग लाइसेंस में सबसे अधिक संख्या लखनऊ की है. जानकारी के मुताबिक सिर्फ लखनऊ के ही 22 हजार के करीब डीएल हैं.