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सर्व पितृ अमावस्या पर जलाशयों में हुए तर्पण, पूर्वजों को किया याद - Sarva Pitru Amavasya - SARVA PITRU AMAVASYA

सर्वपितृ अमावस्या पर जोधपुर में जलाशयों पर तर्पण कार्यक्रम आयोजित किए गए. ब्राह्मणों को भोजन कराया गया. दान पुण्य भी किया गया.

Sarva Pitru Amavasya
सर्व पितृ अमावस्या पर जोधपुर में जलाशयों में हुए तर्पण (Photo ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2024, 3:36 PM IST

Updated : Oct 2, 2024, 3:48 PM IST

जोधपुर: सर्वपितृ अमावस्या पर बुधवार को पितरों की आत्मा की शांति के लिए शहर के जलाशयों पर तर्पण किया गया. इस मौके पर ब्राह्मणों और पशु-पक्षियों को भोजन कराया गया और दान-पुण्य आदि किए गए. इस बार अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण है, लेकिन भारत में इसका असर नहीं पड़ने से यहां सूतक लागू नहीं हुआ. इसके साथ ही गत 18 सितंबर से शुरू हुए श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ हो जाएगा.

सर्व पितृ अमावस्या पर जलाशयों में हुए तर्पण (Video ETV Bharat Jodhpur)

शहर के गुलाब सागर और पद्मसागर पर बुधवार को नदी में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया. उनका श्राद्ध करके पिंडदान किया और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. पंडित धर्मेंद्र बिस्सा ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के बिना पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती.

पढ़ें: पुष्कर में पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म एवं दान करने का है विशेष महत्व

उन्होंने बताया कि वे श्राद्ध पक्ष में धरती पर आते हैं और श्राद्ध, तर्पण आदि से प्रसन्न होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन ब्राह्मण भोज और उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया जाता है. पशु-पक्षियों को भोज करवाया जाता है और पितरों की पूजा की जाती है. बाद में उन्हें अपने स्थान भेजा जाता है. पंडित बिस्सा के अनुसार 15 दिन के श्राद्ध पक्ष में अगर किसी ने अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं किया या किसी तरह का तर्पण नहीं किया है तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन वह तर्पण कर पूरा पुण्य प्राप्त कर सकता है. इस दिन सभी पूर्वजों के नाम से एक साथ तर्पण किया जा सकता है.

जोधपुर: सर्वपितृ अमावस्या पर बुधवार को पितरों की आत्मा की शांति के लिए शहर के जलाशयों पर तर्पण किया गया. इस मौके पर ब्राह्मणों और पशु-पक्षियों को भोजन कराया गया और दान-पुण्य आदि किए गए. इस बार अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण है, लेकिन भारत में इसका असर नहीं पड़ने से यहां सूतक लागू नहीं हुआ. इसके साथ ही गत 18 सितंबर से शुरू हुए श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के साथ हो जाएगा.

सर्व पितृ अमावस्या पर जलाशयों में हुए तर्पण (Video ETV Bharat Jodhpur)

शहर के गुलाब सागर और पद्मसागर पर बुधवार को नदी में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने पूर्वजों का तर्पण किया. उनका श्राद्ध करके पिंडदान किया और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. पंडित धर्मेंद्र बिस्सा ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के बिना पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती.

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उन्होंने बताया कि वे श्राद्ध पक्ष में धरती पर आते हैं और श्राद्ध, तर्पण आदि से प्रसन्न होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन ब्राह्मण भोज और उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया जाता है. पशु-पक्षियों को भोज करवाया जाता है और पितरों की पूजा की जाती है. बाद में उन्हें अपने स्थान भेजा जाता है. पंडित बिस्सा के अनुसार 15 दिन के श्राद्ध पक्ष में अगर किसी ने अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं किया या किसी तरह का तर्पण नहीं किया है तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन वह तर्पण कर पूरा पुण्य प्राप्त कर सकता है. इस दिन सभी पूर्वजों के नाम से एक साथ तर्पण किया जा सकता है.

Last Updated : Oct 2, 2024, 3:48 PM IST
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