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Mother's Day: मां तुम कब जेल से बाहर आओगी, बोलते ही छलक पड़े बच्चों के आंसू - Mothers Day in Dasna Jail

Mother's Day 2024: हर साल मई के दूसरे संडे को मदर्स डे पूरी दुनिया में अनोखे तरीकों से मनाया जाता है. इसी कड़ी में डासना स्थित जिला कारागार में जेल प्रशासन द्वारा महिला बंदियों को उनके बच्चों से मिलने दिया गया.

Mother's Day: मां तुम कब जेल से बाहर आओगी,
Mother's Day: मां तुम कब जेल से बाहर आओगी, (Etv Bharat REPORTER)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 11, 2024, 10:49 PM IST

Updated : May 12, 2024, 9:46 AM IST

मदर्स डे स्पेशल (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: विश्व भर में हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे' सेलिब्रेट किया जाता है. मदर्स डे के मौके पर गाजियाबाद की डासना जेल में बहुत ही भावुक दृश्य दिखाई दिया. बच्चों की आंखों में आंसू और अपने साथ ममता को समेटी दर्जनों मां ने लंबे वक्त के बाद अपने कलेजे के टुकड़ों को अपने नजदीक पाया. डासना स्थित जिला कारागार में मदर्स डे के अवसर पर जेल प्रशासन द्वारा महिला बंदियों को उनके बच्चों से मिलने का अवसर दिया गया.

अमूमन मुलाकात खाने में जाली के पीछे मुलाकात होती है. जिसमें बाहरी व्यक्ति जेल में बंद इंसान से मिलता है लेकिन मन की ममता देखते हुए इन बच्चों को सीधे तौर पर मिलने का अवसर मिला. जैसे ही बच्चे जेल गेट से प्रवेश किए सामने मां को देखा. इस दौरान मासूम बच्चे भावुक होते हुए अपनी मां को गले लगा लिया. कई मां इस वक्त काफी ज्यादा भावुक होती देखीं. बच्चों के हाथ में मां के लिए गुलाब और चॉकलेट थी. डासना जेल में ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया. जहां मां बच्चों के आंसू पोंछ रही थी और बच्चे अपनी मां के. सभी बच्चों का बस अपनी मां से एक ही सवाल था की मां आप बाहर कब आओगे.

ये भी पढ़ें: संघर्ष की दास्तांः एक ऐसी मां जिसकी मेहनत से 14 साल के बेटे की बनी विश्व पटल पर पहचान

जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि मदर डे के अवसर पर इन बच्चों को उनकी मां से मिलने का मौका दिया गया है. ऐसे में इन बच्चों को थोड़ी देर अपनी मां के साथ बिताने के लिए जेल प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई. गर्मियों को देखते हुए पीने के पानी, टेंट और रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था भी की गई. बच्चों के चेहरे पर अपनी मां से मिलने के बाद मुस्कान थी. बच्चों ने जीवन में कुछ अच्छा करने की शपथ भी ली.

ये भी पढ़ें: धरती पर श्रेष्ठतम कृति है मां, जानिए मदर्स डे के अवसर पर इसका महत्व और इतिहास

वहीं, महिला बंदी ने अपने बच्चों से मुलाकात को लेकर कहा कि जेल प्रशासन द्वारा की गई की पहल बहुत अच्छी है. आम दिनों में तो जेल के पीछे ही बच्चों से मुलाकात होती है लेकिन आज हमने अपने बच्चों को गोद में लिया और गले लगाया. एक मां के लिए इससे बड़ी चीज क्या हो सकती है कि वह अपने बच्चों से बात कर पा रही है.

ये भी पढ़ें: मदर्स डे पर मां को दें ये 5 बेहद खास और अनोखें गिफ्ट, देखते ही खिल जाएगा चेहरा

मदर्स डे स्पेशल (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: विश्व भर में हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे' सेलिब्रेट किया जाता है. मदर्स डे के मौके पर गाजियाबाद की डासना जेल में बहुत ही भावुक दृश्य दिखाई दिया. बच्चों की आंखों में आंसू और अपने साथ ममता को समेटी दर्जनों मां ने लंबे वक्त के बाद अपने कलेजे के टुकड़ों को अपने नजदीक पाया. डासना स्थित जिला कारागार में मदर्स डे के अवसर पर जेल प्रशासन द्वारा महिला बंदियों को उनके बच्चों से मिलने का अवसर दिया गया.

अमूमन मुलाकात खाने में जाली के पीछे मुलाकात होती है. जिसमें बाहरी व्यक्ति जेल में बंद इंसान से मिलता है लेकिन मन की ममता देखते हुए इन बच्चों को सीधे तौर पर मिलने का अवसर मिला. जैसे ही बच्चे जेल गेट से प्रवेश किए सामने मां को देखा. इस दौरान मासूम बच्चे भावुक होते हुए अपनी मां को गले लगा लिया. कई मां इस वक्त काफी ज्यादा भावुक होती देखीं. बच्चों के हाथ में मां के लिए गुलाब और चॉकलेट थी. डासना जेल में ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया. जहां मां बच्चों के आंसू पोंछ रही थी और बच्चे अपनी मां के. सभी बच्चों का बस अपनी मां से एक ही सवाल था की मां आप बाहर कब आओगे.

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जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि मदर डे के अवसर पर इन बच्चों को उनकी मां से मिलने का मौका दिया गया है. ऐसे में इन बच्चों को थोड़ी देर अपनी मां के साथ बिताने के लिए जेल प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई. गर्मियों को देखते हुए पीने के पानी, टेंट और रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था भी की गई. बच्चों के चेहरे पर अपनी मां से मिलने के बाद मुस्कान थी. बच्चों ने जीवन में कुछ अच्छा करने की शपथ भी ली.

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वहीं, महिला बंदी ने अपने बच्चों से मुलाकात को लेकर कहा कि जेल प्रशासन द्वारा की गई की पहल बहुत अच्छी है. आम दिनों में तो जेल के पीछे ही बच्चों से मुलाकात होती है लेकिन आज हमने अपने बच्चों को गोद में लिया और गले लगाया. एक मां के लिए इससे बड़ी चीज क्या हो सकती है कि वह अपने बच्चों से बात कर पा रही है.

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Last Updated : May 12, 2024, 9:46 AM IST
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