ETV Bharat / state

9 या 10 मई को, अक्षय तृतीया कब ? जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त - Akshaya Tritiya 2024

Akshaya Tritiya 2024: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग आरंभ हुआ था.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 5, 2024, 8:23 PM IST

Updated : May 5, 2024, 8:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहते है. कभी नष्ट न होने वाले को अक्षय कहते हैं. अक्षय तृतीया के दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का महत्व बताया गया है.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त नहीं पड़ रहे हैं. शुक्र और गुरु अस्त होने के कारण वैवाहिक और गृह प्रवेश संबंधित कार्य पर विराम लग गया है.

शास्त्रों में शुक्र और गुरु अस्त होने के कारण विवाह और गृह प्रवेश संबंधित मुहूर्त को निषेध किया गया है. हालांकि अक्षय तृतीया पर नई गाड़ी और घर खरीद सकते हैं. आभूषण समेत घर के लिए अन्य सामान खरीदने के लिए यह दिन बेहद शुभ होता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, आभूषण आदि की वृद्धि होती है.

० अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 10 मई 2024 सुबह 4:17 बजे शुरू.

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: शनिवार, 11 मई 2024 सुबह 2:50 बजे समाप्त.

उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार, 10 मई 2024 को मनाया जाएगा.

पूजा मुहूर्त: शुक्रवार 10 में 2024 को सुबह 5:48 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक.

अक्षय तृतीया के दिन सतयुग और त्रेता युग की शुरुआत हुई थी. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. अक्षय तृतीया को ही भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था. अक्षय पात्र में भोजन कभी समाप्त नहीं होता था. अक्षय पात्र से युधिष्ठिर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराते थे. इसीलिए अक्षय तृतीया के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है.

ये भी पढ़ें: वैशाख अमावस्या 2024: वैशाख अमावस्या कब ? जाने महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहते है. कभी नष्ट न होने वाले को अक्षय कहते हैं. अक्षय तृतीया के दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का महत्व बताया गया है.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त नहीं पड़ रहे हैं. शुक्र और गुरु अस्त होने के कारण वैवाहिक और गृह प्रवेश संबंधित कार्य पर विराम लग गया है.

शास्त्रों में शुक्र और गुरु अस्त होने के कारण विवाह और गृह प्रवेश संबंधित मुहूर्त को निषेध किया गया है. हालांकि अक्षय तृतीया पर नई गाड़ी और घर खरीद सकते हैं. आभूषण समेत घर के लिए अन्य सामान खरीदने के लिए यह दिन बेहद शुभ होता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, आभूषण आदि की वृद्धि होती है.

० अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 10 मई 2024 सुबह 4:17 बजे शुरू.

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: शनिवार, 11 मई 2024 सुबह 2:50 बजे समाप्त.

उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार, 10 मई 2024 को मनाया जाएगा.

पूजा मुहूर्त: शुक्रवार 10 में 2024 को सुबह 5:48 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक.

अक्षय तृतीया के दिन सतयुग और त्रेता युग की शुरुआत हुई थी. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. अक्षय तृतीया को ही भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था. अक्षय पात्र में भोजन कभी समाप्त नहीं होता था. अक्षय पात्र से युधिष्ठिर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराते थे. इसीलिए अक्षय तृतीया के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है.

ये भी पढ़ें: वैशाख अमावस्या 2024: वैशाख अमावस्या कब ? जाने महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Last Updated : May 5, 2024, 8:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.