उज्जैन. आज 54 साल बाद पूर्ण सूर्यग्रहण लगने जा रहा है, भारत में ये ग्रहण नहीं दिखाई देगा इस वजह से ग्रहण काल के दौरान देश के सबसे बड़े तीर्थस्थल महाकालेश्वर में भोलेनाथ विशेष रूप में भक्तों को दर्शन देंगे. आपको बता दें कि महाकाल मंदिर ऐसा मंदिर है जिसे ग्रहणकाल के दौरान भी बंद नहीं किया जाता, यहां इस दौरान केवल पूजा के समय में बदलाव होता है. बता दें कि आज भोलेनाथ का भांग, चंदन और आभूषणों से श्रृंगार किया गया है.
सूर्यग्रहण पर महाकाल मंदिर के पठ नहीं होंगे बंद
मध्य भारत के ज्योतिषाचार्य शिव अग्निहोत्री ने बताया कि सोमवार रात 8 बजे ग्रहण भारतीय समय अनुसार रात 9 बजकर 12 मिनट पर सूर्यग्रहण शुरू होगा और रात 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. अगर ये भारत में दिखाई देता, तो भले ही पूरे देश में सूतक मान्य होता पर महाकाल मंदिर में सूतक मान्य नहीं है. दरअसल, काल यानी समय व मृत्यु महाकाल के अधीन है और वे इस भूमंडल के स्वामी हैं, इसी वजह से ग्रहणकाल के दौरान महाकाल मंदिर के पठ बंद नहीं होतो और महादेव अपने भक्तों को दर्शन देते रहते हैं.
भस्म आरती के साथ हुआ विशेष श्रृंगार
सोमवार 8 अप्रैल को बाबा महाकाल को अल सुबह भस्म चढ़ाई गई. इसके बाद भांग, चंदन, और आभूषणों से श्रृंगार किया गया. भस्म आरती के बाद भोलेनाथ का शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, मखाने और सुगंधित पुष्पों से विशेष श्रृंगार हुआ. आज सूर्यग्रहण है, इसके बावजूद लाखों की संख्या में यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं, क्योंकि यहां सूर्य अथवा चंद्रग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता. बता दें कि ये पूर्ण सूर्य ग्रहण अमेरिका, ग्रीन लैंड, मैक्सिको, कनाडा आदि देशों में दिखाई देगा.
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ओंकारेश्वर में भी भोलेनाथ का अद्भुत श्रृंगार
इसी तरह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में चौथे और मध्यप्रदेश के दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भी भक्तों को भोलेनाथ का अद्भुत श्रृंगार देखने मिलेगा. यहां हर दिन मंदिर परिसर, गर्भ गृह व ज्योतिर्लिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है. सूतक काल मान्य नहीं होने से यहां भी भक्तों को लगातार दर्शक करने का मौका मिलेगा.