जयपुर : प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और अभयारण्य में अब पुराने पर्यटक वाहन नहीं चल सकेंगे. पुरानी जिप्सी और कैंटर को लेकर वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं. टाइगर रिजर्व और अभ्यारण्य में लगे पुराने वाहनों की निर्धारित समय अवधि पूरी होने के बाद उन्हें हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं. वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय ने आदेश जारी किए हैं कि जिन पर्यटक वाहनों की निर्धारित समय अवधि पूरी हो चुकी है, उन्हें बदला जाए. नए वाहनों में केवल बीएस-6 श्रेणी के वाहन लगाए जा सकेंगे. इनमें भी 8 से 12 सीटर जिप्सी और 18 से 20 सीटर कैंटर लगा सकेंगे.
वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्यक्ष ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व और वन्यजीव अभ्यारणों में पर्यटन संचालन का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में पर्यटन कार्यों में जिप्सी और कैंटर उपयोग में लिए जाते हैं. कई वाहनों की पर्यटन कार्य के उपयोग के लिए निर्धारित अवधि प्रतिवर्ष निरंतर पूर्ण होती जा रही है, जिसके कारण पर्यटक कार्य के उपयोग में लिए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आ रही है. वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिन वाहनों की पर्यटन कार्य के उपयोग के लिए निर्धारित समय अवधि पूर्ण हो चुकी है या होने वाली है, उन्हें बदलने के आदेश जारी किए गए हैं.
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वन्यजीव अभ्यारण्य में पर्यटकों को सफारी करवाने के लिए वाहन लगे हुए हैं, लेकिन पुराने वाहनों से प्रदूषण ज्यादा फैलता है, जिससे वन्यजीवों को भी परेशानी होती है. ऐसे में वन विभाग ने निर्णय किया है कि जैसे-जैसे सभी पुराने वाहनों की समय अवधि पूरी होती जाएगी, वैसे-वैसे वाहनों को बदल जाएगा. अब नए वाहन सिर्फ बीएस-6 श्रेणी के ही लगाए जाएंगे. वाहनों की भी केटेगरी निर्धारित की गई है. 8 से 12 सीटर जिप्सी और 18 से 20 सीटर कैंटर लगाए जाएंगे. अब सभी टाइगर रिजर्व और अभयारण्य में चलने वाले पुराने वाहनों को हटाकर बीएस-6 श्रेणी के नए वाहन लगाए जाएंगे.
मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय ने संशोधित आदेश जारी करते हुए स्पेसिफिकेशन से महिंद्रा कंपनी का नाम हटा दिया है. पैसेंजर लाइट व्हीकल में टाटा, फोर्स, मारुति सहित विभिन्न कंपनियों को अवसर मिलेगा. कैंटर के रिप्लेसमेंट के तौर पर आयशर, स्वराज माजदा, टाटा और अशोक लीलैंड को शामिल किया गया है, जबकि 10 जुलाई के आदेशों में केंटर के लिए आयशर और स्वराज माजदा, मारुति जिप्सी के रिप्लेसमेंट के तौर पर महिंद्रा बोलेरो कैंपर और महिंद्रा स्कार्पियो एन का प्रस्ताव था. वाइल्डलाइफ सफारी में पर्यटक वाहनों की वैलिडिटी 9 वर्ष मानी गई है. ऐसे में जिन वाहनों की अवधि पूरी हुई है, उन्हें तुरंत रिप्लेस करना होगा.
वन विभाग में 5 आईएफएस अधिकारियों के तबादले : वन विभाग में पांच आईएफएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. कार्मिक विभाग ने तबादला सूची जारी की है. आईएफएससी अधिकारी संग्राम सिंह कटियार को सरिस्का बाघ परियोजना अलवर में क्षेत्र निदेशक के पद पर लगाया गया है. मोनाली सेन को उपवन संरक्षक जेडीए, महेंद्र कुमार शर्मा को कार्य आयोजना अधिकारी जयपुर, अभिमन्यु सहारण को उप क्षेत्र निदेशक सरिस्का बाघ परियोजना अलवर और मुथु एस को उपवन संरक्षक मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व कोटा के पद पर लगाया गया है.