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एमपी में कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता अटका, चुनाव से पहले मोहन सरकार को ऐसे देंगे चुनौती - 12 लाख कर्मचारी करेंगे हड़ताल

Employees Expensiveness Allowance Stuck: लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के करीब 12 लाख कर्मचारी सरकार के लिए संकट बनने जा रहे हैं. महंगाई भत्ता नहीं मिलने से कर्मचारियों ने फरवरी से आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

Employees Expensiveness Allowance Stuck
एमपी में कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता अटका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 27, 2024, 7:58 PM IST

भोपाल। सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार के लिए आम चुनाव से पहले प्रदेश के करीब 12 लाख कर्मचारी संकट बनेंगे. महंगाई भत्ता और महंगाई राहत ना मिल पाने की वजह से प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारी और साढ़े चार लाख के लगभग रिटायर्ड कर्मचारी फरवरी से आंदोलन की तैयारी कर चुके हैं. इन कर्मचारियों का आरोप है कि बढ़ती महंगाई के साथ समय पर महंगाई भत्ता नहीं मिलने की वजह से अब तक कर्मचारियों को 700 करोड़ का नुकसान हो चुका है. एमपी के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने पहले धरना फिर आंदोलन की चेतावनी दी है.

एमपी में ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अटका

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि राज्य सरकार सभी वर्गों की कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है,लेकिन कर्मचारियों की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है. केन्द्र की ओर से जुलाई 2023 से ही 4% महंगाई भत्ता व महंगाई राहत दे दी गई है. लेकिन राज्य सरकार केंद्र के समान और केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ते का वादा करने के बाद भी वादे से मुकर गई. उनका आरोप है कि राज्य में कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से बकाया महंगाई भत्ता/महंगाई राहत नहीं दी जा रही है. आगामी कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी फिर आचार संहिता के नाम पर सरकार लटका देगी. पहले भी सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनका एरियर ना देकर 9200 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा दिया है.

ये भी पढ़ें:

फरवरी में धरना,फिर आंदोलन

तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर सरकार ने सुनवाई नहीं की तो फरवरी महीने में सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए धरना प्रदर्शन किया जाएगा. संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा हर महीने 1करोड़ 29 लाख 77 हजार 199 लाड़ली बहनों को 1 हजार 219 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं पर कर्मचारियों को महीने में 150 करोड़ देने में सरकार को दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर सब्जियों के दाम 60% एवं दालों के दाम 15 से 20% तक बढ़ चुके हैं. पिछले 7 महीने से कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं मिला. तिवारी का कहना है कि राज्य के कार्यरत एवं सेवानिवृत्त 12 लाख कर्मचारियों का सरकार इम्तेहान ना ले.

भोपाल। सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार के लिए आम चुनाव से पहले प्रदेश के करीब 12 लाख कर्मचारी संकट बनेंगे. महंगाई भत्ता और महंगाई राहत ना मिल पाने की वजह से प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारी और साढ़े चार लाख के लगभग रिटायर्ड कर्मचारी फरवरी से आंदोलन की तैयारी कर चुके हैं. इन कर्मचारियों का आरोप है कि बढ़ती महंगाई के साथ समय पर महंगाई भत्ता नहीं मिलने की वजह से अब तक कर्मचारियों को 700 करोड़ का नुकसान हो चुका है. एमपी के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने पहले धरना फिर आंदोलन की चेतावनी दी है.

एमपी में ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अटका

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि राज्य सरकार सभी वर्गों की कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है,लेकिन कर्मचारियों की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है. केन्द्र की ओर से जुलाई 2023 से ही 4% महंगाई भत्ता व महंगाई राहत दे दी गई है. लेकिन राज्य सरकार केंद्र के समान और केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ते का वादा करने के बाद भी वादे से मुकर गई. उनका आरोप है कि राज्य में कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से बकाया महंगाई भत्ता/महंगाई राहत नहीं दी जा रही है. आगामी कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी फिर आचार संहिता के नाम पर सरकार लटका देगी. पहले भी सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनका एरियर ना देकर 9200 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा दिया है.

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फरवरी में धरना,फिर आंदोलन

तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर सरकार ने सुनवाई नहीं की तो फरवरी महीने में सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए धरना प्रदर्शन किया जाएगा. संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा हर महीने 1करोड़ 29 लाख 77 हजार 199 लाड़ली बहनों को 1 हजार 219 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं पर कर्मचारियों को महीने में 150 करोड़ देने में सरकार को दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर सब्जियों के दाम 60% एवं दालों के दाम 15 से 20% तक बढ़ चुके हैं. पिछले 7 महीने से कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं मिला. तिवारी का कहना है कि राज्य के कार्यरत एवं सेवानिवृत्त 12 लाख कर्मचारियों का सरकार इम्तेहान ना ले.

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