नई दिल्लीः दिल्ली नर्सेज फेडरेशन (डीएनएफ) के बैनर तले मंगलवार को बड़ी संख्या में नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों ने स्थायी करने की मांग को लेकर दिल्ली सचिवालय का घेराव किया. विधानसभा घेराव के लिए नर्सिंग कर्मी दोपहर 12 बजे से ही सचिवालय पर एकत्रित होने शुरू हो गए. इस दौरान हाथों में तख्तियां लिए कर्मियों ने सचिवालय तक पैदल मार्च किया. साथ ही केजरीवाल सरकार से खुद को स्थाई करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की.
नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि आज करो, अभी करो हमको परमानेंट (स्थाई) करो. डीएनएफ के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पिछले 10-15 साल से करीब तीन हजार नर्सिंग कर्मी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं. सरकार इनको परमानेंट करने का कई बार वायदा कर चुकी है. लेकिन, हर बार ये ढकोसला ही साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में नर्सिंग कर्मी सबसे ज्यादा काम करते हैं. यहां पिछले करीब 10 साल से नर्सों की स्थाई भर्ती नहीं हुई है. अब सरकार ने आउटसोर्सिंग के जरिए कॉन्ट्रैक्ट पर नर्सेज की भर्ती शुरू कर दी है.
इससे स्थायी होने का इंतजार कर रहे नर्सिंग कर्मियों के हित प्रभावित हो रहे हैं. आउटसोर्सिंग से भर्ती करने से पेशेंट केयर भी प्रभावित हो रही है. आउटसोर्सिंग कर्मी जिम्मेदारी के साथ मरीज की देखभाल नहीं करते हैं. डीएनएफ की ओर से प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल को संबोधित एक ज्ञापन भी दिया. इसमें एक महीने के अंदर विधिवत तरीके अस्थाई नर्सिंग कर्मियों और पैरामेडिकल स्टाफ को स्थाई करने की मांग की है.
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नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि पहले भी सरकार ने नर्सेज और कई संविदाकर्मियों को स्थायी किया था. लेकिन, अब सरकार की मंशा स्थायी करने की जगह आउटसोर्सिंग पर भर्ती करके काम चलाने की है. डीएनएफ का कहना है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पिछले 20 सालों से नर्सेज नौ हजार ही स्वीकृत पद हैं. इनमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. जबकि, पिछले 20 साल में दिल्ली में कई नए अस्पताल खुले हैं. नर्सेज के नए पदों को सृजित करने पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है.