नई दिल्ली: दिल्ली के निजी स्कूलों में लंबे इंतजार के बाद भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित वर्ग (डीजी), विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) श्रेणी की सीटों पर दाखिला प्रक्रिया इस हफ्ते शुरू होने की संभावना है. एक अप्रैल से राजधानी के निजी स्कूलों में नर्सरी और केजी की सामान्य श्रेणी के छात्रों का नया सत्र शुरू हो गया है. राजधानी में कुल 1731 निजी स्कूल हैं, जिनमें नर्सरी और केजी दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर के अनुसार नवंबर माह में दाखिला प्रक्रिया शुरू हुई थी. आठ मार्च तक यह दाखिला प्रक्रिया पूरी हुई थी. अब अभिभावकों और स्कूलों को ईडब्ल्यूएस की सीटों पर दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा सर्कुलर जारी होने का इंतजार है.
रोहताश नगर स्थित एसआर कैपिटल पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्य छाबड़िया ने बताया कि इस बार निदेशालय की तरफ से ईडब्ल्यूएस का दाखिला कार्यक्रम जारी करने में काफी देरी हो रही. वैसे हर साल जनवरी फरवरी में निदेशालय द्वारा ईडब्ल्यूएस दाखिले का कार्यक्रम जारी हो जाता था. जिससे समय पर एक अप्रैल से ही इस श्रेणी के बच्चों की भी पढ़ाई शुरू हो जाती थी. लेकिन, इस बार निदेशालय द्वारा अभी तक दाखिला कार्यक्रम जारी न होने से प्रक्रिया में देरी हो रही है. इससे बच्चों का नुकसान होगा. उनकी पढ़ाई पिछड़ जाएगी. कोर्स कवर करने में उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. प्रक्रिया में देरी होने से इन दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ेंगी.
बता दें कि निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीट ईडब्ल्यूएस, डीजी और विशेष बच्चों की श्रेणी के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के दाखिला संबंधी दिशा-निर्देश और अधिसूचना इस सप्ताह जारी होने की संभावना है. ज्यादातर स्कूलों ने सीटों के मामले के बारे में आंकड़ों की जानकारी दे दी है. अब इसे सूचीबद्ध किया जा रहा है.
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दाखिला प्रक्रिया में देरी की वजह
मयूर विहार फेस 3 विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य डॉक्टर सतबीर शर्मा ने बताया कि इस साल निदेशालय की ओर से ईडब्ल्यूएस की दाखिला प्रक्रिया के लिए सर्कुलर जारी होने में इसलिए देरी हुई है क्योंकि ईडब्ल्यूएस की साला आमदनी का नया स्लैब तय करने का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित था. उससे नया स्लैब तय नहीं हो पाया था. अब कोर्ट ने तीन लाख रूपये का नया स्लैब तय कर दिया है. अब तक यह एक लाख था. इसके आधार पर निदेशालय सर्कुलर जारी करने की तैयारी कर रहा है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से अब नर्सरी दाखिले में बच्चों की उम्र की सीमा 3 साल से बढ़ा कर 4 साल कर दी है. उसको भी लागू करने के लिए निदेशालय विचार विमर्श कर रहा था. निदेशालय से जानकारी मिल रही है कि इसकी प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. अब जल्द ही कार्यक्रम जारी होने की संभावना है.
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