शिमला: 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस सरकार पर राज्यसभा चुनाव के बाद से संकट पैदा हो गया. एक समय ऐसा लगा कि हिमाचल में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने भी आक्रमक अंदाज में फ्रंटफुट पर आकर संकट को कुछ समय के लिए टाल दिया. अब सबकी नजरें इन छह विधानसभा सीटों पर भी है. विधानसभा उपचुनाव में सभी छह सीटों पर 25 उम्मीदवार चुनाव में अपना भाग्य आजमाएंगे. हिमाचल में विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कुल 4,54,926 मतदाता छह विधायकों को चुनेंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था. इसके बाद अब धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 1 जून को मतदान होगा.
बड़सर विधानसभा क्षेत्र: इस सीट पर 42 हजार 918 पुरुष और 44 हजार 529 महिला मतदाता हैं. पुरुषों के मुकाबले यहां महिलाओं मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. साथ ही इस सीट पर 1 हजार 909 सर्विस वोटर्स हैं. 1 बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 1 थर्ड जेंडर समेत कुल मतदाताओं की संख्या 89 हजार पंजीकृत है. यहां 89 हजार 357 मतदाता हैं. बड़सर सीट पर मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आईडी लखनपाल और सुभाष चंद ढटवालिया के बीच है. बीजेपी प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने वर्ष 2012, 2017, 2022 में कांग्रेस की टिकट पर बड़सर से जीत हासिल की थी. इस बार लखनपाल ने हाथ का साथ छोडक़र बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. इसके अलावा वो बड़सर वार्ड से जिला परिषद सदस्य, कलवाड पंचायत से प्रधान और बिझड़ी वार्ड से सदस्य भी रह चुके हैं. करीब 42 साल बाद इस सीट पर ब्राह्मण बनाम राजपूत के बीच चुनावी टक्कर होगी.
सुजानपुर सीट: यहां पर 36 हजार 786 पुरुष और 38 हजार 863 महिला मतदाता हैं. 2 हजार 93 सर्विस वोटर्स हैं. यहां कुल 77 हजार 742 कुल मतदाता हैं. यहां पर लड़ाई पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के दो करीबियों के बीच है. यहां से कांग्रेस को अलविदा बोलकर बीजेपी में शामिल हुए राजेंद्र राणा और बीजेपी छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए कैप्टन रणजीत राणा के बीच मुकाबला है. वर्ष 2022 के बीच भी यहां मुकाबला राजेंद्र राणा व रणजीत राणा के बीच ही था. पिछले चुनाव में यानी 2022 राजेंद्र राणा ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा के कैप्टन रणजीत राणा को मामूली अंतर से हराया था. इस सीट पर राजपूत वोटर्स का प्रभाव है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने राजपूत उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा है.
धर्मशाला में मुकबाला हुआ त्रिकोणीय: इस सीट पर 42 हजार 939 पुरुष और 42 हजार 702 महिला मतदाता हैं. 1 ओवरसीज वोटर्स और 961 सर्विस वोटर्स हैं. यहां कुल 86 हजार 603 कुल मतदाता हैं. धर्मशाला सीट का चुनाव रोचक हो गया है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आजाद उम्मीदवार राकेश चौधरी के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. बीजेपी ने इस बार कांग्रेस से बागी हुए सुधीर शर्मा को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी धर्मशाला के पूर्व मेयर रहे हैं. सुधीर शर्मा पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके है. लोगों का मानना है कि मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने के कारण नाराज थे.
कुटलैहड़ सीट पर मुकेश अग्निहोत्री की परीक्षा: यहां पर 44 हजार 62 पुरुष और 43 हजार 630 महिला सहित 1 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इस सीट पर 1 हजार 614 सर्विस वोटर्स समेत कुल 89 हजार 307 मतदाता हैं. कुटलैहड़ सीट लगभग तीन दशक तक बीजेपी के कब्जे में थी. 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी देविंद्र भुट्टो ने यहां से बीजेपी के पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को हराया था, लेकिन कांग्रेस से बगावत कर वो बीजेपी में शामिल हो गए थे.
गगरेट विधानसभा क्षेत्र: 42 हजार 656 पुरुष और 41 हजार 660 महिला मतदाता हैं. 1 हजार 634 सर्विस वोटर्स समेत यहां कुल 85 हजार 950 मतदाता हैं. ऊना जिले के तहत आने वाली गगरेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस ने राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा के बीच है. चैतन्य शर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन कांग्रेस से बगावत बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, 2022 में टिकट ना मिलने पर राकेश कालिया बीजेपी में शामिल हो गए. चैतन्य शर्मा के बीजेपी में शामिल होते ही राकेश कालिया ने फिर घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. 2 बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट से विधायक राकेश कालिया तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. इस बार गगरेट में उनकी लड़ाई युवा चेहरे से है. यहां पर 5 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सीधी टक्कर बीजेपी-कांग्रेस में ही है.
लाहौल स्पीति में कड़ा मुकाबला: यहां पर कुल 12 हजार 605 पुरुष और 12668 महिला मतदाता हैं. 694 सर्विस वोटर्स समेत यहां वोटर्स की संख्या कुल 25 हजार 967 टोटल वोटर्स हैं. वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रवि ठाकुर ने लाहौल-स्पीति सीट पर 1,616 वोटों जीती थी. अब बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक रवि ठाकुर चुनावी मैदान में हैं. महिला वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस ने जिला परिषद लाहौल-स्पीति की अध्यक्ष अनुराधा राणा को उम्मीदवार बनाया है. यहां दोनों दलों के समीकरण निर्दलीय उम्मीदवार रामलाल मारकंडा ने बिगाड़ दिए हैं. रामलाल मारंकडा तीन बार विधायक रह चुके हैं और जयराम सरकार में मंत्री पद पर भी रहे थे. टिकट ना मिलने से नाराज निर्दलीय मैदान में उतरे डॉ. रामलाल मारकंडा ने दोनों पार्टियों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं.
सरकार को नहीं खतरा: उपचुनाव में यदि कांग्रेस सभी सीटों पर हार जाती है तो भी उसकी सरकार को खतरा नहीं है. इधर, तीन जून को निर्दलीय विधायकों के मामले में सुनवाई है. ऐसे आसार हैं कि उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाएगा. फिर विधानसभा की स्ट्रेंथ 65 रह जाएगी. सभी छह सीटें जीतने के बाद भी भाजपा की सदस्य संख्या 31 ही रहेगी और कांग्रेस की 34 होगी. यहां भी कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है. यदि कांग्रेस एक या एक से अधिक सीटों पर उपचुनाव जीतती है तो फिर सरकार और मजबूत हो जाएगी.
सबसे बड़ी बात कांग्रेस ने अपने दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा है. शिमला से विनोद सुल्तानपुरी व मंडी से विक्रमादित्य सिंह. यदि दोनों ही चुनाव जीत जाते हैं तो आने वाले समय में दो और उपचुनाव होंगे. वहीं, तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे भी भविष्य में स्वीकार हो जाते हैं तो तीन उपचुनाव और होंगे.