रांची: लोकसभा आम-चुनाव 2024 में इंदौर देशभर में सुर्खियों में इसलिए रहा क्योंकि यहां NOTA (Not Of The Above) दूसरे नम्बर पर रहा. मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के विजयी प्रत्याशी शंकर लालवानी का मुकाबला NOTA से था. झारखंड में भी कई लोगों ने इस बार लोकसभा आम चुनाव में किसी भी दल के प्रत्याशी से बेहतर NOTA का बटन दबाना बेहतर समझा.
2024 लोकसभा आम चुनाव में राज्य में कोडरमा लोकसभा सीट पर सबसे बड़े मतों के अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ. तो वहीं झारखंड में जहां भी नोटा को वोट पड़े उनमें सबसे बड़ी संख्या कोडरमा लोकसभा सीट में रही. यानि एक तरफ जहां कोडरमा में लोकतंत्र के महापर्व में उतरें उम्मीदवारों को पसंद कर रहे थे तो ऐसे लोगों की भी सबसे बड़ी संख्या में लोगों ने NOTA का बटन दबाया.
लोकसभा क्षेत्र | नोटा को मिले वोट | नोटा से पिछड़े प्रत्याशियों की संख्या |
कोडरमा | 42152 | 13 |
राजमहल | 18217 | 10 |
सिंहभूम | 23982 | 11 |
पलामू | 24343 | 06 |
लोहरदगा | 11384 | 11 |
खूंटी | 21919 | 05 |
रांची | 8153 | 23 |
चतरा | 8511 | 14 |
हजारीबाग | 7200 | 11 |
जमशेदपुर | 7326 | 21 |
गिरिडीह | 6044 | 08 |
धनबाद | 7354 | 20 |
गोड्डा | 4361 | 09 |
दुमका | 4526 | 09 |
लोकसभा के 244 उम्मीदवारों में से 171 NOTA से पिछड़ गए
झारखंड में लोकसभा आम चुनाव 2024 में 14 लोकसभा सीट पर कुल 244 प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे थे. चुनावी नतीजे बताते हैं कि इन 244 उम्मीदवारों में से 171 उम्मीदवार NOTA से पिछड़ गए.
सिर्फ इन पांच लोकसभा सीट पर ही सवा लाख से अधिक वोट पड़े नोटा को
राज्य में NOTA को कुल 195472 वोट मिले,इसमें 130613 वोट सिर्फ पांच लोकसभा सीट पर मिले. कोडरमा में 42152, पलामू में 24343, सिंहभूम में 23982, खूंटी में 21919 वोट और राजमहल लोकसभा सीट पर 18217 वोट नोटा को मिले.
EVM में सबसे नीचे होता है NOTA का बटन
EVM में प्रत्याशियों के नाम वाले बटन में सबसे नीचे का बटन नोटा का होता है, NOTA का शाब्दिक अर्थ होता है "Not Of The Above" यानी जो उम्मीदवार लोकसभा या विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे होते है उनमें से कोई भी प्रत्याशी वोटरों के पसंद का नहीं लगता है तो उसके लिए NOTA का प्रावधान किया गया है.
भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़े बताते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में NOTA का बटन दबाने वालों की कुल संख्या करीब 01 लाख 85 हजार के करीब था. 2014 लोकसभा चुनाव में भी झारखंड के 14 लोकसभा सीट पर हुए आम चुनाव में मतदान के दौरान 01 लाख 90 हजार 907 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. 2024 लोकसभा आम चुनाव में अब तक के सबसे अधिक 195472 लोगों की पसंद नोटा बना है. भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में NOTA का बटन यह अधिकार मतदाताओं को देता है कि वह यह प्रदर्शित कर सकें कि जो भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं उनमें से कोई भी उनके उम्मीदों पर खड़ा उतरने लायक नहीं है.
भाजपा से नाराज वोटरों ने NOTA का बटन दबाया- कांग्रेस
नोटा के प्रयोग और 171 उम्मीदवारों के NOTA से पिछड़ जाने पर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल से नाराज भाजपा समर्थकों इस ही बड़ी संख्या में नोटा का बटन दबाया है. राकेश सिन्हा ने कहा कि यही वजह है कि राज्य में नोटा को वोट बढ़े हैं और कुछ लोकसभा सीट पर तो यह हजारों में हैं.
नोटा को वोट बढ़ना चिंताजनक, सभी दलों को इस पर फैसला लेने की जरूरत- प्रदेश भाजपा
राज्य में लोकसभा के 171 उम्मीदवारों के नोटा से पिछड़ जाने पर झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह कहते हैं कि लोकतंत्र में सभी को सोच समझ कर फैसला लेने का अधिकार है. अब जब नोटा के उपयोग के मामले बढ़े हैं तो यह जनता की मर्जी है. भाजपा नेता ने कहा कि पांच वर्षों में एक बार वोट देने का मौका मिलता है. जनता को इसका समझ कर फैसला करना चाहिए और उपलब्ध प्रत्याशी में ही किसी को वोट करना चाहिए.
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