नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को आधे घंटे की बारिश ने हीट वेव की रफ्तार को थोड़ी धीमी कर दी है. इसके वजह से अस्पतालों में आने वाले हीट स्ट्रोक के मरीजों का आंकड़ा पिछले दो दिन से कम हो गया है. सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, लोकनायक अस्पताल व एम्स सहित दिल्ली के सभी प्रमुख अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के एक दो मरीज ही अस्पताल पहुंचे हैं. जबकि शुक्रवार को सिर्फ सफदरजंग में हीट स्ट्रोक के एक मरीज की मौत हुई.
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि वेंटिलेटर पर इलाज करा रहे सात मरीजों में से तीन मरीज रिकवर कर गए और उनका वेंटीलेटर हट गया है, जबकि चार मरीज अभी वेंटिलेटर पर हैं. इसी तरह सफदरजंग अस्पताल में पिछले 24 घंटे में हीट स्ट्रोक के सिर्फ दो मरीज ही पहुंचे. जबकि पहले से भर्ती मरीजों में से एक मरीज की मौत हो गई. सफदरजंग अस्पताल में फिलहाल हीट रिलेटेड इलनेस के कुल 28 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 15 मरीज गंभीर हैं, जिनको ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.
16 जून से लेकर अब तक अस्पताल में हीट स्ट्रोक के 68 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें से 29 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसी तरह लोकनायक अस्पताल में भी हीट स्ट्रोक के 10 मरीज भर्ती हैं. सफदरजंग अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बताया कि हल्की बारिश होने से दिल्ली में थोड़ी सी राहत मिली है. इससे हीट स्ट्रोक का असर थोड़ा सा कम हुआ है, जिसकी वजह से शुक्रवार और शनिवार को हीट स्ट्रोक के बहुत ही कम मरीज अस्पताल में आए हैं.
वहीं, आरएमएल अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुलिन कुमार ने हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों का डेटा देने से इनकार करते हुए कहा कि अस्पताल प्रशासन के पास ऊपर से हीट स्ट्रोक के मरीजों के बारे में जानकारी नहीं देने के निर्देश आए हुए हैं. इसलिए अब हमने हीट स्ट्रोक के मरीजों के बारे में जानकारी देना बंद कर दिया है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में मई महीने से चल रही हीट वेव के चलते आधिकारिक रूप से 50 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा मरीज अभी अस्पतालों में भर्ती हैं.
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