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डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डायलिसिस के मरीजों को बड़ी राहत, ये सुविधा बढ़ी - dialysis units Ram Manohar Lohia

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हिमोडायलिसिस यूनिट की क्षमता अब दोगुनी हो गई है. प्रशासन द्वारा भविष्य में इसे और भी बढ़ने की संभावना है.

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डायलिसिस यूनिट की संख्या बड़ी (Etv Bharat reporter)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 12, 2024, 2:10 PM IST

लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्पिटल ब्लाक हिमोडायलिसिस यूनिट की क्षमता दोगुनी हो गई है. अब संस्थान प्रतिदिन 12 से 13 डायलिसिस प्रक्रियाएं कर सकते है.अब हिमोडायलिसिस मशीनों की संखया 6 से बढ़कर 7 हो गयी है. भविष्य में इसकी और भी बढ़ने की संभावना है. डायलिसिस का समय सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक है, जो मरीजों के लिए अधिक सुविधाजनक स्थिति है.

इस यूनिट में पुनर्निर्माण द्वारा वॉटर मैंनेजमेंट सिस्टम का इंतजाम किया गया है. जिसमें, उचित जलनिकास प्रणाली एवं सेपटिक टैंक शामिल है. इसमें जल उपचार क्षमताओं को भी एक नए उच्च क्षमता वाले आरओ (RO) संयंत्र के साथ उन्नत किया है, जो प्रति घंटे 1000 लीटर पानी का उत्पादन करके न केवल हमारी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करना है. बल्कि, पानी की महत्वपूर्ण बचत (लगभग 70%) भी करता है. संस्थान के हॉस्पिटल ब्लाक पर प्रथम तल पर स्थित इस यूनिट के बुनियादी ढांचे मे उल्लेखनीय सुधार किए गये है. बेहतर वेंटिलेशन होने से मरीजों और कर्मचारियों के लिए आरामदायक वातावरण भी है. समर्पित शौचालय और बैठने के लिए एक निर्दिष्ट क्षेत्र मरीजों के लिए सुकून एवं सुविधाजनक है. भविष्य में पर्याप्त स्टाफ करने पर इस यूनिट का 24×7 परिचालन में परिवर्तित करने की योजना बना रहे है. यह विस्तारित सेवा मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर अस्पताल में भर्ती होते हैं.

30 से 40 मिनट जरूर करें व्यायाम और वॉक: शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व पर डॉ. राम मनोहार लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन और डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह ने कहा, कि आजकल की व्यस्त जीवन शैली में लोग शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व को भूल बैठे हैं. उनके द्वारा सभी को प्रतिदिन 30 से 40 मिनट (ब्रिस्क वॉक) करने की सलाह दी गई. संस्थान के डीन डॉ. प्रद्युम्न सिंह ने कहा, कि आज कल अधिकतर बीमारियां खराब जीवन शैली के कारण हो रही हैं. उन्होंने संतुलित भोजन एवं फिजिकल एक्टिविटी के महत्व पर अपने विचार साझा किये.

फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरुरी: कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील दत्त कांडपाल के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थय की उपयोगिता पर भी चर्चा की गई है. उन्होंने सभी को अपनी फिजिकल एक्टिविटी में जीवन शैली में सम्मिलित करने का सुझाव दिया. कार्यक्रम के लाइफ स्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सिंह के द्वारा हर उम्र के लोगों के लिए पोषक आहार और शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहने के विषय पर व्याख्यान दिया गया है. उनके द्वारा स्वस्थ्य जीवन शैली के लाभों पर विश्व भर में जो मेडिकल रिसर्च हुई है, उसके रिजल्ट्स श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किये गए है.

इसे भी पढ़े-सिविल Hospital Lucknow की फिजियोथेरेपी विभाग का होगा विस्तार, लोहिया अस्पताल में बढ़ेंगी ये सुविधाएं


कार्यक्रम में बाद बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते, जो समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इसके तहत एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया है. पैनल डिस्कशन में कार्डियोलॉजी से डॉ. आशीष झा, मेडिसिन से डॉ. विक्रम सिंह, बाल रोग विभाग से डॉ. शितांशु श्रीवास्तव, केजीएमयू से कम्यूनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका अग्रवाल, रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल की उप प्रधानाचार्य श्रीमती अनीता प्रताप, एवं लाइफ स्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सिंह ने प्रतिभाग किया. उन्होंने आज कल बच्चों में फोन, टेलीविजन के अत्यधिक इस्तेमाल और साथ ही खेल कूद की अत्यधिक कमी पर इसको उनकी जीवनशैली में सम्मिलित करने की आवश्यकता पर बल दिया. जिससे की बच्चों को भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके. अध्यापकों और माता पिता दोनों को ही इस विषय पर प्रयास करने के लिए प्रेरित करने पर चर्चा की गई.

बच्चों को जंक फूड से दूर रहने की सलाह: बच्चों के भोजन में जंक, खाद्य पदार्थों जैसे कि अत्यधिक कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर आदि के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई, कि ऐसे क्या उपाय किए जाए कि स्कूल से पहले, स्कूल में और स्कूल के बाद हर बच्चा स्वस्थ जीवनशैली जी पाए. कार्यक्रम में रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने भी प्रतिभाग किया. पैनल डिस्कशन को कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह द्वारा संचालित किया गया. कार्यक्रम के बाद एमबीबीएस के विद्यार्थिओं द्वारा स्वस्थ जीवन शैली की उपयोगिता को आम जन तक पहुंचाने के लिए हॉस्पिटल में मरीजों के मध्य एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग में सीनियर रेसिडेंट डॉ साराह उस्मानी के द्वारा किया गया. कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. सुमीत दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया. कार्यक्रम में डॉ. अमित कौशिक, डॉ. विनीता शुक्ला, डॉ. बीना सचान, डॉ. पीयूष करीवाला, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. छाया, डॉ. अक्षयता, डॉ. अभिमन्यु, डॉ. शुभम्, डॉ. एकता, डॉ. हुदा, डॉ. जटाशंकर , श्रीमती निमिषा सोनकर, अनीता मिश्रा , श्री अभिषेक पांडेय एवं एमबीबीएस के विद्यार्थी आदि मौजूद रहे.

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लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्पिटल ब्लाक हिमोडायलिसिस यूनिट की क्षमता दोगुनी हो गई है. अब संस्थान प्रतिदिन 12 से 13 डायलिसिस प्रक्रियाएं कर सकते है.अब हिमोडायलिसिस मशीनों की संखया 6 से बढ़कर 7 हो गयी है. भविष्य में इसकी और भी बढ़ने की संभावना है. डायलिसिस का समय सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक है, जो मरीजों के लिए अधिक सुविधाजनक स्थिति है.

इस यूनिट में पुनर्निर्माण द्वारा वॉटर मैंनेजमेंट सिस्टम का इंतजाम किया गया है. जिसमें, उचित जलनिकास प्रणाली एवं सेपटिक टैंक शामिल है. इसमें जल उपचार क्षमताओं को भी एक नए उच्च क्षमता वाले आरओ (RO) संयंत्र के साथ उन्नत किया है, जो प्रति घंटे 1000 लीटर पानी का उत्पादन करके न केवल हमारी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करना है. बल्कि, पानी की महत्वपूर्ण बचत (लगभग 70%) भी करता है. संस्थान के हॉस्पिटल ब्लाक पर प्रथम तल पर स्थित इस यूनिट के बुनियादी ढांचे मे उल्लेखनीय सुधार किए गये है. बेहतर वेंटिलेशन होने से मरीजों और कर्मचारियों के लिए आरामदायक वातावरण भी है. समर्पित शौचालय और बैठने के लिए एक निर्दिष्ट क्षेत्र मरीजों के लिए सुकून एवं सुविधाजनक है. भविष्य में पर्याप्त स्टाफ करने पर इस यूनिट का 24×7 परिचालन में परिवर्तित करने की योजना बना रहे है. यह विस्तारित सेवा मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर अस्पताल में भर्ती होते हैं.

30 से 40 मिनट जरूर करें व्यायाम और वॉक: शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व पर डॉ. राम मनोहार लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन और डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह ने कहा, कि आजकल की व्यस्त जीवन शैली में लोग शारीरिक क्रियाशीलता के महत्व को भूल बैठे हैं. उनके द्वारा सभी को प्रतिदिन 30 से 40 मिनट (ब्रिस्क वॉक) करने की सलाह दी गई. संस्थान के डीन डॉ. प्रद्युम्न सिंह ने कहा, कि आज कल अधिकतर बीमारियां खराब जीवन शैली के कारण हो रही हैं. उन्होंने संतुलित भोजन एवं फिजिकल एक्टिविटी के महत्व पर अपने विचार साझा किये.

फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरुरी: कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील दत्त कांडपाल के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थय की उपयोगिता पर भी चर्चा की गई है. उन्होंने सभी को अपनी फिजिकल एक्टिविटी में जीवन शैली में सम्मिलित करने का सुझाव दिया. कार्यक्रम के लाइफ स्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सिंह के द्वारा हर उम्र के लोगों के लिए पोषक आहार और शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहने के विषय पर व्याख्यान दिया गया है. उनके द्वारा स्वस्थ्य जीवन शैली के लाभों पर विश्व भर में जो मेडिकल रिसर्च हुई है, उसके रिजल्ट्स श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किये गए है.

इसे भी पढ़े-सिविल Hospital Lucknow की फिजियोथेरेपी विभाग का होगा विस्तार, लोहिया अस्पताल में बढ़ेंगी ये सुविधाएं


कार्यक्रम में बाद बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते, जो समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इसके तहत एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया है. पैनल डिस्कशन में कार्डियोलॉजी से डॉ. आशीष झा, मेडिसिन से डॉ. विक्रम सिंह, बाल रोग विभाग से डॉ. शितांशु श्रीवास्तव, केजीएमयू से कम्यूनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका अग्रवाल, रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल की उप प्रधानाचार्य श्रीमती अनीता प्रताप, एवं लाइफ स्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सिंह ने प्रतिभाग किया. उन्होंने आज कल बच्चों में फोन, टेलीविजन के अत्यधिक इस्तेमाल और साथ ही खेल कूद की अत्यधिक कमी पर इसको उनकी जीवनशैली में सम्मिलित करने की आवश्यकता पर बल दिया. जिससे की बच्चों को भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके. अध्यापकों और माता पिता दोनों को ही इस विषय पर प्रयास करने के लिए प्रेरित करने पर चर्चा की गई.

बच्चों को जंक फूड से दूर रहने की सलाह: बच्चों के भोजन में जंक, खाद्य पदार्थों जैसे कि अत्यधिक कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर आदि के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई, कि ऐसे क्या उपाय किए जाए कि स्कूल से पहले, स्कूल में और स्कूल के बाद हर बच्चा स्वस्थ जीवनशैली जी पाए. कार्यक्रम में रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने भी प्रतिभाग किया. पैनल डिस्कशन को कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह द्वारा संचालित किया गया. कार्यक्रम के बाद एमबीबीएस के विद्यार्थिओं द्वारा स्वस्थ जीवन शैली की उपयोगिता को आम जन तक पहुंचाने के लिए हॉस्पिटल में मरीजों के मध्य एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग में सीनियर रेसिडेंट डॉ साराह उस्मानी के द्वारा किया गया. कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. सुमीत दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया. कार्यक्रम में डॉ. अमित कौशिक, डॉ. विनीता शुक्ला, डॉ. बीना सचान, डॉ. पीयूष करीवाला, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. छाया, डॉ. अक्षयता, डॉ. अभिमन्यु, डॉ. शुभम्, डॉ. एकता, डॉ. हुदा, डॉ. जटाशंकर , श्रीमती निमिषा सोनकर, अनीता मिश्रा , श्री अभिषेक पांडेय एवं एमबीबीएस के विद्यार्थी आदि मौजूद रहे.

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