अंबाला: हरियाणा में इन दिनों डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बृहस्पतिवार को अंबाला जिले में भी डेंगू के मरीजों की पहचान हुई है. जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. डेंगू के मरीजों के लिए तीन अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं.
डेंगू के मरीजों के लिए सुरक्षित वार्ड: अंबाला जिले में स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अलर्ट है. स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक कर रहा है. अंबाला शहर, अंबाला कैंट और नारायणगढ़ अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए सुरक्षित वार्ड बनाया गया है. अंबाला के डिप्टी सीएमओ संजीव सिंगल ने कहा कि लोगों में जागरूकता पैदा करने से डेंगू के मरीजों में कमी आएगी.
स्वास्थ्य विभाग के लोगों की जिम्मेदारी: सिंगल ने कहा कि लोगों में जागरूकता होने के कारण जिलें में सिर्फ 32 डेंगू के मरीज सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग के लोगों की जिम्मेदारी है कि वो मरीजों को बचाए, लेकिन समाज के लोगों को भी मिलकर काम करना चाहिए. अगर समाज के लोगों में जागरूकता नहीं होगी तो बीमारी पर लगाम नहीं लगाया जा सकता है.
बीमारी से कैसे निजात पाएं: उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल गंभीर स्थिति नहीं है. इस साल सामान्य स्थिति है. डेंगू का मच्छर सुबह और शाम में काटता है अगर लोग सतर्क हो जाए तो बीमारी से बच सकते हैं. घर के बाहर अगर पानी इकट्ठा है तो उसे खत्म कर देना चाहिए. घर से बाहर फुल बाजू के कपड़े पहन कर जाना चाहिए.
मच्छर पैदा होने से ऐसे रोके: उन्होंने कहा कि अगर घर के पास पानी जमा हुआ है तो उसमें मिट्टी डाल देना चाहिए या उसमें काला तेल (जला हुआ तेल) डाल दे. ऐसा करने से पानी पर लेयर जम जाता है और मच्छर पैदा नहीं हो पाता है.
डिप्टी सीएमओ संजीव सिंगल ने कहा कि अगर किसी मरीज को प्राइवेट अस्पताल में टेस्ट कराना है तो उसकी कीमत सरकार ने 600 रुपये तय कर रखी है. सरकारी अस्पताल में डेंगू का टेस्ट मुफ्त किया हुआ है. अगर किसी मरीज को प्लेटलेट्स की कमी होती है तो उसकी कीमत 11 हजार रुपये है. वहीं, सरकारी अस्पताल में मुफ्त में मिलती है.
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