ETV Bharat / state

नूंह में किसानों का हल्ला बोल, जमीन मुआवजे को लेकर किसान-प्रशासन आमने-सामने, 23 अगस्त को सीएम से होगी मुलाकात - Nuh Land Compensation Dispute

Nuh Land Compensation Dispute: नूंह में किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से माहौल तनावपूर्ण हो गया है. किसानों ने इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप का काम बंद कराने का ऐलान किया है. बता दें कि किसान प्रशासन से जमीन पर मुआवजा न मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

Nuh Land Compensation Dispute
Nuh Land Compensation Dispute (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 14, 2024, 9:47 AM IST

Updated : Aug 14, 2024, 11:05 AM IST

Nuh Land Compensation Dispute (Etv Bharat)

नूंह: हरियाणा के नूंह में जमीन मुआवजे की मांग को लेकर बीते 5 माह से धरना प्रदर्शन कर रहे 9 गांवों के किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था. अल्टीमेटम के मुताबिक, धरना स्थल से HSIIDC के कार्यालय की तरफ हजारों की संख्या में रुख किया और HSIIDC के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. पहले से तय अल्टीमेटम को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे. डीएसपी सुरेंद्र सिंह किन्हा दलबल के साथ मौके पर डटे रहे.

सीएम से मुलाकात करेंगे किसान: 9 गांव के किसानों ने पहले तो भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद व किसान नेता सतेंद्र लोहचब की अगवाई में बैठक की और उसके बाद HSIIDC के कार्यालय की तरफ रुख किया. इस दौरान किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया. किसानों के विरोध को देखते हुए विशाल कुमार एसडीएम नूंह घटनास्थल पर पहुंचे और कई घंटे की बातचीत के बाद तय हुआ कि आगामी 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराई जाएगी. किसान राजी होकर अपने घरों की ओर लौट गए.

जमीन मुआवजा कम मिलने पर भड़के किसान: बता दें कि IMT रोजका मेव विकसित करने के लिए साल 2010 में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में 9 गांव की 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसकी एवज में किसानों की करीब 46 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया था. उस समय किसानों से हलफनामा भी लिया गया था. किसानों का आरोप है कि उस हल्फनामा में किसानों से उनके कानूनी अधिकार छीन लिए गए और फरीदाबाद जिले के मच्छगर गांव में इस समय उनसे कहीं अधिक मुआवजा वहां के किसानों को दिया गया.

मुआवजे के लिए लंबा संघर्ष: जिसके बाद किसान 2012 से लगातार कम मुआवजा मिलने की मांग को समय-समय पर उठाते रहे हैं और कई बार लंबा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी किसानों ने किया है. रोजकामेव, रेवासन, धीरधोका, महरौला, खेड़ी कंकर, बड़ेलाकी, कंवरसीका इत्यादि गांव की 1600 एकड़ जमीन में इस समय IMT सोहना में काम तेज गति से चल रहा है. सरकार ने इस IMT का नाम रोका मेव से बदलकर आईएमटी सोहना रख दिया है. किसानों का आरोप है कि जो वादे भूमि अधिग्रहण के समय सरकार ने किए थे, उन पर सरकार खरा नहीं उतरी है. अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं दिया गया तो वह (HSIIDC) हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन दफ्तर के कामकाज को भी रोक देंगे.

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार ने किया MSP गारंटी कानून बनाने से इंकार, 72 करोड़ किसान-मजदूर का अपमान- रणदीप सुरजेवाला - Randeep Surjewala on MSP

ये भी पढ़ें: किसान नेता गुरनाम चढूनी का एमएसपी को लेकर बीजेपी पर आरोप, कहा- 14 फसलों पर पहले भी एमएसपी नहीं मिलता था सरकार के आंकड़े गलत हैं - Gurnam Chaduni on Haryana BJP

Nuh Land Compensation Dispute (Etv Bharat)

नूंह: हरियाणा के नूंह में जमीन मुआवजे की मांग को लेकर बीते 5 माह से धरना प्रदर्शन कर रहे 9 गांवों के किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था. अल्टीमेटम के मुताबिक, धरना स्थल से HSIIDC के कार्यालय की तरफ हजारों की संख्या में रुख किया और HSIIDC के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. पहले से तय अल्टीमेटम को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे. डीएसपी सुरेंद्र सिंह किन्हा दलबल के साथ मौके पर डटे रहे.

सीएम से मुलाकात करेंगे किसान: 9 गांव के किसानों ने पहले तो भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद व किसान नेता सतेंद्र लोहचब की अगवाई में बैठक की और उसके बाद HSIIDC के कार्यालय की तरफ रुख किया. इस दौरान किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया. किसानों के विरोध को देखते हुए विशाल कुमार एसडीएम नूंह घटनास्थल पर पहुंचे और कई घंटे की बातचीत के बाद तय हुआ कि आगामी 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराई जाएगी. किसान राजी होकर अपने घरों की ओर लौट गए.

जमीन मुआवजा कम मिलने पर भड़के किसान: बता दें कि IMT रोजका मेव विकसित करने के लिए साल 2010 में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में 9 गांव की 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था. जिसकी एवज में किसानों की करीब 46 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया था. उस समय किसानों से हलफनामा भी लिया गया था. किसानों का आरोप है कि उस हल्फनामा में किसानों से उनके कानूनी अधिकार छीन लिए गए और फरीदाबाद जिले के मच्छगर गांव में इस समय उनसे कहीं अधिक मुआवजा वहां के किसानों को दिया गया.

मुआवजे के लिए लंबा संघर्ष: जिसके बाद किसान 2012 से लगातार कम मुआवजा मिलने की मांग को समय-समय पर उठाते रहे हैं और कई बार लंबा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी किसानों ने किया है. रोजकामेव, रेवासन, धीरधोका, महरौला, खेड़ी कंकर, बड़ेलाकी, कंवरसीका इत्यादि गांव की 1600 एकड़ जमीन में इस समय IMT सोहना में काम तेज गति से चल रहा है. सरकार ने इस IMT का नाम रोका मेव से बदलकर आईएमटी सोहना रख दिया है. किसानों का आरोप है कि जो वादे भूमि अधिग्रहण के समय सरकार ने किए थे, उन पर सरकार खरा नहीं उतरी है. अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं दिया गया तो वह (HSIIDC) हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन दफ्तर के कामकाज को भी रोक देंगे.

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार ने किया MSP गारंटी कानून बनाने से इंकार, 72 करोड़ किसान-मजदूर का अपमान- रणदीप सुरजेवाला - Randeep Surjewala on MSP

ये भी पढ़ें: किसान नेता गुरनाम चढूनी का एमएसपी को लेकर बीजेपी पर आरोप, कहा- 14 फसलों पर पहले भी एमएसपी नहीं मिलता था सरकार के आंकड़े गलत हैं - Gurnam Chaduni on Haryana BJP

Last Updated : Aug 14, 2024, 11:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.