वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 13 छात्रों के निलंबन का मामला बढ़ता ही जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के महानगर पदाधिकारियों ने वाराणसी स्थित पीएम जनसंपर्क कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया. पदाधिकारियों को पुलिस ने कार्यालय जाने से रोक लिया, जिसके बाद पुलिस और NSUI के कार्यकर्ताओं में लंबी बहस चली. कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है. इससे पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले में विरोध जताते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट लिखी थी. पार्टियों ने विश्वविद्याय के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया था. जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
विश्वविद्यालय के फैसले का कर रहे विरोध
NSUI के पदाधिकारी ऋषभ ने बताया कि हमारे साथी बीएचयू की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठा रहे थे. बीएचयू के सिंहद्वार पर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध जताया था. जिस पर कुलपति ने 13 साथियों को निकाल दिया है. हम सभी विश्वविद्यालय के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. इसी बात को लेकर वे प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे थे.
कार्यकर्ताओं ने फाड़ा ज्ञापन
ऋषभ ने बताया कि, हम लोग पीएमओ जनसंपर्क कार्यालय पर शांति पूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे. पुलिस ने हमें किसी भी तरह का ज्ञापन देने से रोक दिया. हमने बहुत कोशिश की लेकिन पुलिस ने कहा कि यहां ज्ञापन नहीं दिया जाता है. मजबूरी में हमें ज्ञापन फाड़ना पड़ा. ऋषभ ने कहा कि इन छात्रों का निष्कासन रद्द नहीं हो जाता, तब हम लोग आंदोलन करते रहेंगे. बीएचयू प्रशासन इस मामले में माफी मांगे.
कांग्रेस ने की निलंबन वापसी की मांग
वहीं, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि गैंगरेप मामले के दो आरोपी बाहर घूम रहे हैं. लेकिन अपराधियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो रही है. छात्रों के निलंबन को तत्काल वापस ले लिया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस सड़क से संसद तक इस मामले में विरोध दर्ज कराएगी. पार्टी छात्रों के साथ न्याय के लिए खड़ी है.
पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर NSUI कार्यकर्ताओं का हंगामा, BHU छात्रों के निलंबन वापसी करने की मांग - NSUI PROTEST VARANASI
वाराणसी स्थित पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया. इसके साथ ही बीएचयू के 13 छात्रों का निलंबन वापस करने की मांग की.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 3, 2024, 7:01 PM IST
वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 13 छात्रों के निलंबन का मामला बढ़ता ही जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के महानगर पदाधिकारियों ने वाराणसी स्थित पीएम जनसंपर्क कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया. पदाधिकारियों को पुलिस ने कार्यालय जाने से रोक लिया, जिसके बाद पुलिस और NSUI के कार्यकर्ताओं में लंबी बहस चली. कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है. इससे पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले में विरोध जताते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट लिखी थी. पार्टियों ने विश्वविद्याय के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया था. जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
विश्वविद्यालय के फैसले का कर रहे विरोध
NSUI के पदाधिकारी ऋषभ ने बताया कि हमारे साथी बीएचयू की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठा रहे थे. बीएचयू के सिंहद्वार पर आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध जताया था. जिस पर कुलपति ने 13 साथियों को निकाल दिया है. हम सभी विश्वविद्यालय के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. इसी बात को लेकर वे प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे थे.
कार्यकर्ताओं ने फाड़ा ज्ञापन
ऋषभ ने बताया कि, हम लोग पीएमओ जनसंपर्क कार्यालय पर शांति पूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे. पुलिस ने हमें किसी भी तरह का ज्ञापन देने से रोक दिया. हमने बहुत कोशिश की लेकिन पुलिस ने कहा कि यहां ज्ञापन नहीं दिया जाता है. मजबूरी में हमें ज्ञापन फाड़ना पड़ा. ऋषभ ने कहा कि इन छात्रों का निष्कासन रद्द नहीं हो जाता, तब हम लोग आंदोलन करते रहेंगे. बीएचयू प्रशासन इस मामले में माफी मांगे.
कांग्रेस ने की निलंबन वापसी की मांग
वहीं, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि गैंगरेप मामले के दो आरोपी बाहर घूम रहे हैं. लेकिन अपराधियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो रही है. छात्रों के निलंबन को तत्काल वापस ले लिया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस सड़क से संसद तक इस मामले में विरोध दर्ज कराएगी. पार्टी छात्रों के साथ न्याय के लिए खड़ी है.