रायपुर: छत्तीसगढ़ में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल और लचर शिक्षा व्यवस्था को लेकर एनएसयूआई ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के पास शव यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. शव यात्रा निकालने के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शव का अंतिम संस्कार भी किया. इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. प्रदर्शनकारियों की मानें तो कई बार शिक्षा मंत्री और जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर शिकायत के बावजूद मांग को पूरा नहीं किया गया, जिसके कारण आज शव यात्रा निकाली गई है.
गाइडलाइन नहीं किया जा रहा फॉलो: एनएसयूआई के संगठन महामंत्री हेमंत पाल ने बताया, "रायपुर शहर के गली मोहल्लों में कई स्कूल बिना मान्यता के सालों से संचालित हो रहे हैं. ऐसे स्कूलों को आज तक शिक्षा विभाग के द्वारा मान्यता नहीं दी गई है. इसके साथ ही प्राइवेट स्कूल केपीएस सहित तमाम स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. उन दिशा निर्देशों का पालन प्राइवेट स्कूल के द्वारा नहीं किया जा रहा है."
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर कई बार जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात किया है, लेकिन आज तक जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले में लीपा-पोती कर रहे हैं. जिला शिक्षा विभाग कार्यालय की ओर से 2012 और 2016 में के केजी 1 और प्ले स्कूल को मान्यता दी गई थी. जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कई बार प्रदर्शन किया गया. ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. बावजूद इसके आज तक जिला शिक्षा विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शहर के केपीएस और चैतन्य टेक्नो की फर्जी मान्यता को अब तक रद्द नहीं किया गया है. इसके साथ ही प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर हुई एफआईआर के विरोध में शव यात्रा निकाली गई है. -हेमंत पाल, संगठन महामंत्री, एनएसयूआई
बता दें कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने 7 जून को टैगोर नगर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में काली पट्टी बांधकर जमकर प्रदर्शन किया था. शिक्षा विभाग सहित शिक्षा मंत्री के विरोध में नारे भी लगाए थे. एनएसयूआई की मानें तो रायपुर में सैकड़ों प्राइवेट स्कूल गैर मान्यता प्राप्त है. कई ऐसे स्कूल हैं, जिन्हें आज तक मान्यता नहीं मिली है.