देहरादून: राजधानी के प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल में एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के बेटे के साथ रैगिंग और यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. इस घटना के सामने आने के बाद स्कूल ने भी अपना पक्ष रखा है. साथ ही पुलिस भी इस मामले की जांच में जुटी हुई है. इसी दौरान आज डीएवी कॉलेज के एनएसयूआई के छात्रों ने छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में स्कूल पहुंच कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
एनएसयूआई के छात्रों ने स्कूल के गेट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र गेट को जबरन खोलकर स्कूल कैंपस के भीतर पहुंच गए. उन्होंने प्रिंसिपल पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी की. इसके बाद एनएसयूआई के छात्रों ने इस मामले को लेकर प्रधानाचार्य से वार्ता की मांग की. इस बीच पुलिस ने छात्रों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन छात्र अपनी मांग पर डटे रहे.
डीएवी छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा इस पूरे प्रकरण में स्कूल दोषी है. उन्होंने आरोपी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है. उन्होंने कहा छात्र के साथ रैगिंग के नाम पर सीनियर छात्रों द्वारा किए गए दुष्कर्म के विरोध में उनको यह प्रदर्शन करना पड़ रहा है. इस दौरान वहां तैनात पुलिस ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलवाया, प्रधानाचार्य से हुई मुलाकात के बाद सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा एनएसयूआई के प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानाचार्य से मुलाकात करके उचित कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया है. ऐसे में पुलिस के अधिकारियों और प्रधानाचार्य से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित किया. उन्होंने कहा अगर एक महीने के भीतर इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
स्कूल की प्रिंसिपल का बयान: स्कूल में छात्र के साथ रैगिंग और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा इंटरनल इन्वेस्टिगेशन में रैगिंग का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.उन्होंने कहा बच्चों से जुड़े हर मामले को बहुत गंभीरता से लेते हैं. छात्र रैगिंग और यौन उत्पीड़न मामले पर उन्होंने कहा स्कूल ने अपनी इंटरनल इन्वेस्टिगेशन कर ली है. इन्वेस्टिगेशन के दौरान छात्र के क्लासमेट, रूममेट्स, दोस्तों के साथ बात की गई. उन्होंने कहा आंतरिक जांच किए जाने के बाद रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है.
उन्होंने कहा स्कूल प्रबंधन ने आरोपी को गलत बताते हुए कहा सभी बच्चे स्कूल में एक साथ रहते हैं. 10-10 बच्चे एक एक रूम में रहते हैं. उन्होंने कहा रैगिंग को लेकर ऐसा कुछ भी किसी ने स्कूल प्रशासन को नहीं बताया है. स्कूल की तरफ से इंटरनल इन्वेस्टिगेशन किए जाने के बाद इसमें कोई भी सच्चाई नहीं पाई गई है. स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा इस संबंध में छात्र के पेरेंट्स को भी बताया गया था. उनसे कहा गया अगर आपके पास रैगिंग को लेकर कोई तथ्य हैं तो उन्हें स्कूल के साथ शेयर करें.