रायपुर: एमिटी यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन शुक्रवार को रायपुर के पं दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में किया गया. जिसके खिलाफ एनएसयूआई के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों ने एमिटी यूनिवर्सिटी पर कई गंभीर आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी भी की. इस बीच दीक्षांत समारोह में एमिटी यूनिवर्सिटी के 681 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान किया गया.
एमिटी यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप : एनएसयूआई के रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने बताया " एमिटी यूनिवर्सिटी 100 फीसदी प्लेसमेंट का वादा करती है. लेकिन दीक्षांत समारोह में आये 200 छात्र-छात्राओ को भी प्लेसमेंट नहीं मिला है. यूनिवर्सिटी पिछले 10 सालों से संचालित है, किंतु अब तक इसे NAAC का एक्रिडिएशन नहीं मिला है. पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों में एमिटी बाहरी पर्यवेक्षक को लेती है, जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है."
एमिटी विश्वविद्यालय खुद को प्रदेश का नंबर 1 यूनिवर्सिटी बताती है. लेकिन वास्तविकता यह है कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा अवैध वसूली का केंद्र है. यूनिवर्सिटी यूजीसी, पीयूआरसी, एनसीटीई के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है. - प्रशांत गोस्वामी, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष, एनएसयूआई
एमिटी यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी : एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी आरक्षण के नियमानुसार एसटी/एससी/ओबीसी के लिए आरक्षित सीट के नियमों का भी उल्लंघन कर रही है. एनएसयूआई ने एमिटी विश्विद्यालय की शिकायत राजभवन एवं विनियामक आयोग से भी की है. इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एमिटी यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.