रांची: राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) नक्सल विरोधी जंगल अभ्यास 'अभ्यास- थंडरबोल्ट' के लिए रांची में है. नक्सल अभियान में अगर कभी एनएसजी की जरूरत पड़ी तो यह अभ्यास उनके काम आएगा.
एनएसजी कमांडो अपने आप को नक्सल अभियान में दक्ष कर रहे हैं. एनएसजी कमांडो का यह अभ्यास रांची के बाहरी इलाकों में विभिन्न नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में आयोजित किया गया है. अभ्यास के दौरान एनएसजी कमांडो को नक्सलियों द्वारा अपनाए गए नवीनतम तरीकों को लेकर जानकारी दी गई. जंगली इलाकों में नक्सली किस तरह से जवानों को ट्रैप करते हैं, किस तरह से गुरिल्ला वार को अंजाम देते हैं, जैसे सभी तरह के नक्सली ट्रिक को एनएसजी कमांडो को बताया गया.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कमांडो की ट्रेनिंग
झारखंड पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संभावित नक्सली खतरों का पूर्वानुमान लगाना और मुख्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एकीकृत मजबूत सुरक्षा ग्रिड को सक्रिय करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं का पूर्वाभ्यास करना था. इस अभ्यास में झारखंड पुलिस के नक्सल विरोधी विशेष बल झारखंड जगुआर, आतंकवाद विरोधी दस्ता और केंद्रीय सुरक्षाबल वन मुख्य रूप में शामिल थे. अभ्यास में कठिन से कठिन नक्सल विरोधी अभियानों में किस तरह से आपसी सामंजस्य बैठाया जाता है, यह भी एनएसजी कमांडो को बताया गया.
अभ्यास के दौरान नक्सल विरोधी अभियान, बंधकों को छुड़ाना, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का पता लगाना, जंगल विशेष योजना और ऑपरेशनों को लेकर कमांडोज को प्रैक्टिकल भूमि उपलब्ध करवाया गया. एनएसजी ने इस बात पर जोर दिया कि यह अभ्यास न केवल तैयारी को बढ़ाते हैं बल्कि संकट के दौरान उन्हें तुरंत और सटीक निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं. अभ्यास से पहले, एसपी (एटीएस) कार्यालय में एनएसजी द्वारा नक्सल विरोधी जंगल अभियानों के संचालन में प्रयुक्त हथियारों और उपकरणों का भी प्रदर्शन किया गया.
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