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DAP खाद नहीं मिलने पर किसान फसलों में डालें ये खाद, होगी बंपर पैदावार, एक क्लिक में जानें पूरी जानकारी - NPK FERTILIZER FOR GOOD CROP

डॉ. करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि कुरुक्षेत्र में रवि की फसल की बिजाई 320000 एकड़ खेती पर की जाती है.

NPK fertilizer for good crop
NPK fertilizer for good crop (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2024, 5:14 PM IST

Updated : Nov 24, 2024, 6:10 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में गेहूं की बिजाई का सीजन चल रहा है और आधे से ज्यादा किसानों ने गेहूं की बिजाई पूरी कर ली है. गेहूं की बिजाई के लिए गेहूं के बीज के साथ डीएपी खाद और यूरिया खाद डाला जाता है. लेकिन पिछले काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि हरियाणा में किसानों को डीएपी खाद की काफी समस्या हो रही थी. लेकिन सरकार और कृषि विभाग के द्वारा पिछले कुछ दिनों से किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद दिया जा रहा है. हालांकि डीएपी खाद का मुद्दा राजनीतिक मुद्दा भी बन गया था. इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने थे और बयान बाजी कर रहे थे.

शुरुआती दिनों में किसानों को कुछ समस्याएं जरूर आई. लेकिन अब खाद प्राप्त मात्रा में है. पिछले काफी वर्षों से किसान गेहूं की बिजाई के समय डीएपी खाद ही डाल रहे हैं. लेकिन मौजूदा समय में ऐसे कहीं खाद आ चुके हैं, जो डीएपी से भी ज्यादा पैदावार दे रहे हैं और उससे भी अच्छी फसल किसान ले रहे हैं. तो आईए जानते हैं कि अगर किसी किसान भाई को किसी कारणवश डीएपी खाद नहीं मिल रहा तो वह कौन-कौन से खाद का प्रयोग कर सकता है और उनकी फसल में कितना फायदा होगा.

रवि फसल की बिजाई: डॉ. करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि कुरुक्षेत्र में रवि की फसल की बिजाई 320000 एकड़ खेती पर की जाती है. जिसमें गेहूं सरसों आलू आदि फसलें शामिल है. आलू और सरसों की बिजाई पूरी हो चुकी है. किसान भाई गेहूं की बिजाई कर रहे हैं. उसकी भी लगभग 80% बिजाई हो चुकी है. कुरुक्षेत्र में डीएपी प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है. रवि की फसल के लिए किसानों को सितंबर माह से ही खाद दिया जा रहा है. जिले में 19500 मेट्रिक टन खाद की आवश्यकता होती है और अभी तक 16000 से भी ज्यादा मैट्रिक टैंक खाद किसानों को दिया जा चुका है. जिले में कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है. अभी भी खाद प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है पूरा कर किसानों को और भी जरूरत होगी तो उसको भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.

NPK fertilizer for good crop (Etv Bharat)

फसल के लिए DAP जरूरी: उन्होंने बताया कि गेहूं सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है. क्योंकि डीएपी खाद में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा होती है. जो खेती के लिए और किसी फसल के लिए काफी फायदेमंद होती है. अच्छा उत्पादन देने के लिए और फसल की अच्छी बढ़ोतरी के लिए डीएपी खाद काफी अहम होता है. जिसके चलते किसान अपनी फसल की बिजाई करते समय डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं.

DAP नहीं तो ये है अन्य विकल्प: जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान पिछले कई सालों से गेहूं की बिजाई करते समय डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं. हालांकि यह एक अच्छा पोषक तत्व देने वाला खाद है. जो फसल के लिए काफी फायदेमंद है. लेकिन मौजूदा समय में ऐसे कई खाद उपलब्ध है, जो डीएपी की जगह प्रयोग कर सकते हैं. इसमें फसल को डीएपी खाद से भी ज्यादा फायदा होता है. मौजूदा समय में डीएपी खाद से भी अच्छे तीन विकल्प खाद है. डीएपी के बाद सबसे पहले एनपीके खाद है. जिसके उपयोग से एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं. अगर किसान भाई एनपीके खाद प्रयोग नहीं करना चाहते तो टीएसपी ट्रिपल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग कर सकते हैं.

इसके साथ में यूरिया खाद मिला कर यह डीएपी खाद का काम करेगा. तीसरा विकल्प किसानों के पास एसएसपी खाद का है. किसानों को डीएपी खाद के साथ एनपीके खाद भी प्राप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है और आलू लगाने वाले किसान एनपीके खाद का ज्यादा प्रयोग करते हैं. क्योंकि यह डीएपी खाद से काफी बेहतर खाद है. पिछले किसान भाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है. अगर उनको किसी कारण बस डीएपी खाद समय पर नहीं मिल रहा, तो अपनी गेहूं की बिजाई में देरी न करें और इन खाद का प्रयोग करके वह अच्छी फसल की पैदावार ले सकते हैं.

DAP में दो पोषक तत्व: 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होती है. इसकी जगह एनपीके खाद का प्रयोग कर सकते हैं. इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस के साथ पोटाश भी होता है. जो हमारी फसल के लिए काफी लाभदायक होता है. इसमें पोषक तत्वों का अनुपात 12:32:16 होता है. हालांकि एनपीके खाद 19:19:19 अनुपात में भी आता है. लेकिन 12:32:16 वाला अच्छा खाद है और उसमें पैदावार भी अच्छी होती है. इस खाद में डीएपी खाद की अपेक्षा एक पोषक तत्व पोटाश ज्यादा होता है. जो हमारी फसल के लिए काफी फायदेमंद होता है.

पोटाश की वजह से हमारी फसल का दाना मोटा होगा. पौधा मजबूत होगा और साथ में दाने में चमक भी अच्छी होगी. जिसे हमें भाव भी अच्छा मिलेगा. इसे पौधा मजबूत होने के चलते बीमारियों का खतरा भी काम रहता है. तो इसलिए डीएपी खाद से भी अच्छा विकल्प एनपीके खाद है. जिसका प्रयोग करके किसान एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं. अगर किसान भाई एनपीके खाद प्रयोग नहीं करना चाहते तो टीएसपी ट्रिपल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ में यूरिया खाद मिला कर यह डीएपी खाद का काम करेगा.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में खाद की भारी किल्लत, जुलाना में पुलिस थाने में बंटा खाद, किसानों की रातों की नींद हराम

ये भी पढ़ें: डीएपी खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे किसान, चूल्हा-चौका छोड़ महिलाएं भी लग रही लाइन में

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में गेहूं की बिजाई का सीजन चल रहा है और आधे से ज्यादा किसानों ने गेहूं की बिजाई पूरी कर ली है. गेहूं की बिजाई के लिए गेहूं के बीज के साथ डीएपी खाद और यूरिया खाद डाला जाता है. लेकिन पिछले काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि हरियाणा में किसानों को डीएपी खाद की काफी समस्या हो रही थी. लेकिन सरकार और कृषि विभाग के द्वारा पिछले कुछ दिनों से किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद दिया जा रहा है. हालांकि डीएपी खाद का मुद्दा राजनीतिक मुद्दा भी बन गया था. इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने थे और बयान बाजी कर रहे थे.

शुरुआती दिनों में किसानों को कुछ समस्याएं जरूर आई. लेकिन अब खाद प्राप्त मात्रा में है. पिछले काफी वर्षों से किसान गेहूं की बिजाई के समय डीएपी खाद ही डाल रहे हैं. लेकिन मौजूदा समय में ऐसे कहीं खाद आ चुके हैं, जो डीएपी से भी ज्यादा पैदावार दे रहे हैं और उससे भी अच्छी फसल किसान ले रहे हैं. तो आईए जानते हैं कि अगर किसी किसान भाई को किसी कारणवश डीएपी खाद नहीं मिल रहा तो वह कौन-कौन से खाद का प्रयोग कर सकता है और उनकी फसल में कितना फायदा होगा.

रवि फसल की बिजाई: डॉ. करमचंद जिला कृषि उपनिदेशक कुरुक्षेत्र ने बताया कि कुरुक्षेत्र में रवि की फसल की बिजाई 320000 एकड़ खेती पर की जाती है. जिसमें गेहूं सरसों आलू आदि फसलें शामिल है. आलू और सरसों की बिजाई पूरी हो चुकी है. किसान भाई गेहूं की बिजाई कर रहे हैं. उसकी भी लगभग 80% बिजाई हो चुकी है. कुरुक्षेत्र में डीएपी प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है. रवि की फसल के लिए किसानों को सितंबर माह से ही खाद दिया जा रहा है. जिले में 19500 मेट्रिक टन खाद की आवश्यकता होती है और अभी तक 16000 से भी ज्यादा मैट्रिक टैंक खाद किसानों को दिया जा चुका है. जिले में कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है. अभी भी खाद प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है पूरा कर किसानों को और भी जरूरत होगी तो उसको भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा.

NPK fertilizer for good crop (Etv Bharat)

फसल के लिए DAP जरूरी: उन्होंने बताया कि गेहूं सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है. क्योंकि डीएपी खाद में नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा होती है. जो खेती के लिए और किसी फसल के लिए काफी फायदेमंद होती है. अच्छा उत्पादन देने के लिए और फसल की अच्छी बढ़ोतरी के लिए डीएपी खाद काफी अहम होता है. जिसके चलते किसान अपनी फसल की बिजाई करते समय डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं.

DAP नहीं तो ये है अन्य विकल्प: जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान पिछले कई सालों से गेहूं की बिजाई करते समय डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं. हालांकि यह एक अच्छा पोषक तत्व देने वाला खाद है. जो फसल के लिए काफी फायदेमंद है. लेकिन मौजूदा समय में ऐसे कई खाद उपलब्ध है, जो डीएपी की जगह प्रयोग कर सकते हैं. इसमें फसल को डीएपी खाद से भी ज्यादा फायदा होता है. मौजूदा समय में डीएपी खाद से भी अच्छे तीन विकल्प खाद है. डीएपी के बाद सबसे पहले एनपीके खाद है. जिसके उपयोग से एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं. अगर किसान भाई एनपीके खाद प्रयोग नहीं करना चाहते तो टीएसपी ट्रिपल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग कर सकते हैं.

इसके साथ में यूरिया खाद मिला कर यह डीएपी खाद का काम करेगा. तीसरा विकल्प किसानों के पास एसएसपी खाद का है. किसानों को डीएपी खाद के साथ एनपीके खाद भी प्राप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है और आलू लगाने वाले किसान एनपीके खाद का ज्यादा प्रयोग करते हैं. क्योंकि यह डीएपी खाद से काफी बेहतर खाद है. पिछले किसान भाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है. अगर उनको किसी कारण बस डीएपी खाद समय पर नहीं मिल रहा, तो अपनी गेहूं की बिजाई में देरी न करें और इन खाद का प्रयोग करके वह अच्छी फसल की पैदावार ले सकते हैं.

DAP में दो पोषक तत्व: 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होती है. इसकी जगह एनपीके खाद का प्रयोग कर सकते हैं. इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस के साथ पोटाश भी होता है. जो हमारी फसल के लिए काफी लाभदायक होता है. इसमें पोषक तत्वों का अनुपात 12:32:16 होता है. हालांकि एनपीके खाद 19:19:19 अनुपात में भी आता है. लेकिन 12:32:16 वाला अच्छा खाद है और उसमें पैदावार भी अच्छी होती है. इस खाद में डीएपी खाद की अपेक्षा एक पोषक तत्व पोटाश ज्यादा होता है. जो हमारी फसल के लिए काफी फायदेमंद होता है.

पोटाश की वजह से हमारी फसल का दाना मोटा होगा. पौधा मजबूत होगा और साथ में दाने में चमक भी अच्छी होगी. जिसे हमें भाव भी अच्छा मिलेगा. इसे पौधा मजबूत होने के चलते बीमारियों का खतरा भी काम रहता है. तो इसलिए डीएपी खाद से भी अच्छा विकल्प एनपीके खाद है. जिसका प्रयोग करके किसान एक अच्छी पैदावार ले सकते हैं. अगर किसान भाई एनपीके खाद प्रयोग नहीं करना चाहते तो टीएसपी ट्रिपल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ में यूरिया खाद मिला कर यह डीएपी खाद का काम करेगा.

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Last Updated : Nov 24, 2024, 6:10 PM IST
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