जयपुर. राजस्थान विधानसभा जल्द ही पेपरलेस हो जाएगी. दिसंबर 2024 के बाद विधानसभा का हर काम डिजिटल होगा. इसको लेकर भारत सरकार, राजस्थान सरकार और राजस्थान विधानसभा के मध्य त्रिपार्टी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग हुआ है. सदन की कार्यवाही से लेकर विधानसभा सचिवालय का सभी काम डिजिटल फॉर्मेट होगा.
आचार संहिता के बाद होगा काम शुरू : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा के सभागार में सदस्यों की सीटों पर कम्प्यूटर उपकरण स्थापित करने और विधानसभा सचिवालय को पेपरलेस किए जाने के लिए त्रिपार्टी एम.ओ.यू किया गया है. अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा को डिजिटल किए जाने की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है. कार्य की डी.पी.आर तैयार हो गई है. यह त्रिपार्टी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय, राजस्थान सरकार और राजस्थान विधानसभा के मध्य हुआ है. देवनानी ने बताया कि केंद्र सरकार की राज्य की विधानसभाओं को डिजिटल बनाए जाने के लिए "वन नेशन-वन एप्लीकेशन" के तहत नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है. नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) से अब राजस्थान विधानसभा का सदन और सचिवालय डिजिटल हो जाएगा. इससे विधानसभा व सचिवालय की कार्यवाही पेपरलेस हो जायेगी. इस प्रोजेक्ट में 18 करोड़ का इन्वेस्टमेन्ट है, जो भारत और राजस्थान सरकार वहन करेगी, जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी उसके बाद से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा.
पेपरलेस होगी विधानसभा : देवनानी ने बताया कि इस ई- विधान एप्लीकेशन से राज्य विधानसभा के सदस्यों और अधिकारियों को कार्य करने में आसानी होगी. इस एप्लीकेशन से विधानसभा के सदन से संबंधित विधेयक, रिपोर्टस सहित अन्य की जानकारी मीडिया, अनुसंधानकर्ता और आम नागरिक देख सकेंगे. इससे विधानसभा की कार्यवाही पेपरलेस हो सकेगी और स्टेशनरी की बचत भी होगी. ई- विधान एप एंड्रॉयड और आई.ओ.एस. दोनों तरह के मोबाइल पर चल सकेगा. यह ऐप ई-बुक और वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगा. नेवा के तहत सदन की कार्यवाही विवरण, सदन में रखे जाने वाले पेपर्स, विधेयक से संबंधित जानकारी, समितियों की रिपोर्ट, प्रश्न और उनके जवाब, बुलेटिन, कार्यवाही विवरण, डिजिटल लाइब्रेरी, सूचनाएं और सदस्यों से संबंधित जानकारी एक ही एप्लीकेशन में उपलब्ध होगी.
इस एमओयू के तहत केंद्र और राज्य सरकार के वित्त का उपयोग 60 व 40 के अनुपात में किया जाएगा. चार किस्तों में वित्तीय सहायता कार्य के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि विधानसभा में नेवा सेवा केन्द्र (ई लर्निंग कम ई-फेसिलेशन सेन्टर) की स्थापना की जाएगी. इसके तहत विधायकगण, अधिकारियों और कर्मचारियों को नेवा मॉड्यूल का प्रशिक्षण दिया जायेगा, प्रशिक्षण सामग्री अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय आषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी.