अलवर. नगर निगम अब अलवर शहर को सुंदर बनाने और स्वयं की आय बढ़ाने के लिए अवैध तरीके से लगे विज्ञापन बोर्ड पर सख्ती बरतेगा. अब विज्ञापन बोर्ड लगाने के लिए नगर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. शहर में बिना मंजूरी के लगे विज्ञापन बोर्ड जब्त करने की कार्रवाई करेगा. इतना ही नहीं अवैध तरीके से लगे विज्ञापन बोर्ड को हटाने पर हुए सरकारी खर्च की वसूली भी विज्ञापन बोर्ड लगाने वाले से ही वसूला जाएगा. निगम ने शहर में विज्ञापन बोर्ड लगाने के कानून कायदे भी निर्धारित किए हैं.
नगर निगम अलवर की ओर से निर्धारित कानून के तहत अब व्यक्ति खुद के प्रतिष्ठान पर भी एक फीट चौड़ा और 8 फीट से अधिक लंबा नाम नहीं लिखवा सकेंगे. वहीं निजी भवनों व प्रतिष्ठानों पर बिना अनुमति लगे विज्ञापन बोर्ड भी नगर निगम की ओर से जब्त किए जाएंगे. अब लोगों को विज्ञापन बोर्ड लगाने के लिए निगम को शुल्क देकर लाइसेंस देना होगा.
नगर निगम ने विज्ञापन बोर्ड लगाने के लिए सख्त नियम लागू करने से अब व्यक्ति खुद के प्रतिष्ठान पर भी नाम लिखता है तो वह भी अधिकतम एक फीट चौड़ी और आठ फीट लंबी पट्टी ही लगा सकेगा. वहीं वाणिज्यिक संस्थान पर भी अधिकतम 2 फीट चौड़ा और 20 फीट लंबा ही नाम लिखा जा सकेगा. अभी तक शहर में विज्ञापन बोर्ड लगाने के नियमों को लेकर नगर निगम की ओर से सख्ती नहीं बरतने से बड़ी संख्या में अवैध तरीके से बोर्ड लगाकर विज्ञापन किए जा रहे थे. मकान, दुकान और प्रतिष्ठान ही नहीं अब कोई व्यक्ति यदि आकाश में गैस भरे गुब्बारों के माध्यम से विज्ञापन करना चाहता है तो उसके लिए भी शुल्क लिया जाएगा.
नगर निगम ने तय किया विज्ञापन लगाने का शुल्क : नगर निगम की ओर से यूनिपोल लगाने की अनुमति भू स्वामी को निजी भूमि पर ही दी जा सकेगी, लेकिन भवन पर यूनिपोल लगाने की मंजूरी नहीं मिलेगी. यूनिपोल के लिए साइज नगर निगम तय करेगा. इसके लिए क्षेत्र में निगम की ओर से नीलामी में छोड़े गए यूनिपोल की राशि का 40 प्रतिशत या 100 रुपए प्रति वर्ग फीट जो भी अधिक हो, उसके बराबर शूल्क वसूल किया जाएगा. फर्म व व्यक्ति को भवन पर होर्डिंग लगाने की अनुमति स्ट्रेक्चर लाइट वेट का होने की शर्त पर दी जाएगी. भवन व सुरक्षा की गारंटी संबंधित व्यक्ति को देनी होगी. इसके लिए सुरक्षा प्रमाण पत्र भी लगाना होगा. नगर निगम के तकनीकी अधिकारी इसके लिए सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी करेंगे.
निगम ने शहर में किया सर्वे : नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज मीणा ने बताया कि विज्ञापन उपविधियां लागू होने के बाद निगम की राजस्व शाखा ने शहर में सर्वे शुरू कर दिया है. यह छह महीने में पूरा हो जाएगा. इन उपविधियों के अनुसार निगम की कार्रवाई शुरू होगी. नए नियमों से निगम को करीब पांच करोड़ रुपए की आय होगी. वहीं चलित वाहनों के माध्यम से होने वाले विज्ञापनों पर भी शुल्क लगेगा.