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डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे बैकफुट पर, कैश और डिजिटल पेमेंट से सामान खरीद सकेंगे यात्री - indian railway

रेलवे स्टेशनों के खानपान के स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे बैकफुट पर आ गया है. नॉर्दर्न रेलवे के चीफ कमर्शियल मैनेजर ने आदेश जारी किया था, जिसमें रेलवे स्टेशनों के सभी स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा गया था. अब इस आदेश को वापस ले लिया गया है.

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डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 28, 2024, 5:25 PM IST

डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली: रेलवे स्टेशनों के खानपान के स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे बैकफुट पर आ गया है. डिजिटल पेमेंट अनिवार्य करने पर दुकानदारों में विरोध और यात्रियों को संभावित समस्याओं पर ETV भारत ने प्रमुखता से खबर पब्लिश की थी. इस पर अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से ईटीवी भारत का धन्यवाद किया गया. संगठन की ओर से मामले में उत्तर रेलवे की महाप्रबंधक, सीसीएम कैटरिंग और डीआरएम दिल्ली से शिकायत कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई थी.

नॉर्दर्न रेलवे के चीफ कमर्शियल मैनेजर (सीसीएम) कैटरिंग की ओर से बीती 21 मई को सभी कमर्शियल मैनेजर को आदेश जारी किया गया. इसमें रेलवे स्टेशनों के सभी स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा गया था. क्यूआर कोड स्वाइप मशीन आदि की व्यवस्था करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया गया. यानी 28 मई से सिर्फ डिजिटल पेमेंट पर ही यात्री सामान खरीद सकते थे.

आरोप है कि रेलवे स्टेशन पर रेलवे के कमर्शियल विभाग की ओर से दुकानदारों को सिर्फ और सिर्फ डिजिटल पेमेंट लेने के लिए कहा जाने लगा और आदेश न मानने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी जा रही थी. दुकानदार इसका विरोध करने लगे. दुकानदारों का कहना था कि क्यूआर कोड स्वाइप मशीन पहले से ही काउंटर पर हैं, जो यात्री चाहता है वह डिजिटल पेमेंट करता है. लेकिन सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही सामान बेचना संभव नहीं है.

ये भी पढ़ें : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! नॉर्दर्न रेलवे ने 28 मई से स्टेशनों पर ऑनलाइन पेमेंट किया अनिवार्य

अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता ने कहा कि सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही दुकानदार सामान बेचे यह सम्भव नहीं है. 26 मई को ईटीवी भारत ने इस पर प्रमुखता से खबर पब्लिश की कि बड़ी संख्या में यात्री पैसा देकर सामान खरीदते हैं. यदि यह आदेश अनिवार्य कर दिया जाएगा तो यात्रियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

बता दें, नई दिल्ली जैसे रेलवे स्टेशन पर डिजिटल पेमेंट के जरिए अनारक्षित टिकट लेने की व्यवस्था है. लेकिन सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही डिजिटल पेमेंट के जरिए टिकट लेते हैं. 90 प्रतिशत लोग कैश से टिकट लेते हैं. रविंद्र गुप्ता ने कहा कि रेलवे अपने आदेश से बैकफुट पर आ गया. इसके लिए ईटीवी भारत का आभार. मामले में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर कैश और डिजिटल पेमेंट दोनों की सुविधा रहेगी.

ये भी पढ़ें : रेल यात्रियों से वसूली! 15 रुपये का पूड़ी पैकेट 20 में बेच रहा IRCTC, रेलवे एसोसिएशन ने खड़े किए सवाल

डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली: रेलवे स्टेशनों के खानपान के स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट के फैसले पर रेलवे बैकफुट पर आ गया है. डिजिटल पेमेंट अनिवार्य करने पर दुकानदारों में विरोध और यात्रियों को संभावित समस्याओं पर ETV भारत ने प्रमुखता से खबर पब्लिश की थी. इस पर अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से ईटीवी भारत का धन्यवाद किया गया. संगठन की ओर से मामले में उत्तर रेलवे की महाप्रबंधक, सीसीएम कैटरिंग और डीआरएम दिल्ली से शिकायत कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई थी.

नॉर्दर्न रेलवे के चीफ कमर्शियल मैनेजर (सीसीएम) कैटरिंग की ओर से बीती 21 मई को सभी कमर्शियल मैनेजर को आदेश जारी किया गया. इसमें रेलवे स्टेशनों के सभी स्टॉल पर 100 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा गया था. क्यूआर कोड स्वाइप मशीन आदि की व्यवस्था करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया गया. यानी 28 मई से सिर्फ डिजिटल पेमेंट पर ही यात्री सामान खरीद सकते थे.

आरोप है कि रेलवे स्टेशन पर रेलवे के कमर्शियल विभाग की ओर से दुकानदारों को सिर्फ और सिर्फ डिजिटल पेमेंट लेने के लिए कहा जाने लगा और आदेश न मानने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी जा रही थी. दुकानदार इसका विरोध करने लगे. दुकानदारों का कहना था कि क्यूआर कोड स्वाइप मशीन पहले से ही काउंटर पर हैं, जो यात्री चाहता है वह डिजिटल पेमेंट करता है. लेकिन सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही सामान बेचना संभव नहीं है.

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अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता ने कहा कि सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही दुकानदार सामान बेचे यह सम्भव नहीं है. 26 मई को ईटीवी भारत ने इस पर प्रमुखता से खबर पब्लिश की कि बड़ी संख्या में यात्री पैसा देकर सामान खरीदते हैं. यदि यह आदेश अनिवार्य कर दिया जाएगा तो यात्रियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

बता दें, नई दिल्ली जैसे रेलवे स्टेशन पर डिजिटल पेमेंट के जरिए अनारक्षित टिकट लेने की व्यवस्था है. लेकिन सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही डिजिटल पेमेंट के जरिए टिकट लेते हैं. 90 प्रतिशत लोग कैश से टिकट लेते हैं. रविंद्र गुप्ता ने कहा कि रेलवे अपने आदेश से बैकफुट पर आ गया. इसके लिए ईटीवी भारत का आभार. मामले में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर कैश और डिजिटल पेमेंट दोनों की सुविधा रहेगी.

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