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यूपी में घरेलू बिजली कनेक्शन का कॉमर्शियल इस्तेमाल करने पर अब नहीं होगी FIR; सिर्फ लगेगा 5 हजार जुर्माना

अभी तक FIR होने के बाद उपभोक्ता को केस भी लड़ना पड़ता था और जुर्माना भी भरना पड़ता था, इससे उपभोक्ता की किरकिरी होती थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. अब ऐसे बिजली उपभोक्ता जो एक से लेकर पांच किलोवाट तक का घरेलू कनेक्शन लिए हुए हैं, लेकिन इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं और जांच के दौरान पकड़े जाते हैं तो भी उन पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी, बल्कि सिर्फ जुर्माना वसूला जाएगा.

अभी तक ऐसे मामलों में उपभोक्ता के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाती थी. इसके बाद उसे केस भी लड़ना पड़ता था और जुर्माना भी भरना पड़ता था, लेकिन अब सिर्फ जुर्माना भरने से ही काम चलेगा, उपभोक्ता की किरकिरी नहीं होगी.

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले सभी 19 जिलों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दे दिया है. प्रबंध निदेशक भवानी सिंह ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी विद्युत (कठिनाई का निवारण) प्रथम आदेश 2009 के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को यह राहत प्रदान की गई है.

अब अगर जांच के दौरान पांच किलोवाट या उससे कम स्वीकृत भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर का आंशिक उपयोग कॉमर्शियल एक्टिविटीज में पाया जाता है तो जुर्माने के साथ नोटिस जारी की जाएगी. सीधे एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी.

अभी तक इस तरह के मामलों में एफआईआर ही दर्ज करने का प्रावधान था, लेकिन नियामक आयोग के निर्देश के बाद इस तरह की व्यवस्था मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के उपभोक्ताओं के लिए लागू की जा रही है. सिर्फ लखनऊ के ही करीब 13 लाख उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर इससे राहत मिलेगी.

उन्होंने बताया कि एक किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर वाणिज्यिक प्रयोग होते पाए जाने पर उपभोक्ता से ₹5000 जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह एक किलोवाट के व्यावसायिक कनेक्शन पर लोड ज्यादा पाया जाएगा तो ₹10,000 जुर्माना लगेगा.

पांच किलोवाट पर लोड से ज्यादा इस्तेमाल पर ₹50000 का जुर्माना उपभोक्ता को भरना पड़ेगा. इन मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी. हालांकि, ऐसे मामलों में एफआईआर का भी प्रावधान रहेगा जो इतने भार पर बिजली चोरी करते हुए या मीटर बाइपास करते पाए जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः UP के 3.5 करोड़ बिजली ग्राहकों को छूट, ये 17 काम GST फ्री, नया कनेक्शन लेने में भी योगी सरकार ने दी राहत

लखनऊ: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. अब ऐसे बिजली उपभोक्ता जो एक से लेकर पांच किलोवाट तक का घरेलू कनेक्शन लिए हुए हैं, लेकिन इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं और जांच के दौरान पकड़े जाते हैं तो भी उन पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी, बल्कि सिर्फ जुर्माना वसूला जाएगा.

अभी तक ऐसे मामलों में उपभोक्ता के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाती थी. इसके बाद उसे केस भी लड़ना पड़ता था और जुर्माना भी भरना पड़ता था, लेकिन अब सिर्फ जुर्माना भरने से ही काम चलेगा, उपभोक्ता की किरकिरी नहीं होगी.

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले सभी 19 जिलों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दे दिया है. प्रबंध निदेशक भवानी सिंह ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी विद्युत (कठिनाई का निवारण) प्रथम आदेश 2009 के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को यह राहत प्रदान की गई है.

अब अगर जांच के दौरान पांच किलोवाट या उससे कम स्वीकृत भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर का आंशिक उपयोग कॉमर्शियल एक्टिविटीज में पाया जाता है तो जुर्माने के साथ नोटिस जारी की जाएगी. सीधे एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी.

अभी तक इस तरह के मामलों में एफआईआर ही दर्ज करने का प्रावधान था, लेकिन नियामक आयोग के निर्देश के बाद इस तरह की व्यवस्था मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के उपभोक्ताओं के लिए लागू की जा रही है. सिर्फ लखनऊ के ही करीब 13 लाख उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर इससे राहत मिलेगी.

उन्होंने बताया कि एक किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर वाणिज्यिक प्रयोग होते पाए जाने पर उपभोक्ता से ₹5000 जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह एक किलोवाट के व्यावसायिक कनेक्शन पर लोड ज्यादा पाया जाएगा तो ₹10,000 जुर्माना लगेगा.

पांच किलोवाट पर लोड से ज्यादा इस्तेमाल पर ₹50000 का जुर्माना उपभोक्ता को भरना पड़ेगा. इन मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाएगी. हालांकि, ऐसे मामलों में एफआईआर का भी प्रावधान रहेगा जो इतने भार पर बिजली चोरी करते हुए या मीटर बाइपास करते पाए जाएंगे.

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