लखनऊ: दूरसंचार विभाग में मोबाइल ग्राहकों को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और सरकार की नागरिक केंद्रीय पहल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पिछले साल संचार साथी पोर्टल की शुरुआत की थी.
इस पोर्टल पर आमजन उनके नाम पर जारी किए गए मोबाइल कनेक्शन के बारे में, जरूरत न रहने पर कनेक्शन को काटने, चोरी और खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने के साथ ही उनका पता लगाने और नया कोई भी दूरसंचार उपकरण खरीदते समय उसकी वास्तविकता की जांच करने की सुविधा प्रदान करता है.
संचार साथी में कई मॉड्यूल शामिल हैं. अब दूरसंचार विभाग ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए धोखाधड़ी की रिपोर्ट भी करने की सुविधा संचार पोर्टल पर उपलब्ध कराई है. चक्षु पर अब इस तरह की सुविधा प्रदान की गई है.
देश के रेल एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दो अन्य सेवाओं की सोमवार को शुरुआत की. लखनऊ में दूरसंचार विभाग के अपर महानिदेशक घनश्याम चतुर्वेदी ने इन दोनों सेवाओं के बारे में जानकारी दी.
संचार साथी पोर्टल पर अब एक नई सेवा चक्षु के नाम से जोड़ी गई है. चक्षु नागरिकों को कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त संदिग्ध या अनचाहे संचार की रिपोर्ट करने की सुविधा देगा. जो साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, नकली ग्राहक सेवा, लॉटरी प्रस्ताव, ऋण प्रस्ताव, नौकरी प्रस्ताव, मोबाइल टावर लगवाने और कनेक्शन काटने संबंधी शिकायतों के लिए है.
संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की ऐसी सक्रिय रिपोर्टिंग से दूरसंचार विभाग को साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी आदि के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा. चक्षु वित्तीय धोखाधड़ी या साइबर अपराध मामलों के बारे में रिपोर्टिंग करने की सुविधा नहीं है.
अगर कोई पहले ही वित्तीय धोखाधड़ी के कारण पैसा खो चुका है या साइबर अपराध का शिकार है तो साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करने का सुझाव देता है. इसके अलावा गुम या फिर चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करने के लिए भी अब अनुरोध किया जा सकता है. जिसमें CEIR मॉड्यूल मददगार होगा.
यह सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों के नेटवर्क में खोए या चोरी हुए मोबाइल उपकरणों को ब्लॉक करने की सुविधा देता है जिससे खोए हुए या चोरी हुए उपकरणों का भारत में उपयोग न किया जा सके. अगर कोई ब्लॉक किए गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है तो उसकी ट्रेसबिलिटी जनरेट हो जाती है.
एक बार मोबाइल फोन मिल जाने पर सामान्य उपयोग के लिए पोर्टल पर अनब्लॉक किया जा सकता है. यह काम स्वयं मोबाइल धारक कर सकता है. इसके अलावा टैफकॉप का की भी सुविधा दी गई है.
इस पर मोबाइल धारक उसके नाम पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन की संख्या की जांच कर सकता है. यह उन मोबाइल कनेक्शन की रिपोर्ट करने की भी सुविधा देता है जिनकी या तो आवश्यकता नहीं है या ग्राहक ने लिया ही नहीं है.
अपर महानिदेशक दूरसंचार विभाग घनश्याम चतुर्वेदी बताते हैं की तीन माह में सभी जगह 4G की सुविधा बीएसएनएल की तरफ से शुरू कर दी जाएगी. ग्रामीण इलाकों में भी 4 जी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. 5G पर भी तेजी से काम चल रहा है.
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