नई दिल्ली: डीटीसी की तरफ से नोटिस जारी कर कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि अगर कोई भी कर्मचारी 5 से 9 दिसंबर तक छुट्टी पर रहता है तो माना जाएगा कि वह डीटीसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है. दिल्ली में एक बार फिर दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) बसों का संचालन रुकने के डर से विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया गया है. इससे लाखों राहगीरों की परेशानी बढ़ सकती है.
इसलिए प्रदर्शन कर सकते हैं कर्मचारी
डीटीसी के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. कई बार प्रदर्शन कर अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया, मांगे नहीं पूरी हुई तो दिल्ली में बसों का संचालन बंद कर दिया. इसके बाद बीती 19 नवंबर को मुख्यमंत्री आतिशी ने डीटीसी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की. डीटीसी के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार और डीटीसी की तरफ से 5 दिसंबर तक का वक्त मांगा गया था. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से समय दिया गया था. साथ ही यह भी आवाहन किया गया था कि यदि मांगे नहीं पूरी हुईं तो 6 दिसंबर से कर्मचारी दिल्ली में फिर से हड़ताल करेंगे. कुछ मांगों पर कागजी कार्रवाई शुरू हो गई है, लेकिन कुछ मांगों पर अभी कोई काम नहीं हुआ है. ऐसे में दिल्ली सरकार और डीटीसी को डर है कि कहीं फिर से कर्मचारी दिल्ली में बसों का संचालन न बंद कर दें. ऐसे में डीटीसी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है.
यूनियन ने हड़ताल-धरना किया स्थगित
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से कहा गया है कि डीटीसी और दिल्ली सरकार को डर है कि कर्मचारी 6 तारीख से धरना प्रदर्शन या हड़ताल पर ना चले जाएं, इसलिए नोटिस जारी कर ये हथकंडे अपना रही है. क्योंकि 15 दिन का दिया गया समय 5 दिसंबर को खत्म हो रहा है. यूनियन के अध्यक्ष ललि चौधरी का कहना है कि कर्मचारियों के हितों को देखते 6 तारीख से होने वाले धरने प्रदर्शन को स्थगित किया गया है. क्योंकि कर्मचारियों के हित के लिए डीटीसी द्वारा कई फैसले लिए जा चुके हैं और अन्य मांगों पर भी फाइल तेजी से चल रही है और मुख्यमंत्री एवं उनके कोऑर्डिनेटर का भी कर्मचारियों के मांगों के प्रति पॉजिटिव रिस्पांस है. कुछ टेक्निकल प्वाइंट के करण समय अधिक लग रहा है इसलिए यूनियन द्वारा सरकार और विभाग को कुछ और समय दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों के हितों के कार्य को सुचारू रूप से किया जा सके.
कुछ मांगें पूरी, कुछ अधूरी
डीटीसी में कर्मचारियों का एक से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया था. ऐसे में उन्हें समस्या हो गई थी. अब म्यूचुअल ट्रांसफर की व्यवस्था शुरू की गई है. डीटीसी के बेड़े में बसों की संख्या लगातार कम हो रही है. इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं. इलेक्ट्रिक बसों का संचालन उन्हें बनाने वाली कंपनी कर रही है. ऐसे में डीटीसी चालकों का क्या होगा. इसको लेकर चालकों परिचालकों में बड़ी चिंता थी. अब डीटीसी चालकों को भी इलेक्ट्रिक बसें चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही अन्य कई मांगे पूरी हो गई हैं. समान कार्य समान वेतन, डीए आदि मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं.
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