नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने किसी महिला को अपना पहला उपनाम हासिल करने की अनिवार्यता संबंधी अधिसूचना को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 28 मई को करने का आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता दिव्या मोदी टोंग्या ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि ये नोटिफिकेशन संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया कि नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर मामला कोर्ट में लंबित है तो उसके अंतिम फैसला आने तक आवेदक के नाम में बदलाव नहीं किया जा सकता है.
याचिका में ये भी कहा गया कि ये नोटिफिकेशन किसी महिला के पहले के उपनाम को अपनाने के उसके अधिकार का उल्लंघन करता है. ये नोटिफिकेशन लैंगिक भेदभाव और महिलाओं के साथ अनुचित भेदभाव वाला है.
- ये भी पढ़ें: दिल्ली एम्स से पढ़ाई करने पर भी नौकरी न मिलने पर छात्रों ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा, यहां फंसा है पेंच
बता दें कि याचिकाकर्ता ने शादी के बाद अपना नाम बदलकर दिव्या मोदी टोंग्या रखा था. शादी के पहले याचिकाकर्ता का नाम दिव्या मोदी था. महिला अपने पति से तलाक ले रही है और अपने पहले के उपनाम के साथ अपना नाम दिव्या मोदी करना चाहती है. लेकिन ये नोटिफिकेशन उसके नाम में बदलाव के आड़े आ रहा है. याचिका में कहा गया कि उपनाम में बदलाव के लिए इस नोटिफिकेशन के जरिये अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग करना भी भेदभावपूर्ण है.