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लंबित राजस्व मामलों में लापरवाही पर 124 अफसरों को चेयरमैन रजनीश दुबे ने जारी किया नोटिस - Notice to Revenue Officers

प्रदेशभर में राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों को लेकर सीएम योगी के निर्देश के बाद बड़ा एक्शन देखने को मिला है. राजस्व परिषद चेयरमैन ने 124 अफसरों को नोटिस जारी की

एक्शन मोड में राजस्व विभाग
एक्शन मोड में राजस्व विभाग (Photo Credit ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 9:01 PM IST

Updated : Jun 11, 2024, 1:54 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीष दुबे की राजस्व से जुड़े मामलों की समीक्षा के बाद बड़ा एक्शन लिया है. लापरवाही बरतने वाले 124 राजस्व अफसरों को नोटिस जारी की गई है. रियल टाइम खतौनी और घरौनी अपडेशन, राजस्व मामलों के निपटाने में लापरवाही पर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार नायब और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. राजस्व परिषद अध्यक्ष रजनीश दुबे के निर्देश पर राजस्व परिषद की कमिश्नर मनीषा त्रिघाटिया ने सभी अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी की है.

राजधानी लखनऊ के राजस्व परिषद स्थित सभागार में सोमवार को राजस्व परिषद के चेयरमैन डॉ. रजनीश दुबे की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरुप्रसाद की उपस्थिति में अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में किसानों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई. 30 जून तक समस्त ई-खतौनी (रियल टाइम खतौनी) को पूरा किए जाने के निर्देश दिए गए. समीक्षा के दौरान खासकर प्रयागराज और वाराणसी के फिसड्डी रहने पर नाराजगी जताई गई.

बैठक में औद्योगिक निवेश को देखते हुए कई जिलों में धारा-80, राजस्व संहिता-2006 के लंबित मामलों को लेकर नाराजगी जताते हुए (विशेषकर लखनऊ, प्रयागराज और बाराबंकी फिसड्डी) 30 जून तक सभी लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसी के साथ धारा-24, उप्र राजस्व संहिता-2006 के तहत पैमाइश के मामलों पर भी मौके पर कोर्ट लगाकर निपटारित अभियान के रूप में निस्तारित करने के निर्देश दिए गए.

इसके साथ ही पैमाइश और कब्जे से जुड़ा महत्वपूर्ण बिन्दु गांवों के सीमा स्तम्भों का है, जिसमें प्रदेश में लगभग ढाई लाख क्षतिग्रस्त सीमा स्तम्भों को दोबारा लगाने का अभियान शुरू करके एक महीने में पूरा किए जाने के निर्देश भी दिए गए.

बता दें कि, राजस्व परिषद चेयरमैन की अध्यक्षता में दो दिन पहले पश्चिमी यूपी और बन्देलखण्ड के जिलों की भी समीक्षा की गयी थी. जिसमें स्वामित्व योजना (घरौनी) में 13 जिलों की स्थिति खराब पाई गई. जिसके लिए संबंधित जिलों के नोडल अपर जिलाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी की गई.

वहीं रियल टाइम खतौनी में संतोषजनक उपलब्धि नहीं रहने के कारण 62 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. राजस्व मामलों के निपटारे में लापरवाही बरतने वाले "सी" श्रेणी के 26 अपर जिलाधिकारियों, 07 उप जिलाधिकारियों, 07 तहसीलदारों और 09 नायब तहसीलदारों को भी कारण बताओ नोटिस जारी की गई है.

ये भी पढ़ें : सीएम योगी ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से की मुलाकात, सामने आई ये वजह

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीष दुबे की राजस्व से जुड़े मामलों की समीक्षा के बाद बड़ा एक्शन लिया है. लापरवाही बरतने वाले 124 राजस्व अफसरों को नोटिस जारी की गई है. रियल टाइम खतौनी और घरौनी अपडेशन, राजस्व मामलों के निपटाने में लापरवाही पर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार नायब और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. राजस्व परिषद अध्यक्ष रजनीश दुबे के निर्देश पर राजस्व परिषद की कमिश्नर मनीषा त्रिघाटिया ने सभी अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी की है.

राजधानी लखनऊ के राजस्व परिषद स्थित सभागार में सोमवार को राजस्व परिषद के चेयरमैन डॉ. रजनीश दुबे की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरुप्रसाद की उपस्थिति में अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में किसानों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई. 30 जून तक समस्त ई-खतौनी (रियल टाइम खतौनी) को पूरा किए जाने के निर्देश दिए गए. समीक्षा के दौरान खासकर प्रयागराज और वाराणसी के फिसड्डी रहने पर नाराजगी जताई गई.

बैठक में औद्योगिक निवेश को देखते हुए कई जिलों में धारा-80, राजस्व संहिता-2006 के लंबित मामलों को लेकर नाराजगी जताते हुए (विशेषकर लखनऊ, प्रयागराज और बाराबंकी फिसड्डी) 30 जून तक सभी लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसी के साथ धारा-24, उप्र राजस्व संहिता-2006 के तहत पैमाइश के मामलों पर भी मौके पर कोर्ट लगाकर निपटारित अभियान के रूप में निस्तारित करने के निर्देश दिए गए.

इसके साथ ही पैमाइश और कब्जे से जुड़ा महत्वपूर्ण बिन्दु गांवों के सीमा स्तम्भों का है, जिसमें प्रदेश में लगभग ढाई लाख क्षतिग्रस्त सीमा स्तम्भों को दोबारा लगाने का अभियान शुरू करके एक महीने में पूरा किए जाने के निर्देश भी दिए गए.

बता दें कि, राजस्व परिषद चेयरमैन की अध्यक्षता में दो दिन पहले पश्चिमी यूपी और बन्देलखण्ड के जिलों की भी समीक्षा की गयी थी. जिसमें स्वामित्व योजना (घरौनी) में 13 जिलों की स्थिति खराब पाई गई. जिसके लिए संबंधित जिलों के नोडल अपर जिलाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी की गई.

वहीं रियल टाइम खतौनी में संतोषजनक उपलब्धि नहीं रहने के कारण 62 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई. राजस्व मामलों के निपटारे में लापरवाही बरतने वाले "सी" श्रेणी के 26 अपर जिलाधिकारियों, 07 उप जिलाधिकारियों, 07 तहसीलदारों और 09 नायब तहसीलदारों को भी कारण बताओ नोटिस जारी की गई है.

ये भी पढ़ें : सीएम योगी ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से की मुलाकात, सामने आई ये वजह

Last Updated : Jun 11, 2024, 1:54 PM IST
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